Fact Check : ये वेबसाइट नहीं दे रहा फ्री रिचार्ज, फर्जी वाला वीडियो हुआ वायरल  

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि फ्री रिचार्ज के नाम से वायरल दावा गलत है। वायरल लिंक एक फिशिंग लिंक है, जिसे व्यूज और लाइक पाने के मकसद से गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। एक्सपर्ट इस तरह से अनजान वीडियो पर भरोसा ना करने और जल्दबाजी में लिंक पर क्लिक न करने की सलाह देते हैं।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो को शेयर कर एयरटेल और जियो के सिम को फ्री में करने की ट्रिक के बारे में बताया जा रहा है। वीडियो में दावा किया जा रहा है कि लोन तक वेबसाइट पर जाकर फ्री में रिचार्ज किया जा सकता है। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। वायरल लिंक एक फिशिंग लिंक है, जिसे व्यूज और लाइक पाने के मकसद से गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। एक्सपर्ट इस तरह से अनजान वीडियो पर भरोसा ना करने और जल्दबाजी में लिंक पर क्लिक न करने की सलाह देते हैं।

क्या हो रहा है वायरल ?

इंस्टाग्राम यूजर ने online_lone99 13 अक्टूबर 2014 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “एयरटेल और जियो फ्री रिचार्ज।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। हमें दावे से जुड़ी कोई जानकारी नहीं मिली। हमने जियो और एयरटेल की वेबसाइट पर जाकर भी इस बारे में सर्च किया। हमें वहां पर भी दावे से जुड़ी कोई जानकारी नहीं मिली। 

वीडियो को सुनने के बाद हमने वीडियो में बताई जा रही वेबसाइट के बारे में सर्च करना शुरू किया। हमने पाया कि वेबसाइट पर लोन कैसे लें और क्रेडिट कार्ड कैसे बनवाएं इस तरह की रिपोर्ट को प्रकाशित किया गया है। इस  रिपोर्ट में व्यूज और लाइक पाने के लिए गलत फीचर इमेज का इस्तेमाल भी किया गया है। वेबसाइट को खंगालने पर हमने पाया वहां पर फ्री रिचार्ज नहीं दिया जा रहा है।

हमारी अब तक की पड़ताल से यह साफ होता है कि फ्री रिचार्ज के नाम से बताई जा रही ट्रिक गलत है। असल में वीडियो में गलत जानकारी देकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है, ताकि वेबसाइट और वीडियो पर व्यूज और लाइक आ सके। 

वायरल पोस्ट में मौजूद पीएम मोदी का पूरा वीडियो हमें डीडी नेशनल के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिला। वीडियो को 24 फरवरी 2019 को शेयर किया गया था। मौजूद जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी का वीडियो गोरखपुर का है, जब वो पीएम किसान स्कीम को लॉन्च करने के लिए वहां पर पहुंचे थे।

अधिक जानकारी के लिए हमने साइबर एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल से संपर्क किया। उनका कहना है कि आजकल लोग व्यूज और लाइक पाने के लिए इस तरह के तरीके अपना रहे हैं, ताकि वो गलत तरीके से लोगों को वेबसाइट पर ला सके। साथ ही व्यूज और लाइक पा सकें और मोनेटाइजेशन के जरिए पैसे कमा सकें। कई बार लोगों को लगता है कि सिर्फ रिचार्ज के लिए ही कहा जा रहा है। इससे हमारा क्या नुकसान होगा और वो इस तरह की अनजान वेबसाइट पर जाकर लिंक पर क्लिक कर देते हैं। या फिर अपनी निजि जानकारी शेयर कर देते हैं। यूजर्स को सतर्क रहना चाहिए और इस तरह के लुभावने ऑफर्स के जाल में नहीं फसना चाहिए। बिना पूरी जानकारी के किसी भी लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए या फिर अपनी निजी जानकारी नहीं शेयर करनी चाहिए। 

अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को 187के लोग फॉलो करते हैं। यूजर इसी तरह के फर्जी दावों को शेयर करता है।

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि फ्री रिचार्ज के नाम से वायरल दावा गलत है। वायरल लिंक एक फिशिंग लिंक है, जिसे व्यूज और लाइक पाने के मकसद से गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। एक्सपर्ट इस तरह से अनजान वीडियो पर भरोसा ना करने और जल्दबाजी में लिंक पर क्लिक न करने की सलाह देते हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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