Fact Check: AIIMS की डॉ. उमा कुमार ने इम्‍यूनिटी को लेकर नहीं दिया यह इंटरव्‍यू, वायरल पोस्‍ट फर्जी है

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में डॉ. उमा कुमार के नाम पर वायरल इंटरव्‍यू फर्जी निकला। उन्‍होंने ऐसा कोई इंटरव्‍यू नहीं दिया।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। फेसबुक से लेकर वॉट्सऐप तक पर एम्‍स अस्‍पताल की वरिष्‍ठ डॉक्‍टर उमा कुमार का एक फर्जी इंटरव्‍यू वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया जा रहा है कि डॉक्‍टर ने कोरोना वायरस के संदर्भ में इम्‍यूनिटी को लेकर इंटरव्‍यू दिया।

विश्‍वास न्‍यूज ने इस इंटरव्‍यू की जांच की। हमारी पड़ताल में इंटरव्‍यू फर्जी निकला। डॉक्‍टर उमा ने ऐसा कोई इंटरव्‍यू नहीं दिया।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज उज्‍ज्वल इंस्‍टीयूट ने एक जून को एक फर्जी इंटरव्‍यू को अपलोड किया। इंटरव्‍यू में एम्‍स की वरिष्‍ठ डॉक्‍टर उमा कुमार के हवाले से दावा किया गया कि कोरोना वायरस की दवाई शरीर में ही है।  

इस फर्जी इंटरव्‍यू को वॉट्सऐप पर भी खूब वायरल किया जा रहा है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज को सबसे पहले डॉक्‍टर उमा कुमार के बारे में जानकारी जुटाना था, क्‍योंकि वायरल इंटरव्यू में उन्‍हीं का जिक्र था। इसके लिए हमने गूगल सर्च में Doctor Uma Kumar टाइप करके सर्च किया। हमें पता चला कि डॉ. उमा कुमार एम्‍स के रूमेटोलॉजी विभाग की एचओडी हैं।

इसके बाद अब हमें यह जानना था कि क्‍या वाकई में डॉक्‍टर उमा ने कोरोना वायरस के संदर्भ में इम्‍यूनिटी को लेकर कोई इंटरव्‍यू दिया है या नहीं? गूगल सर्च में हमें ऐसी कोई खबर या इंटरव्‍यू नहीं मिला, जो यह साबित करे कि डॉक्‍टर उमा ने यह इंटरव्‍यू दिया है।

पड़ताल के दौरान हमने डॉ. उमा कुमार के सोशल मीडिया अकाउंट की जांच की। हमें इनके फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्‍ट मिली। 31 मई को डॉ. उमा कुमार ने अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर उनकी तस्‍वीर और पेशेवर जानकारी का इस्‍तेमाल करते हुए कुछ कंटेंट वायरल कर रहे हैं। इनकी पूरी पोस्‍ट को आप नीचे देख सकते हैं।

पड़ताल के अगले चरण में हमने डॉक्‍टर उमा कुमार से संपर्क किया। उन्‍होंने हमें बताया कि मैंने इस विशेष संदर्भ में ऐसा कोई साक्षात्कार नहीं दिया है।

अंत में हमने फर्जी पोस्‍ट करने वाले फेसबुक पेज Ujjawal Institute की जांच की। हमे सोशल स्‍कैनिंग से पता चला कि यूजर के अकाउंट को सिर्फ 140 लोग फॉलो करते हैं। इस पेज को 9 फरवरी 2016 को बनाया गया था।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में डॉ. उमा कुमार के नाम पर वायरल इंटरव्‍यू फर्जी निकला। उन्‍होंने ऐसा कोई इंटरव्‍यू नहीं दिया।

False
Symbols that define nature of fake news
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