Fact Check : प्रेरणा एनजीओ अब नहीं है इन्फोसिस फाउंडेशन का हिस्सा, वायरल पोस्ट भ्रामक

इन्फोसिस फाउंडेशन अब प्रेरणा एनजीओ का हिस्सा नहीं है। यह पोस्ट साल 2011 से सोशल मीडिया पर वायरल है, जब दोनों मिलकर गरीब बच्चों की मदद करते थे।

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि प्रेरणा नाम का एक एनजीओ गरीब छात्रों की मदद करता है, जिन छात्रों की वित्तीय हालत खराब है। वो इस एनजीओ की मदद से अपनी आगे की पढ़ाई कर सकते हैं। ऐसा छात्रों के लिए प्रेरणा एनजीओ एक परीक्षा करवा रहा है। इस साल 10वीं कक्षा में 80% से अधिक अंक लाने वाले छात्र इस परीक्षा को दे सकते हैं। छात्रों की इस मदद में इन्फोसिस फाउंडेशन, प्रेरणा एनजीओ की मदद कर रहा है। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट भ्रामक है। वायरल पोस्ट काफी समय से सोशल मीडिया पर वायरल है, अब इन्फोसिस  फाउंडेशन प्रेरणा एनजीओ का हिस्सा नहीं है।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर ‘बाल किशन शर्मा’ ने 19 मई 2023 को वायरल पोस्ट को शेयर किया है। यूजर ने अंग्रेजी में लिखा है, “अगर आप किसी गरीब और मेधावी छात्र को जानते हैं, जिसने इस वर्ष अपनी 10वीं कक्षा पूरी की है। अगर वो 80% से अधिक अंक लेकर आया है, तो कृपया उनसे पूछें उसे  एनजीओ – प्रेरणा (इन्फोसिस  फाउंडेशन द्वारा समर्थित) के बारे में बताएं और संपर्क करने के लिए कहें। एनजीओ एक लिखित परीक्षा आयोजित कर रहा है और जो परीक्षा उत्तीर्ण करेंगे उसे आगे की पढ़ाई के लिए वित्तीय मदद मिलेगी।

कृपया परीक्षा में भाग लेने के लिए नीचे दिए गए लोगों से संपर्क करें।

संपर्क संख्या:

1. सुश्री सरस्वती – 9900906338

2. श्री शिवकुमार – 99866 30301

3. सुश्री बिंदू – 99645 34667

इसे दूसरे ग्रुप में भी फॉरवर्ड करें।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए हमने सबसे पहले पोस्ट में मौजूद तीनों फोन नंबरों पर कॉल किया,लेकिन हमें कोई भी नंबर सही नहीं मिला। हमारी किसी भी नंबर पर बातचीत नहीं हो पाई।

पोस्ट में एक लिंक भी दिया गया है, लिंक पर क्लिक करने पर इन्फोसिस फाउंडेशन की आधिकारिक वेबसाइट खुल जाती है। लेकिन वेबसाइट पर हमें प्रेरणा एनजीओ से जुड़ी कोई जानकारी नहीं मिली।

हमने प्रेरणा एनजीओ की वेबसाइट को भी खंगाला। मौजूद जानकारी के अनुसार, यह एनजीओ खराब वित्तीय हालत वाले छात्रों को सहायता प्रदान करती  हैं। हालांकि,  हमें वायरल पोस्ट से जुड़ी कोई भी जानकारी वहां नहीं मिली।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। हमें इस बारे में हाल की कोई न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली। हालांकि, हमें 16 मई 2011 को टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के अनुसार, इन्फोसिस फाउंडेशन प्रेरणा एनजीओ की मदद से गरीब छात्रों की मदद कर रहा है। 

अधिक जानकारी के लिए हमने इन्फोसिस के एक प्रवक्ता ऋषि बसु से संपर्क किया। उन्होंने हमें जवाब देते हुए बताया, “वायरल पोस्ट गलत है। इन्फोसिस प्रेरणा फाउंडेशन से जुड़ा हुआ नहीं है। यह पोस्ट काफी सालों से सोशल मीडिया पर वायरल है।” 

पड़ताल के अंत में हमने वायरल पोस्ट को भ्रामक दावे के  साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर बाल किशन शर्मा के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से प्रभावित है। अकाउंट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, यूजर गाजियाबाद का रहने वाला है।

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि इन्फोसिस फाउंडेशन अब प्रेरणा एनजीओ का हिस्सा नहीं है। यह पोस्ट साल 2011 से सोशल मीडिया पर वायरल है, जब दोनों मिलकर गरीब बच्चों की मदद करते थे।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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