पूरा सच: FSSAI ने नहीं दी है दूध में मेलामाइन मिलाने की अनुमति

नई दिल्‍ली (विश्‍वास टीम)। आज कल वॉट्सऐप और फेसबुक पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें मेलामाइन नामक एक पदार्थ के दूध में मिलाने की बात कही गयी हैं। वीडियो के अनुसार, मेलामाइन प्लास्टिक एवं फ्लोर टाइल बनाने में उपयोग होता है और खाने में इस्तेमाल करने पर स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है। इस वीडियो की अवधि 7 मिनट और 2 सेकंड है। हमारी जांच में ये दावा फर्जी पाया गया है।

इस वीडियो में कई दावे किये गए हैं जो कि यह हैं।

  1. मेलामाइन में नाइट्रोजन की मात्रा अधिक होती है जिससे लैब टेस्ट के दौरान खाने में प्रोटीन होने का भ्रम होता है।
  2. 2008 में चीन में मिल्क स्कैंडल का पर्दाफाश होने के बाद मेलामाइन को वहां बैन किया गया।
  3. इस घटना के बावजूद भारतीय खाद्य निरीक्षक FSSAI ने दी खाने में मेलामाइन मिलाने की अनुमति।

पड़ताल

हमने सबसे पहले वीडियो में किये गए दावों की पुष्टि करने का फैसला किया। इसके लिए सबसे पहले हमने जाना कि मेलामाइन असल में है क्या।

मेलामाइन एक रासायनिक पदार्थ है जो प्लास्टिक और फ्लोर टाइल बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। पड़ताल करने पर पता चला कि 2008 में चीन में इस घोटाले पर से पर्दाफाश किया गया था। उस वर्ष चीन में 20 से अधिक बच्चों की मौत के बाद सरकार ने पड़ताल की और पाया कि बच्चों के दूध का पाउडर मिलावटी था। इस घटना के बाद चीन में मेलामाइन पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगा दी गयी।

पर क्या सच में भारत में मेलामाइन पर कोई प्रतिबंध नहीं है? इस बात की पुष्टि के लिए टीम विश्वास ने FSSAI से संपर्क करने का फैसला किया। इस मामले पर FSSAI के सीईओ पवन अग्रवाल ने टीम विश्वास को बताया कि ‘देश में खाद्य पदार्थों में मेलामाइन मिलाना पूरी तरह प्रतिबंधित है और प्राधिकरण ने नियमों में कोई बदलाव नहीं किया है। हालांकि, एक प्रदूषक के तौर पर अनजाने में दूध में आ जाने वाले मेलामाइन की अत्यंत सीमित मात्रा अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप स्वीकार्य है।’

उन्होंने हमारे साथ एक प्रेस नोट भी साझा किया जिसमे ये बताया गया है कि दूध में हो रही मिलावट वाला यह वीडियो गलत जानकारी फैला रहा है।

हमारी पड़ताल में ये मामला पूरी तरह फर्जी/भ्रामक पाया गया है।

पूरा सच जानें…सब को बताएं

सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
Related Posts
नवीनतम पोस्ट