नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में चढ़ावे के नाम पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें महिलाओं को दान पेटी में नोटों की गड्डियों को डालते हुए देखा जा सकता है। वीडियो के साथ रामलला की प्रतिमा की तस्वीर भी लगी है। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स इसे राम मंदिर के चढ़ावे का वीडियो बताकर वायरल कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। दावा फर्जी साबित हुआ। वीडियो का राम मंदिर से कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो सितंबर 2023 से सोशल मीडिया पर मौजूद है, जबकि राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को हुई है। ऐसे में यह साबित होता है कि पुराने वीडियो को राम मंदिर से जोड़ते हुए झूठ फैलाया जा रहा है।
फेसबुक यूजर पारस जेठवा ने 2 फरवरी को 16 सेकंड का एक वीडियो अपलोड किया। वीडियो में अयोध्या के राम लला की प्रतिमा की तस्वीर का भी इस्तेमाल किया गया। जिससे लग रहा है कि दानपेटी में पैसे डालती महिलाओं का यह वीडियो राम मंदिर का है।
वायरल वीडियो को राम मंदिर का समझकर कई सोशल मीडिया यूजर्स इसे वायरल कर रहे हैं। इसका आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने राम मंदिर के नाम पर वायरल वीडियो की सच्चाई का पता लगाने के लिए सबसे पहले इनविड टूल की मदद से इसके कई कीफ्रेम्स निकाले। फिर इन्हें सर्च करने के लिए गूगल रिवर्स इमेज टूल का इस्तेमाल किया। इस टूल से खोजने पर एक इंस्टाग्राम हैंडल पर असली वीडियो मिला।
10 सितंबर 2023 को इंस्टाग्राम हैंडल सेठजी काडिवाना ने असली वीडियो को शेयर करते हुए इसे सांवलिया सेठ के मंदिर का बताया। वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा गया, “भादसोडा सवालिया जी पर एक महिला ने 10 लाख रुपये सवालिया जी के भण्डार में डाले। सेठो के सेठ श्री सांवरिया सेठ की जय।”
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल ओपन सर्च टूल का इस्तेमाल किया । सर्च से हमें एशियानेट न्यूज डॉट कॉम पर एक खबर मिली। 11 सितंबर 2023 को पब्लिश इस खबर में वायरल फुटेज के ग्रैब्स का इस्तेमाल किया गया है। इस खबर में बताया गया, “चित्तौड़गढ़ के सांवलिया सेठ यानि भगवान कृष्ण के दर्शन करने देश ही नहीं, दुनिया भर से लोग आते हैं। भक्त मनोकमाना पूरी होने पर करोड़ों का दान करते हैं। अब एक महिला का वीडियो वायरल हो रहा है। जहां उसने दो मिनट के अंदर 10 लाख रुपये ईश्वर को अर्पित किए।”
पड़ताल के दौरान हमें पता चला कि जब से राम मंदिर भक्तों के लिए खुला है, खूब चढ़ावा चढ़ रहा है। पिछले दस दिनों में लगभग 12 करोड़ का दान मिल चुका है। इससे संबंधित रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, अयोध्या के संपादकीय प्रभारी रमा शरण अवस्थी से संपर्क किया। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि राम मंदिर में काफी चढ़ावा चढ़ रहा है, लेकिन वायरल वीडियो राम मंदिर का नहीं है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह साबित हो गया है कि राम मंदिर से जोड़ते हुए जिस वीडियो को वायरल किया जा रहा है, वह मंदिर के बनने से पहले का है। विश्वास न्यूज स्वतंत्र रूप से इस बात की पुष्टि नहीं करता है कि वायरल वीडियो कहां का है।
पड़ताल के अंत में पुराने वीडियो को राम मंदिर से जोड़ते हुए वायरल करने वाले यूजर की जांच की गई। पता चला कि फेसबुक यूजर पारस जेठवा के करीब पांच हजार फ्रेंड हैं। इससे ज्यादा जानकारी इस अकाउंट पर नहीं मिली।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में राममंदिर में चढ़ावे के नाम पर वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को हुई है, जबकि वायरल वीडियो सितंबर 2023 से सोशल मीडिया पर मौजूद है। ऐसे में यह साबित होता है कि इस वीडियो का राम मंदिर से कोई संबंध नहीं है।
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