Fact Check : बेंगलुरु में किसानों ने नहीं खोला सुपर मार्केट, पोस्‍ट झूठी है

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। बेंगलुरु के किसानों ने नहीं, बल्कि शहर के एक कपल ने सब्‍जी और फलों के सुपर मार्केट के रूप में एक स्‍टार्टअप शुरू किया है। इसे कुछ लोग किसानों की पहल बताकर वायरल कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। दिल्‍ली में चल रहे किसान आंदोलन के बीच कुछ तस्‍वीरें वायरल हो रही हैं। इन तस्‍वीरों को लेकर बताया जा रहा है कि बेंगलुरु के किसानों ने खुद का सुपर मार्केट तैयार किया है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। हमारी पड़ताल में वायरल पोस्‍ट का दावा झूठा निकला। बेंगलुरु के एक कपल ने यह स्‍टार्टअप शुरू किया था। इनके स्‍टार्टअप की तस्‍वीरों को अब कुछ लोग झूठे दावों के साथ वायरल कर रहे हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर वंदे भारत न्‍यूज ने 15 दिसंबर को कुछ तस्‍वीरों को अपलोड करते हुए दावा किया गया कि किसानों ने अपना सुपर मार्केट बनाया है। तस्‍वीर के साथ लिखा गया : ‘बेंगलुरु के किसानों ने अपना खुद का सुपर मार्केट तैयार कर लिया है इन किसानों से हमें भी कुछ सीखना होगा’

इन तस्‍वीरों को दूसरे यूजर्स भी सच मानकर वायरल कर रहे हैं। फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल तस्‍वीरों को ध्‍यान से देखा। एक तस्‍वीर में हमें बोर्ड पर Humus लिखा हुआ नजर आया। गूगल सर्च के दौरान हमें humus.co.in नाम की एक वेबसाइट मिली। साइट पर हमें कुछ तस्‍वीरें भी मिलीं, जो अब वायरल हो रही हैं।

साइट को स्‍कैन करने से हमें ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली, जो साबित करती हो कि इस सुपर स्‍टोर को किसानों ने शुरू किया है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वेबसाइट पर दिए गए नंबर पर संपर्क किया। हमारी बात humus के फाउंडर मंजूनाथ से हुई। उन्‍होंने हमें बताया कि यह स्‍टार्टअप उन्‍होंने अपनी पत्‍नी के साथ मिलकर 2019 में ही शुरू किया है। यह कहना कि इसे किसानों ने शुरू किया है, गलत होगा। वायरल तस्‍वीरें हमारे ही स्‍टोर की हैं।

पड़ताल के अंत में हमने उस पेज की जांच की, जिसने फर्जी पोस्‍ट की थी। हमें पता चला कि वंदे भारत न्‍यूज नाम के इस पेज को दो हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। पेज को अप्रैल 2020 को बनाया गया था।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। बेंगलुरु के किसानों ने नहीं, बल्कि शहर के एक कपल ने सब्‍जी और फलों के सुपर मार्केट के रूप में एक स्‍टार्टअप शुरू किया है। इसे कुछ लोग किसानों की पहल बताकर वायरल कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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