"मैं सर्वप्रथम टीम दैनिक जागरण के विश्वास न्यूज़ का अपने इस संदेश के माध्यम से दिल से आभार प्रकट करना चाहता हूँ आपके द्वारा संचालित किए जा रहा कार्यक्रम ""सच के साथी"" 'वैक्सीन के लिए'-""हाँ"" पहल की जितनी भी सराहना शब्दों में की जाए वह कम हैं क्योंकि दैनिक जागरण हमारे देश का एक प्रतिष्ठित,लोकप्रिय व सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाला देश का नम्बर एक का विश्वसनीय अखबार है,आप द्वारा प्रकाशित लेखों,समाचार-पत्रों व अन्य जागरूकता अभियान के तहत चलाए जा रहे सभी कार्यक्रमों की सत्यता की पुष्टि हेतु किसी प्रमाण की कोई आवश्यकता नहीं होती..
आज पूरा देश कोरोना जैसी भयंकर वैश्विक महामारी से गुज़र रहा है जिसका बहुत ही दुःखद व भयावह परिणाम हम लोगों के सामने से गुजरा और आगे अभी इससे भी भयावह होने का डर बना रह रहा है,यह एक ऐसी क्षति थी जिसकी क्षतिपूर्ति कभी किसी स्तर पर नहीं कि जा सकती।सबके मन में मौत का एक अजीब डर से बैठ गया था,लोग असमंजस में थे क्या करें?क्या न करें?शिक्षा,व्यवसाय, व्यापार सब ध्वस्त व बंद पड़ गए जीवन जीना कठिन से हो गया ऐसे में तत्कालीन सरकार द्वारा बड़े ही साहसिक तौर पर फ़ैसला लेते हुए इमरजेंसी ट्रायल पर सम्पूर्ण देश में कोविड रोकथाम,नियंत्रण व इस महामारी से लड़ने हेतु स्वयं को मजबूत बनाने के लिए देशव्यापी टीकाकरण अभियान तात्कालीन केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा चलाया गया किंतु इसे अल्पज्ञान का दुर्भाग्य कहें या फिर सोशल मीडिया का भ्रामक दुष्प्रचार या फिर सरकार द्वारा वैक्सीन को लेकर अपनी बातों को जनता के सामने सीधे व सरल शब्दों में न रख पाना जैसे कई कारण हो सकते है जिसके कारण जनता के मन में वैक्सीन को लेकर तरह-तरह के सवाल,भय व भ्रम पैदा हो गए जहाँ लोगों इस देशव्यापी टीकाकरण अभियान में अपनी भागीदारिता व सहयोग देना चाहिए था वह अन्य को भी भ्रमित कर उनके भी मन में अनेकों सवाल पैदा कर भ्रमित कर दिए नतीजा यह रहा कि ए लोग वैक्सीन से दूरी बनाने लगे..
ऐसे असमंजस भरे समय में जब हम यह ही निर्धारण नहीं कर पा रहे थे कि वैक्सीन लगवाए या न लगवाए जब हम स्वयं भ्रमित थे तो ऐसे में हम दूसरे को प्रेरित व जागरूक कैसे कर सकते थे पर मैं दिल से धन्यवाद देना चाहूँगा टीम दैनिक जागरण 'विश्वास न्यूज़' का व वेबिनार ""सच के साथी""में उपस्थित हमारे कोरोना वारियर्स सम्मानित डॉक्टर बन्धु,सम्मानित विशेषज्ञ महोदय,टीम दैनिक जागरण के समस्त सम्मानित पदाधिकारीगण व सम्मानित पत्रकार बन्धुओं,सम्मानित नेतागण जिन्होंने इस वेबिनार के माध्यम से हमें जागरूक किया तथा वैक्सीन को लेकर जो भी सवाल और अफ़वाह चल रहे थे उनका खण्डन कर सभी समस्याओं का समाधान किया तथा हमें यह आत्मबल और विश्वास दिया कि वैक्सीन चाहे वह कोविशील्ड हो या कोवैक्सिन या कोई अन्य हर तरह से सुरक्षित व कोविड से लड़ने हेतु कारगर है इसे जिम्मेदारी के साथ लगाया जाना चाहिए तथा वैक्सीन हेतु अन्य लोगों को भी जागरूक किया जाना चाहिए, हमें दैनिक जागरण की यह पहल बहुत अच्छी