पूरा सच: डसॉल्ट सीईओ के नाम से वायरल हो रहा बयान है नकली

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। राफेल विमान पर मोदी सरकार और राहुल गांधी के बीच जंग जारी है। इसी दौर में कई तरह के बयान वॉट्सऐप से फॉरवर्ड किए जा रहे हैं। इनमें से कई बयान झूठे भी हैं। आज हम आपके साथ ऐसे ही एक वायरल किए जा रहे फेक बयान की पड़ताल करने जा रहे है।

हाल ही में एक फोटो वायरल हो रहा है जहाँ डसॉल्ट एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर के फोटो के साथ कैप्शन दिया गया है जिसमें ये बताया गया है, “कांग्रेस ने हमसे राफेल डील में 50 % कमीशन की मांग की थी, हमने मना कर दिया तो उन्होंने डील फाइनल नहीं की।” विश्वास टीम की जांच में ये बयान गलत साबित हुआ है। डसॉल्ट के सीईओ ने कभी ऐसा बयान नहीं दिया।

कौशल मिश्रा द्वारा किया गया कमेंट

पड़ताल

इस फोटो को सबसे पहले कौशल मिश्रा नाम के ट्विटर हैंडल द्वारा कांग्रेस के एक पोस्ट पर कमेंट के रूप में जारी किया गया। इसके बाद इस पोस्ट को वॉट्सऐप पर वायरल किया गया। इस फोटो के अनुसार, यह वायरल इन इंडिया डॉट नेट की खबर है। इसी कारण से हमने सबसे पहले वायरल इन इंडिया डॉट नेट को जांचने का फैसला किया। हमने देखा कि वायरल इन इंडिया डॉट नेट ने कभी भी इस खबर को पब्लिश नहीं किया। आप वायरल इन इंडिया डॉट नेट के पेज को फेसबुक पर सर्च करके खुद इस बात की पुष्टि कर सकते हैं।

इस फोटो को ठीक से देखने पर पता चलता है कि फोटो पर लगा लोगो वायरल इन इंडिया डॉट नेट का नहीं है।

नीचे वाली फोटो में गलत लोगो है।

नीचे दी गई इमेज में सही लोगो है।

फिर हमने कौशल मिश्रा के प्रोफाइल की पड़ताल का फैसला किया। Tweetbeaver.com पर कौशल मिश्रा के प्रोफाइल को सर्च करने पर हमने पाया कि उनके ज़्यादातर पोस्ट कांग्रेस विरोधी होते हैं। इनके फॉलोअर्स को चेक करने पर हमने पाया कि इनके अधिकतर फॉलोअर्स या तो बीजेपी के समर्थक हैं या उनके कार्यकर्ता हैं।

कौशल मिश्रा के प्रोफाइल से पता चला कि उसके विचार एक विशेष विचारधारा से प्रभावित हैं।

हमने इस बयान की खोज करने के लिए डसॉल्ट के सीईओ एरिक ट्रैपियर का ट्विटर हैंडल ढूंढ़ने की कोशिश की और पाया कि एरिक तो ट्विटर पर ही नहीं हैं पर उनके सारे ट्वीट @Dassault_OnAir हैंडल द्वारा पोस्ट किए जाते हैं जो कि डसॉल्ट कंपनी का आधिकारिक हैंडल है। इस हैंडल की जांच करने पर हमने पाया कि पिछले 4 महीनों में डसॉल्ट द्वारा ऐसा कोई भी ट्वीट नहीं किया गया। इसके अलावा इस खबर की हेडिंग को भी गूगल सर्च किया गया, लेकिन कुछ भी हाथ नहीं लगा। हमारी जांच में ये फोटो फर्जी पाया गया है।

पूरा सच जानें…सब को बताएं 

सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। ईमेल कर सकते हैं। वॉट्सऐप (नंबर- 92052 70923) के माध्यम से सूचना दे सकते हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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