विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि केंद्र सरकार की तरफ से फ्री सिलाई मशीन योजना जैसी कोई स्कीम नहीं चलाई जा रही है। सरकार ने भी इस दावे का खंडन किया है। व्यूज और लाइक पाने के लिए क्लिकबेट लिंक को गलत जानकारी के साथ शेयर किया जा रहा है, ताकि मोनेटाइजेशन के जरिए पैसे कमाए जा सके। साइबर एक्सपर्ट्स के मुताबिक, किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करना और अपनी निजी जानकारी को शेयर करना आर्थिक नुकसान पहुंचा सकता है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार फ्री सिलाई मशीन योजना के तहत महिलाओं को मशीन खरीदने के लिए 15 हजार रुपये दे रही है। साथ ही सरकार महिलाओं को मशीन से काम करने की दस दिन की ट्रेनिंग भी दे रही है। इस ट्रेनिंग को पूरा करने के लिए सरकार महिलाओं को पांच हजार रुपये दे रही है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। केंद्र सरकार की तरफ से फ्री सिलाई मशीन योजना जैसी कोई स्कीम नहीं चलाई जा रही है। सरकार ने भी इस दावे का खंडन किया है। व्यूज और लाइक पाने के लिए क्लिकबेट लिंक को गलत जानकारी के साथ शेयर किया जा रहा है, ताकि मोनेटाइजेशन के जरिए पैसे कमाए जा सके। साइबर एक्सपर्ट्स के मुताबिक, किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करना और अपनी निजी जानकारी को शेयर करना आर्थिक नुकसान पहुंचा सकता है।
इंस्टाग्राम यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “पीएम नरेंद्र मोदी फ्री सिलाई मशीन योजना 2024 फॉर्म ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने वायरल पोस्ट में बताई जा रही वेबसाइट को खंगालना शुरू किया। पहले हमने वायरल वेबसाइट के यूआरएल पर गौर किया। हमने पाया कि वायरल वेबसाइट का यूआरएल बीएमवीकेटीप्स है, जबकि सरकारी वेबसाइट के आखिर में गवर्नमेंट डॉट कॉम या डॉट इन होता है।
बीएमवीकेटीप्स वेबसाइट को खंगलने पर हमने पाया कि वेबसाइट पर इसी तरह की गलत जानकारी देने वाले लेख मौजूद हैं। वेबसाइट पर व्यूज और लाइक पाने के लिए इस तरह के क्लिकबेट लेखों को प्रकाशित किया जाता है।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने केंद्र सरकार की सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देने वाली वेबसाइट इंडिया डॉट गवर्नमेंट डॉट इन को खंगालना शुरू किया। हमें वायरल दावे से जुड़ी कोई जानकारी वहां पर नहीं मिला।
जांच के दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी न्यूज रिपोर्ट्स एबीपी न्यूज और हिंदुस्तान लाइव की वेबसाइट पर प्रकाशित मिली। रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार ने वायरल दावे का खंडन किया है। सरकार ने जानकारी देते हुए बताया है कि केंद्र सरकार की तरफ से फ्री सिलाई मशीन योजना जैसी कोई स्कीम नहीं चलाई जा रही है। धोखाधड़ी और ठगी करने के मकसद से इस तरह के दावों को शेयर किया जा रहा है।
हमने वायरल पोस्ट को लेकर इंडिया साइबर आर्मी के संस्थापक किसलय चौधरी से भी बातचीत की। उन्होंने हमें बताया कि सोशल मीडिया और इंटरनेट के जरिए धोखाधड़ी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसलिए किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले इस बात की जांच कर लें कि वो आधिकारिक वेबसाइट का है या नहीं। अपने फोन और लैपटॉप पर ऐसे सेफ्टी डिवाइस को इंस्टॉल कर लें, जो कि आपके सिस्टम को हैक होने से बचा सकें। साथ ही अगर कोई अनजान लिंक आपके लिए खतरनाक है आपको चेतावनी दें। खुद को धोखाधड़ी से बचाने के लिए इन जरूरी बातों का ध्यान रखें।
सोशल मीडिया पर पहले भी यह दावा वायरल हो चुका है। विश्वास न्यूज ने दावे की जांच कर सच्चाई सामने रखी थी। रिपोर्ट्स को यहां पर पढ़ा जा सकता है। उस दौरान हमने अधिक जानकारी के लिए हमने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के को-ऑर्डिनेटर शिब प्रसाद से संपर्क किया था। उन्होंने वायरल दावे का खंडन किया था।
अंत में हमने पोस्ट को गलत जानकारी के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर के 213के फॉलोअर्स हैं। यूजर इस तरह की फेक पोस्ट को शेयर करता है।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि केंद्र सरकार की तरफ से फ्री सिलाई मशीन योजना जैसी कोई स्कीम नहीं चलाई जा रही है। सरकार ने भी इस दावे का खंडन किया है। व्यूज और लाइक पाने के लिए क्लिकबेट लिंक को गलत जानकारी के साथ शेयर किया जा रहा है, ताकि मोनेटाइजेशन के जरिए पैसे कमाए जा सके। साइबर एक्सपर्ट्स के मुताबिक, किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करना और अपनी निजी जानकारी को शेयर करना आर्थिक नुकसान पहुंचा सकता है।
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