Fact Check : रामनवमी की शोभायात्रा का बताकर पुराना वीडियो पूर्णिया के नाम से वायरल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। दावा भ्रामक साबित हुआ। दरअसल वीडियो 2021 से इंटरनेट पर कर्नाटक के नाम से मौजूद है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। बिहार के पूर्णिया में रामनवमी की शोभायात्रा के नाम पर एक वीडियो क्लिप वायरल हो रही है। इसमें हजारों लोगों को भगवा झंडे के साथ देखा जा सकता है। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर इस वीडियो को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि बिहार के पूर्णिया में रामनवमी पर इतिहास रचा गया। तीन लाख से ज्‍यादा लोग सड़क पर उतरे। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। दावा भ्रामक साबित हुआ। दरअसल वीडियो 2021 से इंटरनेट पर कर्नाटक के नाम से मौजूद है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर मधुसूदन सिंह ने एक अप्रैल को 22 सेकंड की एक वीडियो क्लिप को अपने अकाउंट पर अपलोड किया। साथ में लिखा, “बिहार के पूर्णियां ने रचा इतिहास। रामनवमी शोभायात्रा में पूर्णियां की सड़कों पर उतरे 3 लाख लोग।”

कई अन्य यूज़र्स ने भी इस पोस्ट को मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। वायरल पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो की जांच के लिए सबसे पहले गूगल रिवर्स इमेज और गूगल लेंस टूल का इस्‍तेमाल किया। वायरल वीडियो पुरानी तारीख में अपलोड कई यूट्यूब चैनलों पर मिला। ‘द्रप्सा- स्पार्क टू फायर’ नाम के एक यूट्यूब चैनल ने इस वीडियो को लगभग डेढ़ साल पहले अपलोड करते हुए 18 दिसंबर 2021 का बताया था। वीडियो के कैप्‍शन में इसे कर्नाटक के चिकमंगलूर का बताया गया।

इसी तरह ‘एसजीएस कन्नड़ व्लॉग्स’ नाम के एक यूट्यूब चैनल ने वीडियो को 19 दिसंबर 2021 को अपलोड करते हुए दत्‍ता जयंती का बताते हुए एमजी रोड चिकमंगलूर की शोभा यात्रा का बताया।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, पूर्णिया के प्रभारी राजीव कुमार से संपर्क किया। उनके साथ वायरल वीडियो को शेयर किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि वायरल वीडियो का पूर्णिया से कोई संबंध नहीं है।

विश्‍वास न्‍यूज इस बात की पुष्टि नहीं करता है कि यह वीडियो कब और कहां का है। लेकिन यह साफ है कि वीडियो का बिहार से कोई संबंध नहीं है। यह पुराना वीडियो है।

विश्‍वास न्‍यूज इस बात की पुष्टि नहीं करता है कि वायरल वीडियो कहां का और कब का है। लेकिन यह साफ है कि इसका बिहार से कोई संबंध नहीं है। यह पुराना वीडियो है।

पड़ताल के अंत में पुराने वीडियो को बिहार का बताकर वायरल करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर मधुसूदन सिंह को छह हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर ग्‍वालियर में रहता है। फेसबुक पर यह अकाउंट मार्च 2019 को बनाया गया था।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि बिहार के पूर्णिया के नाम पर वायरल वीडियो पुराना है। इंटरनेट पर यह वीडियो कर्नाटक के नाम से 2021 से अपलोड है। इस वीडियो का पूर्णिया से कोई संबंध नहीं है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट