Fact Check : बिहार के स्‍कूल की तस्‍वीर दिल्‍ली के नाम पर हुई वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक सरकारी स्‍कूल की तस्‍वीर वायरल हो रही है। इस तस्‍वीर के बारे में दावा किया जा रहा है कि यह तस्‍वीर दिल्‍ली के स्‍कूल की है। दिल्‍ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है। विश्‍वास टीम की पड़ताल में पता चला कि वायरल तस्‍वीर दिल्‍ली के किसी स्‍कूल की नहीं, बल्कि बिहार के अररिया जिले के एक सरकारी स्‍कूल की है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक पेज Aam Admi Zindabad (आम आदमी जिंदाबाद) ने 11 जुलाई को 2:29 बजे एक तस्‍वीर अपलोड करते हुए दावा किया, “भाजपा की परेशानी सिर्फ इतनी ही है कि दिल्ली के बच्चों को बढ़िया खाना और अच्छी शिक्षा मुहैया करा रही है आप सरकार।”

पड़ताल

विश्‍वास टीम ने सबसे पहले वायरल हो रही तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेज में अपलोड करे सर्च किया। कई पेजों को स्‍कैन करने के बाद यह फोटो हमें samridhjharkhand.com पर मिली। तीन महीने पहले इस तस्‍वीर को इस वेबसाइट पर अपलोड करते हुए लिखा गया गया : “बिहार के अररिया जिला के प्राथमिक विद्यालय छूरछूरिया की इस व्‍यवस्‍था से अन्‍य विद्यालयों को सीख लेनी चाहिए। यह तस्‍वीर आप नीचे देख सकते हैं।

अपनी पड़ताल के दौरान हमें गूगल पर एक और न्‍यूज लिंक मिला। यह लिंक koshikiaas.com नाम की वेबसाइट का था। 19 अप्रैल 2019 को अपलोड की गई एक खबर में उसी तस्‍वीर का इस्‍तेमाल किया गया था, जो आजकल दिल्‍ली के स्‍कूल के नाम पर वायरल हो रही है। खबर में बताया गया : “बिहार के अररिया जिले के प्राथमिक विद्यालय छुरछुरिया के प्रबंधन समिति (प्रधानाचार्य और सभी शिक्षक) के पास भी “मिड-डे-मील” के लिए उतनी ही धनराशि सरकार द्वारा दी जाती है जितनी अन्य प्राथमिक विद्यालयों को, किन्तु प्राथमिक विद्यालय छुरछुरिया के प्रबंधन समिति (प्रधानाचार्य और सभी शिक्षक) ने उसी साधन का उपयोग कर सर्वश्रेष्ट करने का प्रयास किया…।”

जांच को आग बढ़ाते हुए हम छुरछुरिया के प्राथमिक विद्यालय के फेसबुक अकाउंट (@Pschhuurchhuria Forbisganj) पर पहुंचे। यहां हमें स्‍कूल की कई अलग-अलग तस्‍वीरें मिलीं। एक तस्‍वीर में बच्‍चे बैठकर खाना खा रहे हैं तो दूसरी तस्‍वीर में बच्‍चे पढ़ रहे थे। तस्‍वीर में उस जगह को भी देखा जा सकता है, जो वायरल तस्‍वीर में है। बस एंगल थोड़ा अलग है।

इसके बाद हमने सरकारी प्राथमिक विद्यालय छुरछुरिया के प्रभारी रंजेश सिंह से संपर्क किया। उन्‍होंने हमें बताया कि वायरल तस्‍वीर उनके प्राथमिक विद्यालय की ही है। यह तस्‍वीर उन्‍होंने ही क्लिक की थी। रंजेश ने हमें बताया कि वायरल तस्‍वीर को उन्‍होंने 12 अप्रैल को क्लिक की थी। इसे कुछ लोग अब दिल्‍ली के नाम पर फैला रहे हैं।

तस्‍वीर की सच्‍चाई पता लगाने के बाद विश्‍वास टीम ने उस फेसबुक पेज की सोशल स्‍कैनिंग की, जिसने झूठ फैलाया। हमारी जांच में पता चला कि आम आदमी जिंदाबाद (@AlternativePolitics) नाम के इस पेज को 11 लाख से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। इस पेज को 2 अगस्‍त 2012 को बनाया गया था।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास टीम की पड़ताल में वायरल तस्‍वीर अररिया के प्राथमिक विद्यालय की निकली। इसे स्‍कूल के प्रभारी रंजेश सिंह ने क्लिक की थी। इसे दिल्‍ली के नाम पर गलत दावे के साथ वायरल की जा रही है।

पूरा सच जानें…

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews।com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

ये भी पढ़ें

Fact Check : वायरल पोस्‍ट में दिख रहीं महिला पूर्वी चंपारण की नई जिलाधिकारी नहीं हैं

Fact Check : दिल्‍ली में उत्‍पात का एक साल पुराना वीडियो हुआ वायरल

False
Symbols that define nature of fake news
Related Posts
नवीनतम पोस्ट