Fact Check : कमाई का झांसा देकर फॉर्म भरने के नाम पर फिशिंग लिंक हो रहा वायरल

युवाओं को कमाई का लालच देकर सोशल मीडिया पर फिशिंग लिंक शेयर किया जा रहा है। डेटा कलेक्शन के मकसद से इस तरह की पोस्ट की गई हैं।

Fact Check : कमाई का झांसा देकर फॉर्म भरने के नाम पर फिशिंग लिंक हो रहा वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। युवाओं से जोड़कर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें पीएम मोदी की तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि चुनाव से पहले मिडल क्लास के युवाओं को एक फॉर्म भरना होगा, जिसके लिए उनको पैसे दिए जाएंगे। इससे यह प्रतीत हो रहा है, जैसे केंद्र सरकार ने इस तरह की कोई स्कीम निकाली है। इसी तरह का मैसेज कुछ अन्य तस्वीरों के साथ भी शेयर किया गया है।  

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी जांच में पाया कि लिंक डेटा कलेक्शन के लिए दिया गया है। इसके जरिए साइबर ठग यूजर्स का डेटा इकट्ठा कर उसका इस्तेमाल अपने लिए कर सकते हैं। साइबर एक्सपर्ट इस तरह के मैसेज को नजरअंदाज करने की सलाह देते हैं।

क्या है वायरल पोस्ट

इंस्टाग्राम यूजर bageshwardham_sarkarr_official (आर्काइव लिंक) ने 18 मार्च को पीएम मोदी की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा,

बड़ा फैसला, चुनाव से पहले बड़ी खुशखबरी

चुनाव से पहले हर मिडिल क्लास फैमिली के लड़के लड़कियों को घर बैठे मोबाइल से अपना खर्च निकालने का मौका दिया जाएगा 1 मिनट निकालकर Form भर देना है, Form का Link Bio में है” 

इंस्टा यूजर pawanbhaiya_super (आर्काइव लिंक) ने भोजपुरी फिल्मों के स्टार पवन सिंह की तस्वीर पोस्ट करते हुए ऐसा ही मैसेज किया।

पड़ताल

वायरल दावे की जांच के लिए हमने बायो में दिए गए लिंक को स्कैन किया। इसका यूआरएल सर्वेहार्ट से शुरू होता है, जो संदिग्ध है। यह न तो किसी सरकारी विभाग से संबंधित है और न ही किसी कंपनी से। इससे यह हमें संदिग्ध लगा।

इस बारे में हमने कीवर्ड से गूगल पर भी सर्च किया, लेकिन हमें ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली, जिससे पता चले कि सरकार ने ऐसी कोई योजना चलाई है।

एक पोस्ट में भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह की तस्वीर छपी है, इसलिए हमने पवन सिंह के आधिकारिक एक्स हैंडल को चेक किया। इस पर भी इस तरह की कोई जानकारी नहीं दी गई है।

इस बारे में हमने इंडियन साइबर आर्मी के संस्थापक एवं साइबर एक्सपर्ट किसलय चौधरी से बात कर उनको वायरल पोस्ट भेजी। उन्होंने कहा, लिंक में एक सर्वे फॉर्म दिया गया है, जिसके जरिए यूजर का डेटा मांगा जा रहा है। डेटा चोरी करने का यह भी एक तरीका है। इसके जरिए डेटा ठग के पास चला जाता है, जिसका इस्तेमाल वह अपने फायदे के लिए कर सकता है। ऐसे मैसेज को नजरअंदाज करना चाहिए।

इससे पहले भी नौकरी या फ्री रिचार्ज के मैसेज के साथ कुछ फिशिंग लिंक्स शेयर किए जा चुके हैं। इस तरह के फ्रॉड से जुड़ी विश्‍वास न्‍यूज की फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।

इस तरह के मैसेज शेयर करने वाले इंस्टा यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। 387 हजार फॉलोअर्स वाले इस यूजर के अकाउंट पर इस तरह की अन्य पोस्ट भी शेयर की गई  हैं।

निष्कर्ष: युवाओं को कमाई का लालच देकर सोशल मीडिया पर फिशिंग लिंक शेयर किया जा रहा है। डेटा कलेक्शन के मकसद से इस तरह की पोस्ट की गई हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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