नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया से लेकर वॉट्सऐप पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि रामपुर में एक बच्ची के दुष्कर्म के आरोपी को IPS डॉ. अजय पाल शर्मा ने गोली मारकर ढेर कर दिया। विश्वास टीम ने जब इसकी पड़ताल की तो पता चला कि रामपुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. अजय पाल शर्मा ने रेप के आरोपी को खुद कोई गोली नहीं मारी थी। जिस वक्त यह एनकाउंटर हुआ, पुलिस अधीक्षक अपने घर पर थे। इस एनकाउंटर में दूसरे पुलिसकर्मी शामिल थे। दोनों पैर में गोली लगने के बाद दुष्कर्म और हत्या का आरोपी नाजिल फिलहाल मेरठ के अस्पताल में भर्ती है।
फेसबुक, ट्विटर से लेकर वॉट्सऐप पर रामपुर के SP डॉ. अजय पाल शर्मा को लेकर 23 जून से कई पोस्ट वायरल हो रही है। एक ऐसी ही पोस्ट Hindus of Punjab नाम के फेसबुक पेज पर भी 23 जून को की गई। इसमें दावा किया गया है, ”देश में अपनी तरह का पहला एनकाउंटर। रामपुर में एक बच्ची के अपराधी को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दबंग IPS अजय पल शर्मा ने किया ढ़ेर। राष्ट्र को इस नई शुरुआत की बधाई। अब हमें खुद ही अदालत बनके फैसले सुनाने होंगे।”
इस पोस्ट में Policenewsup.com की एक खबर का प्रिंटशॉट लगाया गया था। ऐसी कई पोस्ट हमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मिली।
विश्वास टीम ने सच्चाई का पता लगाने के लिए सबसे पहले दैनिक जागरण के रामपुर संस्करण के ईपेपर को स्कैन करना शुरू किया। 24 जून के संस्करण में हमें फ्रंट पेज पर एक खबर मिली। खबर की हेडिंग थी : बच्ची के हत्यारोपित को मारी गोली। खबर काफी विस्तार से थी। इस पूरी खबर में कहीं भी यह दावा नहीं मिला कि पुलिस अधीक्षक डॉ. अजय पाल शर्मा ने गोली मारी।
इसके बाद हम पेज नंबर 5 पर गए। वहां हमें पता चला कि पुलिस ने दुष्कर्म के बाद मासूम की हत्या करने वाले बदमाश को मुठभेड़ के बाद पकड़ लिया। उसे पकड़ने वाली टीम में सिविल कोतवाल राधेश्याम, क्राइम ब्रांच प्रभारी रामवीर सिंह, सिविल लाइंस कोतवाली में तैनात इंस्पेक्टर ऋषिपाल सिंह, एसएसआइ सुभाष चंद यादव, क्राइम ब्रांच में तैनात सिपाही राहुल कुमार मलिक, सरफराज अहमद, नितिन, अंकित, अंकुर और सुशील शामिल रहे।
पूरी स्टोरी में कहीं भी पुलिस अधीक्षक की ओर से गोली चलाने की बात हमें नहीं मिली। पूरी खबर आप दैनिक जागरण की वेबसाइट jagran.com पर भी यहां पढ़ सकते हैं।
इसके बाद हमने रामपुर पुलिस के ट्विटर हैंडल @rampurpolice पर गए। वहां हमें डॉ. अजय पाल शर्मा का एक वीडियो मिला। इसमें एसपी रामपुर के एनकाउंटर की जानकारी दे रहे हैं,लेकिन इसमें भी कहीं यह नहीं कहा गया कि एनकाउंटर में खुद एसपी शामिल थे।
विश्वास टीम अपनी पड़ताल के अगले चरण में रामपुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. अजय पाल शर्मा तक पहुंची। उन्होंने बताया कि जब बदमाश को गोली मारी गई तो वे अपने आवास पर थे। एनकाउंटर की सूचना मिलने पर पूछताछ के लिए जिला अस्पताल पहुंचे थे। सोशल मीडिया पर गलत प्रचार के बारे में पुलिस अधीक्षक का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है कि यह कैसे हो गया।
रामपुर एसपी से बात करने के बाद विश्वास टीम उस वेबसाइट पर गई, जिसके प्रिंटशॉट का यूज वायरल पोस्ट में किया गया था। policenewsup.com की इस वेबसाइट पर हमें मूल खबर मिली। खबर की हेडिंग थी : बच्ची के रेपिस्ट को IPS अजय पाल शर्मा ने सीधे गोली मारी। खबर 23 जून को सुबह 8:13 बजे अपलोड की गई थी। इस खबर में साफ-साफ लिखा था कि रामपुर के कप्तान एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अजय पाल शर्मा ने नाजिल का एनकाउंटर किया। इस वेबसाइट पर पुलिस से जुड़ी खबरों को पब्लिश किया जाता है।
रामपुर के कांशीराम कॉलोनी पहाड़ी गेट के निवासी एक व्यक्ति की छह साल की बेटी सात मई को घर के बाहर खेलते समय अचानक गायब हो गई थी। परिजनों ने सिविल लाइंस कोतवाली में गुमशुदगी भी दर्ज कराई थी। 22 जून को बच्ची का कंकाल एक निर्माणाधीन घर से बरामद किया,जिसके बाद पुलिस मुठभेड़ में आरोपी के पैर में गोली लगी। उसे इलाज के लिए मेरठ भेजा गया है।
अंत में हमने वायरल पोस्ट फैलाने वाले फेसबुक पेज Hindus of Punjab का सोशल स्कैन किया। हमें पता लगा कि इस पेज को 55 हजार लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष : हमारी पड़ताल में पता चला कि रामपुर में हुए एनकाउंटर में जिले के एसपी डॉ. अजय पाल शर्मा ने गोली नहीं चलाई थी। एनकाउंटर के वक्त वे अपने घर पर मौजूद थे। सूचना मिलने के बाद वे सीधे अस्पताल पहुंचे थे। जिस आरोपी के पैर में गोली लगी है, उसे उपचार के लिए मेरठ रेफर किया जा चुका है।
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