Fact Check : अयोध्या के राम मंदिर में नहीं हुआ सामूहिक दुष्कर्म, गलत दावा वायरल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। दावा भ्रामक साबित हुआ। अयोध्‍या के राम मंदिर में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। हमारी जांच में पता चला कि एक युवती ने अयोध्‍या के कैंट थाना में सामूहिक दुष्‍कर्म का केस दर्ज करवाया था।

Fact Check : अयोध्या के राम मंदिर में नहीं हुआ सामूहिक दुष्कर्म, गलत दावा वायरल

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। अयोध्‍या में एक युवती के साथ सामूहिक दुष्‍कर्म के आरोप में सात लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है। अब सोशल मीडिया में कुछ यूजर्स दावा कर रहे हैं कि राम मंदिर के अंदर यह अपराध हुआ है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्‍लेटफॉर्म पर यूपी सरकार और राम मंदिर पर निशान साधते हुए दावा किया जा रहा है कि राम मंदिर के अंदर युवती के साथ सामूहिक दुष्‍कर्म हुआ है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। दावा भ्रामक साबित हुआ। अयोध्‍या के राम मंदिर में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। हमारी जांच में पता चला कि एक युवती ने अयोध्‍या के कैंट थाना में सामूहिक दुष्‍कर्म का केस दर्ज करवाया था। इस युवती के अनुसार, वह राम मंदिर में सफाई का काम करती है। 2 सितंबर को एफआईआर दर्ज की गई। इसमें बताया गया कि युवती जब अपने पूर्व परिचित दोस्‍त से मिलने अलग-अलग तारीखों पर अलग-अलग जगहों पर गई तो उसके दोस्‍त और उसके साथियों ने उसके साथ सामूहिक दुष्‍कर्म किया। इस केस में सात लोगों को अरेस्‍ट करके जेल भेजा जा चुका है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर सन्तोष कुमार निषाद ने 16 सितंबर को अपनी एक पोस्‍ट में दावा, “राम के घर में लड़की सुरक्षित नहीं है। रावण जलाने का ढोंग करते हैं। **** का नाम गोपनीय रख दिया गया है। मंदिर में गैंग रेप हुआ है दलित लड़की थी इसलिए अंधभक्त मौन है।”

वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर कई सोशल मीडिया यूजर्स वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच के लिए के लिए सबसे पहले वायरल दावे के आधार पर कीवर्ड बनाया। फिर इसे गूगल ओपन सर्च टूल के जरिए सर्च किया। हमें कई न्‍यूज वेबसाइट पर घटना से जुड़ी खबरें मिलीं। 15 सितंबर 2024 को हरिभूमि न्‍यूज वेबसाइट में अपनी खबर में अयोध्‍या पुलिस के हवाले से बताया, “पीड़िता का आरोप है कि आरोपी, वंश चौधरी, सहादतगंज, अयोध्या निवासी ने उसे घुमाने ले जाने का झांसा दिया था। पीड़िता के अनुसार, वंश का यह वादा उसके शोषण के लिए एक बहाना था। पीड़िता ने बताया कि 25 अगस्त को मंदिर जाते समय उसे अपहरण कर लिया गया था। वंश, उदित कुमार, सतराम चौधरी और दो अज्ञात व्यक्तियों ने कार के अंदर उसके साथ रेप किया। तब उनकी कार एक मोड़ में डिवाइडर से टकरा गई, जिससे पीड़िता को भागने का मौका मिल गया।” संबंधित खबर को यहां पढ़ा जा सकता है।

सर्च के दौरान आजतक की वेबसाइट पर भी एक खबर मिली। 14 सितंबर की इस खबर में कहीं भी राममंदिर में सामूहिक दुष्‍कर्म का कोई जिक्र नहीं था। खबर में बताया गया कि दो सितंबर को कैंट थाने में सामूहिक दुष्‍कर्म की एफआईआर लिखी गई। दलित युवती का आरोप है कि उसके मित्र और उसके साथियों ने उसके साथ दुष्‍कर्म किया। पूरी खबर यहां पढ़ें।

कैंट पुलिस स्टेशन के प्रभारी अमरेंद्र सिंह ने विश्‍वास न्‍यूज को बताया कि यह दावा बिल्कुल बेबुनियाद है कि घटना राम मंदिर कैंपस में हुई है। युवती ने जिन-जिन स्‍थानों पर सामूहिक दुष्‍कर्म की बात कही थी, वह सभी राम मंदिर से काफी दूर है। इस केस में एफआईआर दर्ज करके सभी सातों आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल के दौरान दैनिक जागरण, अयोध्‍या के प्रभारी रामशरण अवस्थी से भी संपर्क किया। उन्‍होंने भी वायरल पोस्‍ट को लेकर बताया कि इस घटना से राम मंदिर का नाम गलत जोड़ा जा रहा है। ऐसी कोई घटना राम मंदिर में नहीं हुई है। वायरल पोस्‍ट गलत है।

जांच के अंत में वायरल पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की गई। पता चला कि यूजर को छह हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर यूपी के रामपुर का रहने वाला है।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में राम मंदिर में सामूहिक दुष्‍कर्म का दावा बेबुनियाद साबित हुआ। अयोध्‍या में एक युवती ने अपने मित्र और उसके साथियों पर सामूहिक दुष्‍कर्म का आरोप लगाया था। जिसके बाद सात आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है। राम मंदिर कैंपस में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।

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