Fact Check : प्रियंका-राहुल गांधी के समर्थक आपस में नहीं झगड़े

Fact Check : प्रियंका-राहुल गांधी के समर्थक आपस में नहीं झगड़े

नई दिल्‍ली (विश्‍वास टीम)। ट्विटर और फेसबुक पर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के झगड़े का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो पोस्‍ट करने वालों का दावा है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के समर्थक आपस में भिड़ गए। 36 सेकंड के इस वीडियो के ऊपर ANI का लोगो लगा हुआ है। विश्‍वास टीम की पड़ताल में प्रियंका और राहुल के समर्थकों के आपस में झगड़ने का दावा गलत साबित हुआ। वीडियो असली है, लेकिन इसे गलत संदर्भ के साथ प्रचारित किया जा रहा है। घटना राजस्‍थान के जालोर की है। वहां कांग्रेस की जिला स्‍तर की बैठक के दौरान स्‍थानीय कार्यकर्त्‍ता आपस में भिड़ गए थे। लेकिन इस भिड़ंत का राहुल या प्रियंका गांधी से कोई लेना-देना नहीं है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में?

Shraddha (@ShraddhaPost) नाम के यूजर ने Twitter पर एक वीडियो अपलोड करते हुए लिखा – एक गुट बोला प्रियंका को PM बनाओ, दूसरा बोला राहुल को PM बनाओ और हो गई मारा-मारी! अभी तो बाकी गठबंधन के प्रधानमंत्री भी बाकी हैं!

29 जनवरी को अपलोड किए गए इस वीडियो को अब तक 3778 वीडियो व्‍यूज मिल चुके हैं। लाइक करने वालों की संख्‍या एक हजार से ज्‍यादा है, जबकि 618 बार रीट्वीट हो चुके इस पोस्‍ट पर 75 कमेंट हैं। यही वीडियो झूठी लाइन के साथ फेसबुक पर भी वायरल हो रहा है।

पड़ताल

विश्‍वास टीम ने सबसे पहले वायरल हो रहे वीडियो को दो बार ध्‍यान से देखा। वीडियो में हमें एक शख्‍स लाल पगड़ी पहने हुए दिखा। ऐसी पगड़ी राजस्‍थान में पहनी जाती है। इतना ही नहीं, वीडियो में लोगों के बोलने की आवाज आ रही थी, वह भी राजस्‍थान की ही लग रही थी। इसके बाद वायरल वीडियो में से इमेज क्रॉप करे Google Reverse Image में सर्च किया। हमें एक न्‍यूज वेबसाइट के कई लिंक मिले। जब हमने साइट पर जाकर खबर देखी तो वह मलयालम में थी। whois.com से हमें पता चला कि BIGNEWSLIVE केरल में रजिस्‍टर्ड है।

चूंकि खबर मलयालम में थी, इसलिए इसके लिए हमने गूगल ट्रांसलेशन की मदद ली। लेकिन वेबसाइट से कंटेंट कॉपी नहीं हो रहा था। इसलिए हमने राइट क्लिक करके view page source से मलयालम भाषा के कंटेंट का कॉपी किया और फिर गूगल में ट्रांसलेट किया। इससे हमें यह पता चला कि खबर राजस्‍थान के जालोर की है।

चूंकि खबर को 29 जनवरी को प्रकाशित की गई थी तो इसका मतलब यह हुआ कि खबर लेटेस्‍ट ही है। इसके बाद हमने InVID की मदद से ANI का Tweet खोजना शुरू हुआ।

InVID से हमें ANI का वह वीडियो मिल गया, जिसके आधार पर झूठ फैलाया जा रहा था। 29 जनवरी को ANI के ट्विटर हैंडल से #WATCH Two groups of Congress workers clash during the party’s district meeting in Jalore, Rajasthan (28.1.19) कैप्‍शन के साथ यह वीडियो अपलोड किया गया था। इसमें साफतौर पर लिखा है कि कांग्रेस जिला मीटिंग में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के दो गुट आपस में भिड़ गए। घटना 28 जनवरी की थी।

अब हमें यह जानना था कि जालोर में कांग्रेसी कार्यकर्त्‍ता आपस में क्‍यों भिड़ गए। इसके लिए हमने गूगल सर्च की हेल्‍प ली। गूगल में हमें एक न्‍यूज चैनल की वेबसाइट की खबर का लिंक मिला।

खबर के अनुसार, एक कमरे में कार्यकर्ताओं से टिकट को लेकर अलग-अलग रायशुमारी कर रहे थे, जबकि मंत्री विश्नोई कुछ देर बाद बाड़मेर के लिए रवाना हो गए थे। रायशुमारी के समापन के कुछ देर पूर्व ही कांग्रेस नेता ऊम सिंह चांदराई राजीव गांधी भवन पहुंचे तो भीनमाल के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने उन पर पार्टी के प्रत्याशी डॉ. समरजीत सिंह को हराने का आरोप लगाया और वहीं से आपस में भिड़ंत हो गई।

खबर से साफ था कि कांग्रेसी कार्यकर्त्‍ताओं की भिड़त लोकल स्‍तर की राजनीति के कारण हुई। इसका राहुल या प्रियंका से कोई लेना-देना नहीं था। वायरल पोस्‍ट में असली वीडियो के साथ झूठी लाइन लिखकर वायरल की जा रही है।

अंत में विश्‍वास टीम ने Shraddha (@ShraddhaPost) ट्विटर हैंडल की सोशल स्‍कैनिंग की। इसे 2629 लोग फॉलो करते हैं। अब तक इस ट्विटर हैंडल से 29 हजार से ज्‍यादा ट्वीट हो चुके हैं। foller.me से पता चला कि यह ट्विटर हैंडल सितंबर 2018 में बनाया गया है। सोशल स्‍कैनिंग से पता चला कि यह एक फेक ट्विटर हैंडल है। प्रोफाइल फोटो में श्रद्धा कपूर की तस्‍वीर यूज की गई है।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास टीम की पड़ताल में पता चला कि वायरल वीडियो असली है। 28 जनवरी को राजस्‍थान के जालोर में जिला स्‍तर की बैठक के दौरान कांग्रेस कार्यकर्त्‍ता आपस में भिड़ गए थे। लेकिन वायरल पोस्‍ट का यह दावा झूठा है कि कांग्रेसी कार्यकर्ता प्रियंका और राहुल गांधी के नाम पर भिड़े थे।

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False
Symbols that define nature of fake news
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