विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा फर्जी निकला। सरकार की तरफ से इस तरह की कोई योजना नहीं चलाई जा रही है। क्लिकबेट यूआरएल गलत जानकारी के साथ वायरल किया जा रहा है। इस तरह के लिंक्स पर क्लिक न करें।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि सरकार की ओर से 10वीं और 12वीं के छात्रों को फ्री लैपटॉप योजना 2022-23 के तहत फ्री में लैपटॉप दे रही है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा फर्जी निकला। सरकार की तरफ से इस तरह की कोई योजना नहीं चलाई जा रही है। क्लिकबेट यूआरएल गलत जानकारी के साथ वायरल किया जा रहा है। इस तरह के लिंक्स पर क्लिक न करें।
फेसबुक यूजर ‘सरकारी योजनाएं’ ने 25 अगस्त 2023 को वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “Free Laptop Yojana 2022-23 : 10वीं एवं 12वीं के छात्र छात्राएं, जिनके बोर्ड एग्जाम में 45% से ज्यादा अंक हासिल किए है , उनको लैपटॉप दिया जाएगा | फ्री लैपटॉप मिल रहा है ,करें आवेदन घर बैठे आवेदन शुरू।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करने पर हमने पाया कि गूगल पर कई फर्जी वेबसाइट हैं, जो इस तरह के दावे करती हैं और यूजर का डेटा चोरी करती हैं। फेसबुक पर भी समान और मिलते-जुलते दावों के साथ कई यूजर्स ने इस तरह के फेक लिंक को शेयर किया हुआ है, जिसमें देश की सभी छात्रों को लैपटॉप योजना के तहत फ्री में लैपटॉप देने का दावा किया गया है।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने सरकारी वेबसाइट को खंगालना शुरू किया। हमें ऐसी किसी योजना की जानकारी वहां पर नहीं मिली।
जांच के दौरान हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 3 जून 2023 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट के अनुसार, “भारत सरकार के नाम से एक नया घोटाला इंटरनेट पर घूम रहा है। स्कैमर्स यूजर्स को कह रहे हैं कि भारत सरकार छात्रों को मुफ्त लैपटॉप दे रही है और लोग आधिकारिक वेबसाइट पर कुछ विवरणों के साथ रजिस्ट्रेशन करके इसका लाभ उठा सकते हैं। सरकार ने इस दावे का खंडन किया है।”
पड़ताल के दौरान हमें कई ऐसी रिपोर्ट्स मिली, जिनके मुताबिक कई राज्य सरकारें जैसे यूपी और राजस्थान अपने-अपने स्तर पर आर्थिक रूप से कमजोर बोर्ड परीक्षाओं में अच्छे नंबर लाने वाले स्टूडेंट्स को लैपटॉप या फिर टैबलेट दे रही हैं । हालांकि, यह योजना सभी छात्रों के लिए नहीं है।
अधिक जानकारी के लिए हमने साइबर एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “यह एक क्लिकबेट लिंक है। इस तरह के लिंक्स को ट्रैफिक और व्यूज लाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इन लिंक्स पर क्लिक करते ही आप किसी दूसरी वेबसाइट पर पहुंच जाएंगे, ताकि उस वेबसाइट पर व्यूज आ सके। कई बार इस तरह के लिंक्स का इस्तेमाल सिस्टम में मैलवेयर डालने के लिए भी किया जाता है। मैलवेयर के जरिए सिस्टम का कंट्रोल हासिल कर बड़ी ही आसानी से फ्रॉड किया जा सकता है।”
पहले भी इस तरह के दावे वायरल हो चुके हैं, जिनकी रिपोर्ट को आप यहां पर पढ़ सकते हैं।
पड़ताल के अंत में हमने यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर इसी तरह के दावों को शेयर करता है। यूजर को 268 लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा फर्जी निकला। सरकार की तरफ से इस तरह की कोई योजना नहीं चलाई जा रही है। क्लिकबेट यूआरएल गलत जानकारी के साथ वायरल किया जा रहा है। इस तरह के लिंक्स पर क्लिक न करें।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।