हमारी पड़ताल में पता चला कि मुस्लिम लड़कियों के द्वारा हिंदू लड़कों को फंसाने की बात कहने वाला ट्वीट फर्जी है। इस ट्वीट में मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी की फोटो लगाई गई है। इस ट्वीट का मौलाना रजवी से कोई संबंध नहीं है। ये पोस्ट सामाजिक सद्भाव को खराब करने के उद्देश्य से की गई प्रतीत होती है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया में बरेली के मौलाना का फर्जी ट्वीट वायरल किया जा रहा है, जिसमें कहा गया है कि मुस्लिम लड़कियों को बीजेपी के मुख्य वोटर हिंदू लड़कों को फंसाकर उन्हें कांग्रेस को वोट देने के लिए कहना चाहिए। विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला है कि ये ट्वीट फर्जी है। इस ट्वीट का मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी से कोई वास्ता नहीं है। इस ट्वीट में उनकी फोटो लगाकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।
फेसबुक पर एक ट्वीट का फोटो पोस्ट किया गया है। इसके साथ ही लिखा है- मदरसे से प्राप्त ज्ञान का छिड़काव करता एक जिहादी। ट्वीट के स्क्रीनशॉट में लिखा है- बीजेपी के मुख्य वोटर हैं हिंदू लड़के, सभी मुस्लिम लड़कियों से गुजारिश है कि अगले छह महीने तक हिन्दू लड़को को प्रेमजाल में फसाओं फिर कांग्रेस को वोट देने के लिए मनाओ जिससे बीजेपी हार जायेगी। इस पोस्ट को अंसार अहमद अली नाम के शख्स के ट्विटर हैंडल से किया गया है। इस ट्विटर हैंडल का नाम @Ansar2ali2 है। इस ट्वीट में 13 जुलाई, 2021 की तारीख दर्ज है।
फेसबुक पर इस पोस्ट को अर्जुन गुप्ता नाम के यूजर ने 19 जुलाई को किया है। इस पोस्ट पर अब तक 3 लोगों ने कमेंट किया है और 2 लोगों ने शेयर किया है। इस पोस्ट को यहां देखा जा सकता है।
ऐसी ही और पोस्ट भी फेसबुक पर मौजूद हैं।
ऐसी ही फर्जी पोस्ट ट्विटर पर भी मौजूद है।
सबसे पहले हमने ट्विटर अकाउंट को @Ansar2ali2 को खोजा, क्योंकि इसी अकाउंट से ऐसे ट्वीट होने का दावा किया जा रहा है। जब हमने अकाउंट को ट्विटर पर चेक किया तो हमें पता चला कि इस तरह कोई भी ट्विटर हैंडल मौजूद ही नहीं है। इसका मतलब है कि किसी ने चालाकी से ट्वीट वाली तस्वीर को बनाया है। यदि ऐसा कोई ट्विटर हैंडल होता तो उसकी कोई न कोई जानकारी ट्विटर पर मौजूद होती।
इसके बाद हमने इस ट्विटर हैंडल पर दी गई फोटो को गूगल में सर्च किया। काफी सर्च करने के बाद हमें जागरण डॉट कॉम की एक खबर मिली, जिसमें इस फोटो का इस्तेमाल किया गया था। इस खबर से हमें पता चला कि ये फोटो बरेली दरगाह आला हजरत से जुड़े व तंजीम उलमा ए इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी की है। खबर का लिंक यहां देख सकते हैं।
इस खबर से ये कन्फर्म होने के बाद ये तस्वीर मौलाना शहाबुद्दीन रजवी की है ना कि अंसार अहमद अली की। सच्चाई जानने के लिए हमने मौलाना शहाबुद्दीन रजवी से फोन पर बात की। तन्जी़म उलमा-ए-इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव और दरगाह आला हजरत बरेली शरीफ स्थापित इस्लामिक रिसर्च सेंटर के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने हमें बताया कि ये ट्वीट पूरी तरह फर्जी है। इस ट्वीट का मुझसे कोई लेना-देना नहीं है। कुछ लोगों के द्वारा मुझे बदनाम करने की साजिश है। मैंने बरेली के पुलिस कप्तान से इस मामले में एक्शन लेने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है।
फेसबुक यूजर अर्जुन गुप्ता के प्रोफाइल को चेक करने पर पता चला कि उन्होंने फेसबुक पर 2012 में अकाउंट बनाया था। इस यूजर के अधिकतर पोस्ट धर्म विशेष के खिलाफ लिखे गए हैं।
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में पता चला कि मुस्लिम लड़कियों के द्वारा हिंदू लड़कों को फंसाने की बात कहने वाला ट्वीट फर्जी है। इस ट्वीट में मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी की फोटो लगाई गई है। इस ट्वीट का मौलाना रजवी से कोई संबंध नहीं है। ये पोस्ट सामाजिक सद्भाव को खराब करने के उद्देश्य से की गई प्रतीत होती है।
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