विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। असल में एक्सप्रेस-वे की यह तस्वीर कर्नाटक की है, कश्मीर की नहीं।
नई दिल्ली, विश्वास न्यूज़। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक खूबसूरत-सी सड़क को देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर इस तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि यह कश्मीर की तस्वीर है। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। असल में यह तस्वीर कर्नाटक की है, कश्मीर की नहीं।
क्या हो रहा है वायरल?
सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा है “Srinagar Ring Road(Rs 939.41Cr)- The ring rd will traverse through 53 Villages and Five district of Pulwama, Budgma, Baramulla, Srinagar and Bandipore. #HappyKupwara #SecularIndia #KupwaraDeveloping Kashmir” जिसका हिंदी अनुवाद होता है “श्रीनगर रिंग रोड (939.41 करोड़ रुपये) – रिंग रोड 53 गांवों और पुलवामा, बडगमा, बारामूला, श्रीनगर और बांदीपुर के पांच जिलों से होकर गुजरेगी।”
इस पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
हमने इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज के ज़रिये सर्च किया। खोजने पर हमें यह तस्वीर अमर उजाला की एक 2014 की खबर में मिली। खबर में इस तस्वीर को रिफरेंस इमेज के तौर पे इस्तेमाल किया गया था।
हमें businessinsider.in की एक 2014 की खबर में भी रिफरेंस इमेज के तौर पे इस्तेमाल यह तस्वीर मिली।
हमें यह तस्वीर meetkunal.wordpress.com नाम के एक 2008 ब्लॉग में भी मिली, जहाँ इसे कर्नाटक के बेंगलुरु-मैसूर इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉरिडोर का बताया गया था।
गूगल मैप पर बेंगलुरु-मैसूर इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉरिडोर ढूंढ़ने पर हमें यह रोड दिख भी गया। यहाँ वायरल तस्वीर वाली लाल बिल्डिंग को भी साफ़ देखा जा सकता है।
आपको बता दें कि jagran.com की खबर के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने 2018 में श्रीनगर रिंग रोड की नींव रखी थी। यह प्रोजेक्ट अभी पूरा नहीं हुआ है। हालांकि, इसका पहला चरण 2020 में पूरा किया गया था।
हमने इस विषय में हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के जम्मू के ब्यूरो चीफ नवीन नवाज़ से भी बात की। उन्होंने हमें बताया कि वायरल तस्वीर जम्मू-कश्मीर की नहीं है। उन्होंने ये भी बताया कि ये बात सही है कि NHAI की श्रीनगर रिंग रोड की महत्वाकांक्षी परियोजना पुलवामा, बडगाम, बारामूला, श्रीनगर और बांदीपोरा के 52 गांवों और पांच जिलों से होकर गुजरेगी मगर यह प्रोजेक्ट अभी पूरा नहीं हुआ है। Covid 19 के कारण इनमें कुछ डीले हुआ है। प्रोजेक्ट 2022 तक पूरा होने की सम्भावना है।
इस वीडियो को सोशल मीडिया पर कई लोग गलत दावों के साथ शेयर कर रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं ‘Pannun Kashmir’ नाम के एक ट्विटर यूजर। प्रोफाइल के अनुसार, यूजर के 1185 फ़ॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। असल में एक्सप्रेस-वे की यह तस्वीर कर्नाटक की है, कश्मीर की नहीं।
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