Fact Check : कनाडा में पीएम मोदी के खिलाफ हुए प्रदर्शन को भ्रामक दावे के साथ केजरीवाल समर्थन रैली का बताकर फैलाया जा रहा है भ्रम

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी जांच में पाया कि ये दावा भ्रामक है। यह वीडियो केजरीवाल की बेल की ख़ुशी में हुई रैली का नहीं है। यह वीडियो 7 मई को कनाडा में निकले एक जुलूस का है, जबकि अरविंद केजरीवाल को 10 मई को अंतरिम जमानत मिली थी।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)।  सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को 10 मई को अंतरिम जमानत दे दी। उन्हें एक जून तक के लिए जमानत दी गई है। इस बीच सोशल मीडिया पर उनकी रिहाई को लेकर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि कनाडा में केजरीवाल की रिहाई पर एक रैली निकाली गई जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी को जेल में दिखाया गया और उनके खिलाफ नारे भी लगे।

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी जांच में पाया कि ये दावा भ्रामक है। यह वीडियो केजरीवाल की बेल की ख़ुशी में हुई रैली का नहीं है। यह वीडियो 7 मई को कनाडा में हुए एक नगर कीर्तन का है, जबकि अरविंद केजरीवाल को 10 मई को अंतरिम जमानत मिली थी।

क्या है वायरल पोस्ट?

फेसबुक यूजर Amit Tripathi (आर्काइव लिंक) ने 13 मई 2024 को इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा, “कनाडा में खालिस्तानी सिक्खों ने अरविंद केजरीवाल की जमानत मिलने की खुशी में एक रैली निकाली जिसमें प्राइम मिनिस्टर मोदीजी को जेल की सलाखों के अंदर दिखाया गया और मोदी को गाली सहित नारा लगाया, बन कर रहेगा खालिस्तान के नारे लगाये, केजरीवाल खालिस्तान सिख आतंकवादियों की पसंद क्यों है?”

पड़ताल

वायरल पोस्ट की जांच के लिए हमने सबसे पहले वीडियो के स्क्रीनशॉट्स को गूगल लेंस पर सर्च किया। हमें इस वीडियो का एक स्क्रीनशॉट द प्रिंट की 7 मई की एक खबर में मिला। खबर के अनुसार, “India sharply condemned Canada Tuesday for providing a safe space to “criminal and secessionist elements” within its borders, a day after a float, depicting Prime Minister Narendra Modi as a prisoner, featured in a Sikh procession in Toronto. (टोरंटो में एक सिख जुलूस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक कैदी के रूप में चित्रित करने वाली झांकी के एक दिन बाद भारत ने मंगलवार को अपनी सीमाओं के भीतर “आपराधिक और अलगाववादी तत्वों” को सुरक्षित स्थान प्रदान करने के लिए कनाडा की तीखी निंदा की।)”

कीवर्ड्स से सर्च करने पर हमें इस मामले में खबर टाइम्स ऑफ़ इंडिया की 8 मई की एक खबर में भी मिली। यहाँ भी इस जुलूस पर भारत की तीखी प्रतिक्रिया के बारे में बताया गया था।

हमें इस मामले में भारत की प्रतिक्रिया को लेकर एक खबर मनीकंट्रोल की वेबसाइट पर भी 8 मई को पब्लिश मिली।

इन तीनों ही ख़बरों में कहीं भी केजरीवाल या आम आदमी पार्टी का कोई जिक्र नहीं था।

हमने इस मामले में कनाडा स्थित पत्रकार कमलजीत बटर से बात की। उन्होंने कन्फर्म किया कि यह जुलूस खालसा डे के दिन ग्रेटर टोरंटो इलाके में 7 मई को निकला गया था।

ख़बरों के अनुसार अरविन्द केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को बेल दी थी। जबकि यह जुलूस उससे 3 दिन पहले का है।

वायरल वीडियो को अमित त्रिपाठी ने फेसबुक पर गलत दावे के साथ शेयर किया था।  यूजर के लगभग 9000 फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी जांच में पाया कि ये दावा भ्रामक है। यह वीडियो केजरीवाल की बेल की ख़ुशी में हुई रैली का नहीं है। यह वीडियो 7 मई को कनाडा में निकले एक जुलूस का है, जबकि अरविंद केजरीवाल को 10 मई को अंतरिम जमानत मिली थी।

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