Fact Check: बागेश्वर धाम के नाम पर खाते में पैसे भेजे जाने वाला वायरल दावा फर्जी है, अनवेरिफाइड लिंक पर न करें क्लिक

विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल दावा फर्जी है। बागेश्वर धाम की तरफ से ऐसी कोई भी योजना नहीं चलाई गई है, जिसमें अनुयायियों के खातों में पैसे भेजे जा रहे हों। पोस्ट के साथ फिशिंग लिंक शेयर किया जा रहा है। इस पर क्लिक करने से यूजर का डेटा हैक हो सकता है। इस लिंक पर क्लिक ना करें।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर बागेश्वर धाम के नाम से एक दावा वायरल हो रहा है। जिसमें खाते में पैसे भेजे जाने के नाम पर एक लिंक शेयर किया जा रहा है। पोस्ट को शेयर कर दावा किया गया है कि बागेश्वर धाम द्वारा भारतीय जनता के खातों में 1999 रुपए भेजे जा रहे हैं।

विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल दावा फर्जी है। बागेश्वर धाम की तरफ से ऐसी कोई भी योजना नहीं चलाई गई है, जिसमें सभी भारतीय अनुयायियों के खातों में पैसे भेजे जा रहे हों। पोस्ट के साथ फिशिंग लिंक शेयर किया जा रहा है। इस पर क्लिक करने से यूजर का डेटा हैक हो सकता है। इस लिंक पर क्लिक ना करें।

क्या है वायरल पोस्ट में

फेसबुक यूजर “Bageshwar dham” ने 20 अगस्त को पोस्ट शेयर की है, जिसपे लिखा है – ”*बागेश्वर धाम की तरफ से सबके खाते में ₹1,999 मुफ्त। खाते में लेने के लिए नीचे दिए गए कार्ड को स्क्रैच करें। मध्य प्रदेश के सभी वासियों को बागेश्वर धाम की तरफ से ₹1,999 सबके खाते में मुफ्त पैसों को खाते में लेने के लिए यहाँ क्लिक करें।”

 पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

बागेश्वर धाम द्वारा फ्री पैसे बांटे जाने की योजना के बारे में जानने के लिए हमने कीवर्ड से गूगल पर ओपन सर्च किया, लेकिन हमें दावे से जुड़ी ऐसी कोई भी खबर किसी भी भरोसेमंद मीडिया वेबसाइट पर नहीं मिली।

जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने वायरल पोस्ट में दिए गए लिंक को चेक किया। यह यूआरएल बागेश्वर धाम का नहीं था। हमने लिंक पर क्लिक न करने का फैसला किया, क्योंकि यह घातक हो सकता है। हमने इस लिंक को साइबर एक्सपर्ट आयुष भरद्वाज के पास भेजा। उन्होंने कहा, “यह लिंक क्लिकबेट है। इस प्रक्रिया को तकनीकी भाषा में क्लिक बैटिंग कहा जाता है, इसमें यूजर्स को मुफ्त पैसे, लॉटरी, डिस्काउंट कूपन, मोबाइल रिचार्ज आदि के लालच देकर ज्यादा से ज्यादा वक्त तक वेबसाइट पर इंगेज रखा जाता है। ऐसा कर उसे ऐड दिखाए जाते हैं। ऐड भी वेबसाइट के अलग-अलग पेज पर दिखाए जाते हैं और सर्वे के नाम पर यूजर को उन्हीं अलग-अलग पेजों पर घुमाया जाता है। यह “पे पर व्यू” आधारित होते हैं। जिसका मतलब गूगल इन साइबर अपराधियों को “पर व्यू” पैसा देता है। ऐसे लिंक्स पर क्लिक करने से कई बार आपका फ़ोन हैक भी हो सकता है। सावधान रहें और ऐसे अनवेरिफाइड लिंक्स पर क्लिक न करें।”

हमने इस विषय में अधिक जानकारी के लिए नईदुनिया के छतरपुर के पत्रकार भरत शर्मा से संपर्क किया। भरत बागेश्वर धाम से जुड़ी ख़बरों को कवर करते हैं। उन्होंने बागेश्वर धाम के एक प्रवक्ता के हवाले से इस पोस्ट को फर्जी बताया और ऐसे किसी लिंक पर क्लिक न करने की सलाह दी।

पड़ताल के अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर की जांच की। जांच में पता चला कि यूजर ‘बागेश्वर धाम’ के फेसबुक पर  719 फॉलोअर है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल दावा फर्जी है। बागेश्वर धाम की तरफ से ऐसी कोई भी योजना नहीं चलाई गई है, जिसमें अनुयायियों के खातों में पैसे भेजे जा रहे हों। पोस्ट के साथ फिशिंग लिंक शेयर किया जा रहा है। इस पर क्लिक करने से यूजर का डेटा हैक हो सकता है। इस लिंक पर क्लिक ना करें।

False
Symbols that define nature of fake news
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