Fact Check : अयोध्या के नाम पर वायरल हुआ फेक वीडियो, पुलिस ने भी किया खंडन

अयोध्‍या के नाम पर जिस वीडियो को वायरल किया जा रहा है, वह दुबई के नाम से पहले से ही इंटरनेट पर मौजूद है।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। देश में सक्रिय मानसून के बीच अयोध्‍या के नाम पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें बारिश और बाढ़ का कहर देखा जा सकता है। वीडियो में एक सड़क को बुरी तरह क्षति‍ग्रस्‍त देखा जा सकता है। इसके अलावा पानी से भरे सबवे में लोगों को देखा जा सकता है। इस वीडियो को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि अयोध्‍या में राम मंदिर बनने के बाद की दुर्दशा को यह वीडियो दर्शाता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो की विस्‍तार से जांच की। पता चला कि अयोध्‍या के नाम पर जिस वीडियो को वायरल किया जा रहा है, वह दुबई के नाम से पहले से ही इंटरनेट पर मौजूद है। हमारी जांच में वायरल पोस्‍ट फेक साबित हुई। अयोध्‍या पुलिस ने भी वायरल पोस्‍ट का खंडन किया।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज Fastway Post ने 21 जुलाई को एक वीडियो पोस्‍ट किया। इसके ऊपर लिखा गया, “राम मंदिर बनने के बाद यह हुआ है। चंदा दो धंधा लो की एक और परत खुल कर सामने आ गई है। अयोध्‍या प्रभु श्री राम मंदिर मार्ग।”

वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसे सही समझकर दूसरे यूजर भी शेयर कर रहे हैं। वायरल पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की सच्‍चाई पता लगाने के लिए सबसे पहले वीडियो के कई कीफ्रेम्‍स निकाले। फिर इन्‍हें गूगल लेंस टूल के जरिए सर्च किया हमें एक यूट्यूब चैनल पर वायरल वीडियो का एक हिस्‍सा मिला। इसे 21 अप्रैल को पोस्‍ट करते हुए यूएई का बताया गया।

https://youtu.be/5EapWxmOqmI?si=g3yptq7v2b_bRLHF

पूरा वीडियो भी हमें एक यूट्यूब चैनल पर मिला। इसे 21 अप्रैल 2023 को अपलोड करते हुए दुबई का बताया गया।

सर्च के दौरान हमें अयोध्‍या पुलिस के एक्‍स हैंडल पर एक वायरल वीडियो से जुड़ा खंडन मिला। इसे 21 जुलाई को पोस्‍ट करते हुए लिखा गया, “कतिपय ट्विटर हैंडल एवं सोशल मीडिया पर प्रसारित असत्य खबर का #Ayodhyapolice खंडन करती है। ट्वीट में दिखाया गया वीडियो अयोध्या का नहीं है। भ्रामक खबर फैलाने वाले व्यक्ति के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत किया गया है।”

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, अयोध्‍या के संपादकीय प्रभारी रमा शरण अवस्थी से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्‍ट को शेयर किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि वायरल वीडियो अयोध्या का नहीं है। पोस्‍ट में किया गया दावा फर्जी है।

विश्‍वास न्‍यूज स्‍वतंत्र रूप से इस बात की पुष्टि नहीं करता है कि वायरल वीडियो कहां का है, लेकिन यह तय है कि वीडियो का अयोध्‍या से कोई संबंध नहीं है।

पड़ताल के अंत में फेसबुक पेज की जांच की गई। पता चला कि Fastway Post नाम के इस पेज को 20 हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। यह पेज पंजाब के मोगा से संचालित होता है।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फेक साबित हुई। वीडियो का अयोध्‍या से कोई संबंध नहीं है।

False
Symbols that define nature of fake news
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