Fact Check : बीजेपी नेता की पिटाई की झूठी खबर वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है। इसमें कहा जा रहा है कि बवाना में दिल्‍ली भाजपा के अध्‍यक्ष मनोज तिवारी की पिटाई हो गई। विश्‍वास टीम की पड़ताल में यह वायरल मैसेज झूठा निकला। 2017 में जरूर बवाना में मनोज तिवारी पर हमला हुआ था। उसी से जुड़ी पुरानी खबर को मिसलीडिंग हेडिंग के साथ कुछ जगह वायरल किया जा रहा है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में ?

सोशल मीडिया में कई पोस्‍ट वायरल हो रही हैं। @Farhinsanwer नाम के एक Twitter अकाउंट पर भी मनोज तिवारी की पिटाई की बात कही जा रही है। इसे अब तक 166 बार ReTweet किया जा चुका है। इसके अलावा newsexpress.in नाम की एक वेबसाइट ने भी एक खबर पब्लिश करते हुए लिखा – दिल्‍ली में BJP के प्रदेश अध्‍यक्ष मनोज तिवारी की पिटाई। इस खबर का प्रिंट शॉट और लिंक भी तेजी से फैल रहा है।


फेसबुक पर वायरल खबर।
Twitter पर वायरल पोस्‍ट

पड़ताल

सबसे पहले हमें यह जानना था कि क्‍या वाकई में मनोज तिवारी पर कोई हमला हुआ है? इसके लिए हमने newsexpress.in की खबर को पढ़ा। खबर में दावा किया गया कि बवाना में जब मनोज तिवारी वोट मांगने गए तो उनकी पिटाई हो गई। खबर की सच्‍चाई पर यहीं से हमें संदेह होना शुरू हुआ। अभी दिल्‍ली में कोई चुनाव नहीं है। ऐसे में वोट मांगने की बात फर्जी साबित होती है। खबर में दिख रहा है कि यह दो दिन पहले प्रकाशित की गई है।


वायरल हो रही फेक खबर

जबकि खबर के नीचे लिखा है – बवाना में 23 अगस्‍त को उपचुनाव हुआ था। इस चुनाव में मनोज तिवारी वोट मांगने गए थे। इसके नीचे सोर्स में नवभारत टाइम्‍स डॉट कॉम की एक खबर का लिंक लगा था। खबर के इस लिंक से पूरी सच्‍चाई हमारे सामने आ गई। navbharattimes ने 20 अगस्‍त, 2017 को ”मनोज तिवारी पर पत्थरों और लकड़ी से हमला, बाल-बाल बचे” शीर्षक से मूल खबर प्रकाशित की थी।

खबर की सच्‍चाई जानने के लिए हमने मनोज तिवारी से संपर्क किया। उनके ऑफिस में अमिष पांडे (901*****88) से बात हुई। उन्‍होंने कहा कि वायरल हो रही खबर पूरी तरह झूठी है। बवाना की पुरानी घटना को जानबूझ कर गलत एंगल से वायरल किया जा रहा है। इसके बाद हमने बवाना पुलिस स्‍टेशन में बात की। वहां से हमें पता चला कि ऐसी कोई घटना नहीं घटी है।

इसके बाद हमने whois.com से फर्जी खबर फैलाने वाले newsexpress.in को स्‍कैन किया। बिहार के लखीसराय से रजिस्‍टर्ड यह वेबसाइट ज्‍यादा पुरानी नहीं है। 26 अगस्‍त , 2018 को ही इस वेबसाइट को बनाया गया है ।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास टीम की पड़ताल चला कि मनोज तिवारी की पिटाई वाली खबर झूठी है। दो साल पुरानी घटना को जानबूझ कर गलत एंगेल के साथ अब वायरल किया जा रहा है।

पूरा सच जानें… सब को बताएं

सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

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Symbols that define nature of fake news
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