हिमाचल प्रदेश में इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख-सम्मान निधि योजना के तहत अब परिवार की एक महिला को 1500 रुपये मिलेंगे। हालांकि, इसके लिए लाभार्थी को पात्रता की शर्तों को पूरा करना होगा। इसमें कहीं भी धर्म के आधार पर लाभार्थी के चयन का जिक्र नहीं है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। हिमाचल प्रदेश में राज्य सरकार की तरफ से महिलाओं के लिए ‘इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना’ चलाई जा रही है। इसके तहत योजना की पात्र महिलाओं को 1500 रुपये प्रति महीना मिलने हैं। इसी योजना से जोड़कर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि हिमाचल में अब सभी महिलाओं को नहीं, बल्कि मुस्लिम महिलाओं को 1500 रुपये मिलेंगे।
विश्वास न्यूज की जांच में पता चला है कि हिमाचल में ‘इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना’ की पात्रता में बदलाव जरूर किया गया है, लेकिन इसका धर्म के आधार पर चयन से कोई संबंध नहीं है। विभाग की तरफ से 2384 अपात्र महिलाओं के आवेदन निरस्त किए गए हैं।
इंस्टाग्राम यूजर borkar397 ने 11 सितंबर को पोस्ट (आर्काइव लिंक) में लिखा,
“हिमाचल में अब सभी महिलाओं को नहीं मिलेगें 1500 रूपये महिना, मगर मुस्लिम महिलाओं को पन्द्रह सौ रुपए मिलते रहेंगे!”
वायरल दावे की जांच के लिए हमने सबसे पहले हिमाचल प्रदेश में इस योजना के बारे में जानने के लिए राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट को स्कैन किया। इसमें Indira Gandhi Pyari Behna Sukh-Samman Nidhi Yojna के बारे में अधिसूचना अपलोड मिली।
13 मार्च 2024 को जारी इस अधिसूचना के अनुसार, राज्य में पहले से लागू ‘इंदिरा गांधी महिला सम्मान निधि योजना-2023’ की जगह अब ‘इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख-सम्मान निधि योजना’ राज्य में लागू कर दी गई है। इसके तहत पात्र महिलाओं को 1500 रुपये प्रति माह मिलेंगे। इसके लिए महिलाओं को फॉर्म भरकर तहसील कल्याण अधिकारी को देना होगा। जिला कल्याण अधिकारी व तहसील कल्याण अधिकारी के कार्यालय में फॉर्म फ्री में मिलेंगे।
इसके लिए 18-59 वर्ष की हिमाचल प्रदेश की स्थायी निवासी महिलाएं पात्र होंगी। साथ ही उनके परिवार का कोई सदस्य निम्न वर्गों में शामिल न हो-
– केन्द्र/राज्य सरकार के कर्मचारी/ पेंशनर
– अनुबन्ध/ आउटसोर्स/ दैनिक वेतनभोगी/ अंशकालिक इत्यादि वर्ग के कर्मचारी
सेवारत/ भूतपूर्व सैनिक व सैनिक विधवायें
– मानदेय प्राप्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/ सहायिका/ आशा वर्कर/ मिड-डे-मील वर्कर/ मल्टी टास्क वर्कर
– सामाजिक सुरक्षा पेंशन लाभार्थी
– पंचायत राज संस्थाओं/ शहरी स्थानीय निकायों के कर्मचारी
– केन्द्र/ राज्य सरकार के अन्तर्गत विभिन्न सार्वजनिक उपक्रम/बोर्ड/काउंसिल/एजेंसी में कार्यरत/पेंशनभोगी
– वस्तु एवं सेवाकर हेतु पंजीकृत व्यक्ति तथा आयकरदाता आदि
– बौद्ध मठों में स्थाई रूप से रहने वाली बौद्ध भिक्षुणियां (चोमो)
इसमें कहीं भी धर्म को आधार बनाकर पात्रता तय नहीं की गई है।
7 सितंबर को दैनिक जागरण की वेबसाइट पर छपी खबर के अनुसार, “इस योजना के तहत 31 जुलाई तक करीब आठ लाख महिलाओं ने आवेदन किया है। इनमें से 2384 को अपात्र ठहराया गया है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने बताया कि इस योजना के तहत परिवार की केवल एक महिला को ही इसका लाभ मिलेगा।”
इस बारे में हमने शिमला के डीपीआरओ अनिल गोमा से बात की। उनका कहना है कि इस योजना में पात्रों का चयन किया जा रहा है। सरकार ने नई शर्त भी जोड़ी है, लेकिन इसमें धर्म के आधार पर चयन की बात गलत है।
वहीं, हिमाचल में दैनिक जागरण के स्टेट हेड नवनीत शर्मा ने कहा कि पहले शासन की तरफ से सभी महिलाओं को इस योजना का लाभ देने की बात की गई थी, लेकिन अब परिवार की केवल एक महिला को लाभ देने की बात कही गई है। पात्र महिलाओं को ही इसका लाभ मिलेगा।
वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले इंस्टाग्राम यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। यूजर के 1951 फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: हिमाचल प्रदेश में इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख-सम्मान निधि योजना के तहत अब परिवार की एक महिला को 1500 रुपये मिलेंगे। हालांकि, इसके लिए लाभार्थी को पात्रता की शर्तों को पूरा करना होगा। इसमें कहीं भी धर्म के आधार पर लाभार्थी के चयन का जिक्र नहीं है।
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