Fact Check : इंदिरा गांधी के अंतिम संस्कार से नहीं है वायरल तस्वीर का कोई संबंध, फर्जी दावा वायरल

देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता राहुल गांधी की एक तस्‍वीर वायरल हो रही है। इसमें उन्‍हें दोनों हाथ दुआ के रूप में उठाते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स इस तस्‍वीर को इंदिरा गांधी के अंतिम संस्‍कार की बताकर वायरल कर रहे हैं। वायरल फोटो के साथ दावा किया जा रहा है कि इंदिरा गांधी के अंतिम संस्कार के वक्त राजीव गांधी और राहुल गांधी ने कलमा पढ़ा था।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता राहुल गांधी की एक तस्‍वीर वायरल हो रही है। इसमें उन्‍हें दोनों हाथ दुआ के रूप में उठाते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स इस तस्‍वीर को इंदिरा गांधी के अंतिम संस्‍कार की बताकर वायरल कर रहे हैं। वायरल फोटो के साथ दावा किया जा रहा है कि इंदिरा गांधी के अंतिम संस्कार के वक्त राजीव गांधी और राहुल गांधी ने कलमा पढ़ा था।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल दावे की जांच की। यह फर्जी साबित हुआ। इस तस्‍वीर का इंदिरा गांधी के अंतिम संस्कार से कोई संबंध नहीं है। दरअसल, स्वतंत्रता सेनानी अब्दुल गफ्फार खान के जनाजे के वक्‍त की तस्‍वीर को झूठे सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल

इंस्‍टाग्राम हैंडल हिंदू हब ने 31 दिसंबर 2023 को तस्‍वीर को पोस्‍ट किया। इसके ऊपर लिखा गया कि बड़ी मुश्किल से यह फोटो मिली है, इन्दिरा की लाश के सामने राहुल और राजीव गांधी कलमा पढ रहे हैं फिर भी हमारे देश के लोगों को लगता है कि ये हिन्दू हैं।

पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल तस्‍वीर के बारे में पता लगाने के लिए सबसे गूगल लेंस टूल का इस्‍तेमाल किया। इसके जरिए सर्च करने पर यह तस्‍वीर Skyscrapercity नाम की एक वेबसाइट पर मिली। फोटो के बारे में बताया गया कि यह पेशावर में बाचा खान के अंतिम संस्कार की है।

सर्च के दौरान वायरल तस्‍वीर पाकिस्‍तानी नेता मोहसिन डावर के एक्‍स हैंडल पर मिली। 27 जनवरी 2016 को पोस्‍ट की गई इस तस्‍वीर के साथ भी बताया गया कि बाचा खान के अंतिम संस्‍कार में राजीव गांधी, सोनिया गांधी और नरसिम्‍हा राव मौजूद थे।

खान अब्दुल गफ्फार खां को बाचा खान नाम से भी जाना जाता है। खुदाई खिदमतगार आंदोलन शुरू करने वाले खान अब्दुल गफ्फार खां फ्रंटियर गांधी के नाम से भी काफी चर्चित रहे हैं। खान अब्दुल गफ्फार खां के बारे में विस्‍तार से यहां पढ़ा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने एक बार पहले भी इस तस्‍वीर की जांच की थी। उस वक्‍त हमने पाकिस्तानी चैनल 92 न्यूज के वरिष्ठ पत्रकार आरिफ महमूद से संपर्क किया था। उन्‍होंने भी दावे को गलत बताते हुए कहा था कि तस्वीर काफी पुरानी है और अब्दुल गफ्फार खान के अंतिम संस्कार की है। विश्वास न्यूज की पिछली पड़ताल को यहां क्लिक कर पढ़ा जा सकता है।

अब हमें इंदिरा गांधी के अंतिम संस्‍कार के बारे में पता करना था। गूगल ओपन सर्च करने पर हमें कई वेबसाइट पर संबंधित जानकारी मिलीं। फोटो एजेंसी गेट्टी पर मौजूद एक तस्‍वीर के कैप्‍शन में बताया गया कि 31 अक्‍टूबर 1984 में इंदिरा गांधी की हत्‍या के बाद में 3 नवंबर 1983 को नई दिल्‍ली में उनका अंतिम संस्‍कार हुआ। तस्‍वीर में साफ देखा जा सकता है कि किस प्रकार से हिंदू रीति-रिवाज से इंदिरा गांधी का अंतिम संस्‍कार हुआ था।

अब बारी थी फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच करने की। इंस्‍टाग्राम हैंडल हिंदू हब को 10 हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि इंदिरा गांधी के अंतिम संस्‍कार में राजीव गांधी और राहुल गांधी के द्वारा कलमा पढ़ने का दावा गलत साबित हुआ। तस्‍वीर अब्दुल गफ्फार खान के अंतिम संस्‍कार के वक्‍त की है।

False
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