Fact Check: यह तस्वीरें राम मंदिर अयोध्या की नहीं, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर वाराणसी की हैं

विश्वास टीम की पड़ताल में वायरल पोस्ट का दावा फर्जी पाया गया। पोस्ट में इस्तेमाल की जा रही तस्वीरें काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर वाराणसी के निर्माण कार्य की हैं, जिन्हें राम मंदिर अयोध्या के नाम से वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्ली (Vishvas News). सोशल मीडिया पर एक पोस्ट तेज़ी से वायरल हो रही है, जिसमें कुछ तस्वीरों का इस्तेमाल करते हुए दावा किया जा रहा है कि तस्वीरें राम मंदिर निर्माण अयोध्या की हैं। विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में वायरल पोस्ट का दावा फर्जी पाया। पोस्ट में इस्तेमाल की जा रही तस्वीरें काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर वाराणसी के निर्माण कार्य की हैं, जिन्हें राम मंदिर अयोध्या के नाम से वायरल किया जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल?

फेसबुक यूज़र “‎कुंदन चौहान राजपूत‎” ने 31 अक्टूबर को “जनसँख्या नियंत्रण कानून समर्थक ग्रुप | POPULATION CONTROL ACT SUPPORT GROUP” नाम के फेसबुक ग्रुप में तस्वीरों को अपलोड करते हुए लिखा: “अयोध्या प्रभु श्री राम जी की मंदिर निर्माण का पहला तस्वीर है। जिन भाईयों को देखकर ख़ुशी हुई, तो एक बार सच्चे दिल से आप #जयश्रीराम बोल दे।।।

वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड लिंक।

पड़ताल

पड़ताल की शुरुआत करते हुए हमने इन तस्वीरों को गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड कर सर्च किया। सर्च के नतीजों से यह साफ़ हो गया कि तस्वीरें राम मंदिर निर्माण की नहीं हैं। जागरण डॉट कॉम पर 27 अक्टूबर को प्रकाशित एक खबर में हमें यह तस्वीरें मिली। खबर की हेडलाइन थी: Dream Project of PM Modi: वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के निर्माण कार्य ने गति पकड़ी

खबर के अनुसार, यह तस्वीरें वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के निर्माण कार्य की हैं। इस खबर में वायरल तस्वीरें देखी जा सकती हैं। खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

वायरल तस्वीर हमें हिंदुस्तान टाइम्स की वेबसाइट पर प्रकाशित एक खबर में भी मिली। खबर यहां क्लिक कर पढ़ी जा सकती है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने तस्वीरों को लेकर हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के वाराणसी के रिपोर्टर शाश्वत मिश्र से सम्पर्क किया। शाश्वत ने साफ़ किया कि यह तस्वीरें काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के निर्माण कार्य की हैं।

यह साफ़ हो गया था कि वायरल तस्वीरें राम मंदिर अयोध्या के निर्माण की नहीं हैं, इसलिए अब बारी थी वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक अकाउंट कुंदन चौहान राजपूत की सोशल स्कैनिंग करने की। यह यूज़र बिहार का रहने वाला हैं और इसके अकाउंट को 1,712 लोग फॉलो कर रहे हैं। यह अकाउंट सितंबर 2017 में बनाया गया था।

निष्कर्ष: विश्वास टीम की पड़ताल में वायरल पोस्ट का दावा फर्जी पाया गया। पोस्ट में इस्तेमाल की जा रही तस्वीरें काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर वाराणसी के निर्माण कार्य की हैं, जिन्हें राम मंदिर अयोध्या के नाम से वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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