Fact Check : रवीश कुमार का एडिटेड वीडियो फिशिंग लिंक के साथ हो रहा शेयर

रवीश कुमार के एडिटेड वीडियो के साथ फिशिंग लिंक को शेयर किया जा रहा है।

Fact Check : रवीश कुमार का एडिटेड वीडियो फिशिंग लिंक के साथ हो रहा शेयर

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एडिटेड वीडियो के सहारे भ्रम फैलाने की कोशिश के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। हाल ही में रश्मिका मंदाना, काजोल और आलिया भट्ट के डीपफेक वीडियो वायरल हो चुके हैं, जिनकी पड़ताल विश्‍वास न्‍यूज ने की थी। अब पत्रकार रवीश कुमार का एक कथित वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें वह एक भारतीय डॉक्टर की डायबिटीज की दवा के बारे में बात कर रहे हैं। इसमें नीचे एक लिंक भी दिया गया है।  

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी जांच में पाया कि रवीश कुमार के वीडियो को एडिट करके भ्रम फैलाया जा रहा है। दरअसल, असली वीडियो में रवीश कुमार ने अडाणी ग्रुप को लेकर बात की थी। इसमें से ऑरिजिनल ऑडियो की जगह दूसरी आवाज जोड़कर वीडियो को वायरल कर दिया गया। इसके साथ में एक फिशिंग लिंक को पोस्ट कर दिया गया।  

क्या है वायरल पोस्ट

फेसबुक यूजर Morgan Gavyn (आर्काइव लिंक) ने 27 नवंबर को वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा,

“मधुमेह रोगियों के लिए तत्काल जानकारी”

वीडियो पर लिखा है, “एक भारतीय डॉक्टर ने एक दवा विकसित की है जो एक ही खुराक में ब्लड शुगर सामान्य कर देती है!

पोस्ट के साथ एक लिंक भी दिया गया है।

‘भारत के निवासियों के लिए समाचार’ फेसबुक यूजर ने भी रवीश कुमार का एक कथित वीडियो (आर्काइव लिंक) शेयर करते हुए लिंक पोस्ट किया।

पड़ताल

वायरल दावे की जांच के लिए हमने सबसे पहले वीडियो के कीफ्रेम को निकालकर गूगल लेंस की मदद से सर्च किया। 15 अक्टूबर को रवीश कुमार ऑफिशियल के फेसबुक पेज (आर्काइव लिंक) पर इससे मिलती-जुलती रील अपलोड है। इसमें अडाणी ग्रुप के बारे में बताया गया है।

रवीश कुमार ऑफिशियल के यूट्यूब चैनल पर 15 अक्टूबर 2023 को अपलोड वीडियो में भी वायरल वीडियो से मिलते-जुलते वीडियो को देखा जा सकता है। इसमें कहीं भी वायरल वीडियो वाला दावा नहीं किया गया है।

यूट्यूब पर अपलोड वीडियो और वायरल वीडियो में रवीश कुमार के कोट व शर्ट का कलर एक ही है। साथ ही बैकग्राउंड भी दोनों वीडियो में एक-सा ही है।

इस बारे में हमने रवीश कुमार से संपर्क कर उनको वायरल वीडियो भेजे। उनका कहना है, “वायरल वीडियो एडिटेड हैं।

पोस्ट के साथ में दिया गया लिंक फिशिंग लिंक होने की संभावना के चलते हमने उसे ध्यान से देखा। यह देखने में संदिग्ध लगा। हमने साइबर एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल से संपर्क कर उनको लिंक भेजा। उन्होंने कहा, “यह एक फिंशिंग लिंक है। इस पर क्लिक नहीं करना चाहिए। अक्सर लुभावने संदेशों के साथ इन्हें पोस्ट किया जाता है। इस तरह के  लिंक का इस्तेमाल व्यूज बढ़ाने के लिए भी होता है।

इससे पहले चुनाव के दौरान अशोक गहलोत के वीडियो को एडिट कर गलत दावा वायरल किया गया था, जिसकी जांच विश्‍वास न्‍यूज ने की थी।

अंत में हमने एडिटेड वीडियो शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। 8 दिसंबर 2021 को बने इस पेज के 527 फॉलोअर्स हैं।  

निष्कर्ष: रवीश कुमार के एडिटेड वीडियो के साथ फिशिंग लिंक को शेयर किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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