विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। हमें पता चला कि होली पर पब्लिश एक खबर को लोगों ने सच मानकर वायरल कर दिया।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर एक बार फिर से एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें एक अखबार की कटिंग को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि यदि वोट नहीं दिया तो 350 रूपए अकाउंट से कट जाएंगे। विश्वास न्यूज ने एक बार पहले भी ऐसी ही एक पोस्ट की जांच की थी। पड़ताल में पता चला कि वायरल खबर दरअसल होली पर पब्लिश एक मजाकिया खबर थी। जिसे लोगों ने सच मान लिया।
फेसबुक यूजर महेंद्र बिष्ट ने 29 नवंबर को ‘धौलाखेड़ा, अर्जुनपुर, हलद्वानी’ नाम के एक फेसबुक ग्रुप पर एक पोस्ट करते हुए दावा किया : ‘नही दिया वोट तो बैंक अकाउंट कटेंगे 350 रुपये : आयोग, चुनाव आयोग ने कोर्ट से पहले ही ले ली मंजूरी। अकाउंट नही है तो मोबाइल रिचार्ज से कटेगा पैसा।’
फेसबुक पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्ट का आकाईव्ड वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले वायरल खबर के आधार पर गूगल सर्च करना शुरू किया। हमें नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर 28 मार्च 2019 को हवाबाजी नाम से एक स्टोरी मिली। इसका कंटेंट वही था, जो वायरल अखबार की कटिंग में था। इसमें डिसक्लेमर लिखा हुआ था कि इस खबर में कोई सच्चाई नहीं है। यह मजाक है और किसी को आहत करना इसका मकसद नहीं है।इसके अलावा स्टोरी के नीचे बुरा न मानो होली है भी लिखा हुआ। मतलब साफ था कि होली के अवसर पर मजाकिया लहजे वाला यह कंटेंट नवभारत टाइम्स ने पब्लिश किया था। पूरी स्टोरी यहां पढ़ी जा सकती है।
विश्वास न्यूज ने जांच के दौरान चुनाव आयोग के प्रवक्ता के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को स्कैन किया। हमें 29 नवंबर 2021 का एक ट्वीट मिला। इसमें वायरल कटिंग को फेक बताया गया।
इस ट्वीट के साथ हमें एक और ट्वीट मिला। 23 मार्च 2019 के इस ट्वीट में नवभारत टाइम्स अखबार में प्रकाशित खंडन पोस्ट किया गया था। इसमें लिखा था कि एनबीटी ने हर साल की तरह इस बार भी होली पर 21 मार्च को पहले पेज पर मजाकिया खबरें छापी थीं। कई पाठकों को चुनाव में वोट देने न गए तो खाते से 350 रुपए कट जाएंगे खबर के सच होने का भ्रम हो गया। अगर पाठकों को मजाकिया खबर से कोई भ्रम हुआ हो तो नवभारत टाइम्स इसके लिए खेद व्यक्त करता है।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने चुनाव आयोग की प्रवक्ता शेफाली सरन से संपर्क किया। उन्होंने वायरल पोस्ट को फर्जी बताया।
पड़ताल के अंत में हमें यह जानना था कि मजाकिया खबर को सच मानकर शेयर करने वाला यूजर कौन है। फेसबुक यूजर महेंद्र बिष्ट की सोशल स्कैनिंग से हमें पता चला कि यूजर ने अपना अकाउंट जून 2010 को बनाया था। यूजर रानीखेत का रहने वाला है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। हमें पता चला कि होली पर पब्लिश एक खबर को लोगों ने सच मानकर वायरल कर दिया।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।