विश्वास न्यूज की पड़ताल में नागपुर के नाम पर वायरल पोस्ट भ्रामक निकली। जुलाई 2018 की तस्वीर को कुछ लोग अभी का समझकर वायरल कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया में नागपुर की एक पुरानी तस्वीर को अभी का बताकर वायरल किया जा रहा है। इसमें सड़क पर जलभराव के कारण कारों को डूबे हुए देखा जा सकता है। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि तस्वीर हालिया है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक निकला। यह तस्वीर 2018 की बारिश की है। जिसे यूजर्स अभी की समझकर वायरल कर रहे हैं। हालांकि, नागपुर में इस बार भी बारिश के कारण जलभराव देखने को मिला, लेकिन वायरल तस्वीर का इस जलभराव से कोई संबंध नहीं है।
फेसबुक यूजर दयाराम अमलानी ने 8 जुलाई को एक तस्वीर अपलोड की। तस्वीर में कारों को पानी में डूबे हुए दिखाया गया है। साथ में लिखा गया कि नागपुर में आज दोपहर 2:30 बजे।
इस तस्वीर को 2021 की बारिश का समझकर वायरल किया जा रहा है। फेसबुक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया। हमें यह तस्वीर कई वेबसाइट पर मिली। सबसे पुरानी तस्वीर नागपुर टुडे की वेबसाइट पर 6 जुलाई 2018 को पोस्ट की गई एक खबर के साथ मिली। इसे यहां पढ़ा जा सकता है। मतलब साफ है कि वायरल तस्वीर जिसे अभी का बताया जा रहा है, वह 2018 की है।
गूगल सर्च के दौरान हमें पता चला कि इस साल भी नागपुर में भारी बारिश के बाद कई इलाकों में जलभराव का सामना करना पड़ा। सड़कों से लेकर घरों तक में पानी घुस आया था। नवभारत टाइम्स की खबर में इसे विस्तार से यहां पढ़ा जा सकता है।
जांच के दौरान हमें एएनआई हिंदी न्यूज का एक ट्वीट मिला। 8 जुलाई 2021 के इस ट्वीट में कई तस्वीरों के साथ लिखा गया कि महाराष्ट्र: नागपुर में भारी बारिश के बाद कई इलाकों में सड़कों पर जलभराव हो गया। एक व्यक्ति ने बताया, “हमारे घर में पानी घुस गया है। हर साल बारिश के बाद जलभराव हो जाता है। भारी नुक़सान हो गया है। नगर निगम से कोई अधिकारी देखने के लिए नहीं आता है।”
वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए विश्वास न्यूज ने नागपुर में एएनआई के संवाददाता सौरभ जोशी से संपर्क किया। उन्होंने हमें तस्वीर की सच्चाई बताते हुए कहा कि 2018 की जुलाई में भारी बारिश के कारण हर तरफ जलभराव हो गया था। वायरल तस्वीर उसी दौरान की है। यह तस्वीर नागपुर एयरपोर्ट रोड की है।
विश्वास न्यूज ने इस तस्वीर को वायरल करने वाले फेसबुक यूजर दयाराम अमलानी को स्कैन किया। फैक्ट चेक किए जाने तक इस अकाउंट से 1300 लोग जुड़े हुए थे। यूजर नागपुर में रहते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में नागपुर के नाम पर वायरल पोस्ट भ्रामक निकली। जुलाई 2018 की तस्वीर को कुछ लोग अभी का समझकर वायरल कर रहे हैं।
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