लगी हमने स्वयं वैक्सीन का पहला डोज तो पहले ही लगवा लिया था पर वेबिनार के माध्यम से हमें और मजबूती व विश्वास मिला हमने तत्काल उसी दिन से लोगों को जैसे अपने हज़ारो मित्रों,शुभचिंतकों, आस-पड़ोस के लोगों अपने मुवक्किलों को टेलीफोन, सोशल मीडिया जैसे फ़ेसबुक,ह्वाट्सएप,इंस्टाग्राम इत्यादि के माध्यम से वैक्सीन हेतु प्रेरित व जागरूक भी किया तथा उनके मन में वैक्सीन को लेकर मन मे उठ रहे सवालों का यथा सम्भव समझाने का भरपूर प्रयास किया जिसका परिणाम संतोषजनक रहा लोग खुशी-खुशी टीकाकरण का हिस्सा बने स्वयं भी लगवाया तथा अपने परिवार,शुभचिंतकों,मित्रों व अपने रिश्तेदारों को भी टीकाकरण हेतु प्रेरित किया। वेबिनार के कुछ ही दिन बाद गाँव-गाँव मे टीकाकरण हेतु कैम्प का आयोजन किया गया जिसमें हम लोगों के निवेदन पर हमारी ग्रामसभा के सर्वाधिक लोगों ने खुशी-खुशी टीकाकरण अभियान में हिस्सा लेकर टिका लगवाया तथा आज भी वह सभी लोग स्वस्थ है,शुरुआत में कुछ सवालों का सामना करना पड़ा जिसमें सबसे बड़ा सवाल था क्या आप गारंटी लेंगे की वैक्सीन ले लेने से मेरी डेथ कोरोना से नहीं होगी?यह प्रश्न कहना जितना आसान है उसका उत्तर देना बहुत कठिन क्योंकि कोई व्यक्ति किसी के जीवन या मरण की गारंटी कैसे ले सकता है..
ऐसे में मेरा एक सवाल ऐसे लोगों से है कि क्या आप बिना वैक्सिनेशन सुरक्षित है?क्या बिना वैक्सीन लिए कोरोना नहीं हो सकता?जब आप गाड़ी लेते है तो उसके साथ सीट-बेल्ट या हेलमेट दिए जाते है और निवेदन किया जाता है कि वाहन चलाते समय इसका आवश्यक रूप से उपयोग करिएगा क्या कभी सीट-बेल्ट या हेलमेट बनाने वाली कम्पनी इस बात की गारंटी देती है कि एक्सीडेंटल केसेस में आपकी डेथ नहीं होगी लेकिन फिर भी हम इसका उपयोग करते है और हम यह जानते है कि लगभग 98% एक्सीडेंटल मामलों सीट-बेल्ट या हेलमेट लगाने से जान जाने का खतरा कम रहता है लगभग न के बराबर होता है..
इसलिए यह कोरोना अभी कम हुआ है ख़त्म नहीं हुआ है और वायरस जनित बीमारियाँ इतनी जल्दी से खत्म भी नहीं होती ऐसी स्थिति में मन में एक अनावश्यक भ्रम पालकर की हमने वैक्सीन नहीं लिया है स्वयं को मानशिक आघात पहुँचाने से कहीं बेहतर है कि वैक्सीन लेकर दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ कोरोना का सामना किया जाए क्योंकि वह व्यक्ति कभी स्वस्थ नहीं हो सकता जो मन से बीमार हो।
इसलिए अंततः में सभी देशवासियों से निवेदन करूँगा की कोविड वैक्सीन कारगर व जरूरी है अपना व अपने परिवार के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए वैक्सीन लगवाए तथा कोरोना को जड़ से भगाए..
और में एक बार पुनः टीम दैनिक जागरण विश्वास न्यूज़ का आभार प्रकट करता हूँ जो इस मुहिम को अपने वेबिनार व समाचार पत्रों व विज्ञापनो के माध्यम से लोगों में जागरूकता व समाधान बनाने की अनूठी पहल कर एक स्वस्थ भारत के निर्माण में अपना अमूल्य व सराहनीय योगदान प्रदान कर रहे है।"
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अनुपम कुमार पाण्डेयअधिवक्ता, Gorakhpur
Director, NIMS