Fact Check: बैंक ऑफ बड़ौदा के नाम से फिशिंग लिंक हो रहा शेयर, एक्‍सपर्ट ने दी क्लिक नहीं करने की सलाह

सोशल मीडिया पर बैंक ऑफ बड़ौदा के नाम से वायरल मैसेज फेक है। इसके साथ फिशिंग लिंक को शेयर किया जा रहा है। साइबर एक्‍सपर्ट ने इस पर क्लिक नहीं करने की सलाह दी है।

Fact Check: बैंक ऑफ बड़ौदा के नाम से फिशिंग लिंक हो रहा शेयर, एक्‍सपर्ट ने दी क्लिक नहीं करने की सलाह

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। फिशिंग लिंक्‍स के जरिए लोगों को ठगने के लिए साइबर अपराधी रोजाना नए-नए तरीके अपना रहे हैं। अब बैंक ऑफ बड़ौदा के नाम से एक मैसेज शेयर सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। इसमें लिखा है कि बैंक ऑफ बड़ौदा सरकारी सब्सिडी दे रहा है। नीचे एक लिंक देकर लिखा है कि इस लिंक पर क्लिक करके कोई भी नागरिक सरकारी सब्सिडी का लाभ उठा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी जांच में पाया कि बैंक ऑफ बड़ौदा की तरफ से ऐसी कोई सब्सिडी नहीं दी जा रही है। इस मैसेज के साथ फिशिंग लिंक शेयर किया जा रहा है। साइबर एक्‍सपर्ट के अनुसार, इस तरह से लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से यूजर का डेटा हैक हो सकता है। विश्‍वास न्यूज पहले भी इस तरह के कई दावों की पड़ताल कर यूजर्स को ऐसे किसी भी लिंक पर क्लिक नहीं करने की सलाह दे चुका है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट

विश्वास न्यूज के वॉट्सऐप टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर ने इस मैसेज को भेजकर इनकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है।      

फेसबुक यूजर ‘बृजेश यादव‘ (आर्काइव लिंक) ने भी 10 अगस्‍त को इस मैसेज को एब अन्‍य लिंक के साथ पोस्‍ट किया है।

पड़ताल

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले पोस्‍ट में दिए गए लिंक्‍स को ध्‍यान से देखा। हमारे टिपलाइन नंबर पर आई पोस्‍ट में बड़ौदा डॉट कॉम यूआरएल दिया हुआ है, जबकि फेसबुक यूजर ने डेडलीनींबगिस डॉट टॉप यूआरएल पोस्‍ट किया है। इन्‍हें देखने पर पता चलता है कि दोनों ही यूआरएल बैंक ऑफ बड़ौदा की आधिकारिक वेबसाइट के नहीं हैं, यानी यह फ्रॉड हो सकते हैं।

इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा की आधिकारिक वेबसाइट पर हमने इस बारे में सर्च किया, लेकिन इस पर किसी सब्सिडी का जिक्र नहीं मिला।  

हमने बैंक ऑफ बड़ौदा के फेसबुक, ट्विटर और इंस्‍टाग्राम अकाउंट्स को भी देखा, लेकिन ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली, जिससे वायरल दावे की पुष्टि हो सके।

अगर बैंक किसी सब्सिडी या योजना की घोषणा करता तो उसकी वेबसाइट पर इसके बारे में जानकारी जरूर दी जाती, लेकिन हमें इनमें ऐसी कोई भी सूचना नहीं मिली।

इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने साइबर एक्‍सपर्ट अनुज अग्रवाल से बात की। उनका कहना है, “यह फिशिंग लिंक है। इस पर क्लिक करने से यूजर का डेटा चोरी हो सकता है। साइबर क्रिमिनल इस तरह के मैसेज भेजकर लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं। इस तरह के मैसेज मिलने पर पहले यूआरएल को ध्‍यान से देख लेना चाहिए। भारत में सरकारी वेबसाइट के यूआरएल डॉट इन से होते हैं। अगर यूआरएल डॉट इन से नहीं है तो संदिग्‍ध है। कंपनी या संबंधित विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर भी इस बारे में चेक करना चाहिए। अगर कोई योजना या ऑफर किसी विभाग की तरफ से दिया जाता है तो उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर इसकी जानकारी जरूर दी जाती है। कई बार साइबर ठग इस तरह के लिंक दूसरी वेबसाइट पर ट्रैफिक बढ़ाने के लिए भी भेजते हैं। इस तरह के लिंक दूसरी वेबसाइट पर ले जाते हैं, जिससे उनको व्‍यूज मिलते हैं, लेकिन इन पर क्लिक मत करें।

इससे पहले इडियन ऑयल के नाम से इस तरह का दावा वायरल हुआ था। उसमें भी दावा किया गया था कि इंडियन ऑयल नेशनल फ्यूल सब्सिडी ऑफर दे रहा है। सब्सिडी का लाभ लेने के लिए  मैसेज में दिए गए लिंक पर क्लिक करने की सलाह दी गई थी। विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला था कि फेक मैसेज के साथ फिशिंग लिंक शेयर किया गया था।

पड़ताल के अंत में हमने फिशिंग लिंक को शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल को स्‍कैन किया। इसके मुताबिक, यूजर शाहजहांपुर का रहने वाला है और उसके 833 फ्रेंड्स हैं।

निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर बैंक ऑफ बड़ौदा के नाम से वायरल मैसेज फेक है। इसके साथ फिशिंग लिंक को शेयर किया जा रहा है। साइबर एक्‍सपर्ट ने इस पर क्लिक नहीं करने की सलाह दी है।

False
Symbols that define nature of fake news
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