Fact Check : हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के रिजल्ट को लेकर यूपी बोर्ड ने नहीं दिया कोई ऑर्डर, वायरल ऑर्डर फेक है
विश्वास न्यूज की पड़ताल में 10वीं और 12वीं के स्टूडेंटस को पास करने का ऑर्डर फर्जी निकला।
- By: Ashish Maharishi
- Published: Apr 15, 2020 at 03:56 PM
- Updated: May 6, 2020 at 10:27 AM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया में यूपी बोर्ड का एक फर्जी ऑर्डर वायरल हो रहा है। इसमें कहा गया कि कोविड 19 के कारण 10वीं और 12वीं के स्टूडेंटस की कॉपियों की सुरक्षा में कठिनाई आ रही है। इसलिए सभी छात्रों को पास किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह आदेश फर्जी साबित हुआ। यूपी बोर्ड ने ऐसा कोई ऑर्डर नहीं निकाला है।
क्या हो रहा है वायरल
यूपी बोर्ड के नाम पर माध्यमिक शिक्षा परिषद का लोगो इस्तेमाल करते हुए एक फर्जी आदेश जगह-जगह वायरल हो रहा है। इसमें यूपी बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव के नाम का भी फर्जी इस्तेमाल किया गया। फर्जी ऑर्डर में लिखा है : ”सर्वसाधारण के सूचनार्थ विज्ञापित एवं प्रसारित है कि वर्ष 2020 की परिषदीय परीक्षाओं में सम्मिलित होने वाले कक्षा 10 तथा 12 के छात्र-छात्राओं को सूचित किया जाता है कि COVID-19 महामारी के कारण परिक्षा पुस्तिकाओं की सुरक्षा में होने वाली कठिनाइयों को देखते हुए माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश दवारा यह निर्णय लिया गया कि – सभी छात्र-छात्राओं को पास किया जाएगा। उनके प्रमाण पत्र पर केवल उत्तीर्ण लिखा जाएगा। उस पर अंक नहीं लिखे जाएंगे। माध्यमिक शिक्षा परिषद दवारा यह निर्णय उततर पुस्तिकाओं की सुरक्षा सही से न हो सकते के कारण सभी छात्रों के भविष्य को देखते हुए लिया गया है।”
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले दैनिक जागरण के लखनऊ के ईपेपर को खंगालना शुरू किया। 14 अप्रैल के अखबार में हमें एक खबर मिली। इसमें बताया गया कि कक्षा छह, सात, आठ, नौ और 11 के करीब 70 लाख बच्चों को बिना परीक्षा लिए अगली कक्षा में प्रोन्नत कर दिया गया। इस खबर में कहीं भी 10वीं और 12वीं के स्टूडेंटस को लेकर कुछ भी नहीं कहा गया।
वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले हम माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की वेबसाइट https://upmsp.edu.in/ पर गए। वहां हमें एक नोटिस मिला। उस पर लिखा था : ”समस्त छात्र/छात्राओं, अविभावकों, शिक्षकगणों एवं अन्य सर्व संबंधितों को सूचित किया जाता है कि वर्ष 2020 की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा में सम्मिलित होने वाले समस्त ”छात्र/छात्राओं को उत्तीर्ण कर देने” संबंधी कतिपय सूचनाएं, बोर्ड का मोनोग्राम लगाकर व्हॉट्सएप/ट्विटर एवं मीडिया से वायरल हो रही हैं। ये सूचनाएं पूर्णतया फर्जी एवं भ्रामक हैं। इस प्रकार की अनाधिकृत/फर्जी व भ्रामक सूचनाओं को वायरल करना दंडनीय अपराध है। माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा परीक्षाओं से संबंधित जो भी सूचनाएं दी जाती हैं वे परिषद की अधिकृत वेबसाइट www.upmsp.edu.in के माध्यम से दी जाती हैं, यही सूचनाएं मान्य एवं अधिकृत होती हैं।”
पड़ताल के अगले चरण में हमने यूपी बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव से संपर्क किया। इसमें हमारी मदद दैनिक जागरण की प्रयागराज टीम ने की। नीना श्रीवास्तव की ओर से बताया गया, ”माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने अभी तक 10वीं व 12वीं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है। इस संबंध में शासन जल्द निर्णय लेगा। परिषद की ओर से सोशल मीडिया पर वायरल पत्र फर्जी है। इस संबंध में साइबर सेल को सूचित किया गया है। छात्र-छात्राएं व अभिभावक बोर्ड की वेबसाइट upmsp.edu.in को देखें।”
Disclaimer: कोरोनावायरसफैक्ट डाटाबेस रिकॉर्ड फैक्ट-चेक कोरोना वायरस संक्रमण (COVID-19) की शुरुआत से ही प्रकाशित हो रही है। कोरोना महामारी और इसके परिणाम लगातार सामने आ रहे हैं और जो डाटा शुरू में एक्यूरेट लग रहे थे, उसमें भी काफी बदलाव देखने को मिले हैं। आने वाले समय में इसमें और भी बदलाव होने का चांस है। आप उस तारीख को याद करें जब आपने फैक्ट को शेयर करने से पहले पढ़ा था।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में 10वीं और 12वीं के स्टूडेंटस को पास करने का ऑर्डर फर्जी निकला।
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