विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया, जिसे सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल एक तस्वीर को वायरल कर दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के बरेली में मानसिक रूप से कमजोर युवा दानिश के माथे पर गर्म लोहे से ‘जय भोलेनाथ’ लिख दिया गया। वायरल तस्वीर को सनातन धर्म पर निशाना साधते हुए शेयर किया जा रहा है, जिससे यह प्रतीत हो रहा है कि इस घटना के आरोपी हिंदू समुदाय से हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया, जिसे सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। संबंधित घटना में आरोपी और पीड़ित दोनों ही मुस्लिम समुदाय के हैं और पुलिस ने इस मामले में आरोपी को हिरासत में लिया था, हालांकि बाद में दोनों पक्ष में समझौता होने के बाद आरोपी को छोड़ दिया गया।
फेसबुक यूजर मयंक राज ने 4 सितंबर को एक वीडियो को पोस्ट करते हुए दावा किया, “अगर यही सनातन धर्म की पहचान है तो इसे तत्काल दफना देना ही उचित होगा मनुष्यता के जीवनोत्थान हेतु। युवक के माथे पर दाग दिया जय भोलेनाथ! यूपी के बरेली में मानसिक रूप से कमजोर दानिश के माथे पर औजार गर्म करके जय भोलेनाथ लिखने का आरोप, परिजनों का हंगामा।”
वायरल पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच के लिए गूगल ओपन सर्च टूल की मदद ली। इसके माध्यम से सर्च करने पर हमें एक वेबसाइट पर यह खबर मिली। 4 सितंबर को प्रकाशित इस खबर में बताया गया कि बरेली मे एक मुस्लिम युवक का माथा गोद दिया गया। उसके माथे पर जय श्री भोलेनाथ लिख दिया गया। जिस शख्स के साथ बदसलूकी की गई, उसका नाम दानिश है। इलाके के ही शादाब नाम के शख्स ने दानिश के माथे को गोद दिया। उसके माथे पर बेरहमी से ‘जय श्री भोलेनाथ’ लिख दिया। पूरी खबर यहां पढ़ें।
सर्च के दौरान हमें एबीपी गंगा के यूट्यूब चैनल पर घटना से जुड़ी खबर मिली। इसमें बताया गया कि बरेली के शादाब ने दानिश नाम के एक युवक के माथे पर जय भोलेनाथ लिख दिया। मामले की सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। आरोपी को हिरासत में ले लिया गया, लेकिन बाद में दोनों पक्षों में समझौता हो गया।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, बरेली के ईपेपर को स्कैन करना शुरू किया। हमें 4 सितंबर की तारीख को एक खबर प्रकाशित मिली। इसमें घटना के बारे में लिखते हुए बताया गया कि एक शख्स ने अपने ममेरे भाई के माथे पर जय भोलेनाथ लिख दिया। मानसिक रूप से कमजोर युवक उस वक्त विरोध नहीं कर सका । मामला पुलिस तक भी पहुंचा, लेकिन रिश्तेदार होने के कारण पीड़ित का परिवार कार्रवाई से मुकर गया। पूरी खबर नीचे पढ़ें।
जांच के अगले चरण में बरेली पुलिस के एक्स हैंडल को स्कैन किया गया। एक यूजर्स को जवाब देते हुए बरेली पुलिस ने लिखा, “प्रकरण में जांच से पाया गया है कि शादाब खान नाम के व्यक्ति ने अपने ममेरे भाई के माथे पर लगभग 05 दिन पहले मार्कर पेन से एक धार्मिक वाक्य लिख दिया था, जो अब हल्का पड़ गया है। पीड़ित की मां ने इस संबंध में कोई भी कार्यवाही करने से इन्कार कर शिकायती प्रार्थना पत्र नहीं दिया है।”
विश्वास न्यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, बरेली के पत्रकार अभिषेक पांडेय से संपर्क किया। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि वायरल वीडियो में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। पीड़ित और आरोपी एक ही समुदाय के थे।
अब बारी थी फर्जी पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर की जांच की। फेसबुक यूजर मयंक राज को पांच हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। यह अकाउंट सितंबर 2011 को बनाया गया था। यूजर बांदा का रहने वाला है।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। बरेली में युवक के माथे पर जय भोलेनाथ लिखने वाला शख्स हिंदू नहीं, बल्कि पीडि़त के ही समुदाय का था। कुछ लोग घटना के वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल कर रहे हैं।
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