विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि वायरल पोस्ट फर्जी है। जिस मस्जिद को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के नाम से वायरल किया जा रहा है, दरअसल वह प्रयागराज स्टेशन पर मौजूद है। इसका दिल्ली से कोई संबंध नहीं है।
नई दिल्ली (Vishvas News)। दिल्ली के चांदनी चौक में सड़क निर्माण के लिए तोड़े गए एक मंदिर के बाद से ही सोशल मीडिया में कई प्रकार की अफवाह और दुष्प्रचार फैला हुआ है।
सोशल मीडिया में रेलवे स्टेशन पर मौजूद एक धार्मिक स्थल की तस्वीर को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का बताकर वायरल किया जा रहा है। हमारी जांच में यह दावा झूठा साबित हुआ। इस धार्मिक स्थल का दिल्ली से कोई संबंध नहीं है। यह यूपी के प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर मौजूद है।
फेसबुक यूजर नागेंद्र पटेल ने एक पुरानी तस्वीर को अपलोड करते हुए लिखा : ‘ये मस्जिद पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर है, किसी मे हिम्मत है इसको कब तुड़वा रहे हो या सिर्फ हनुमान मंदिर ही रास्ते का रोड़ा था तुम्हारे’
यह पोस्ट 7 जनवरी को की गई। इसका आर्काइव्ड वर्जन यहां देखें। पोस्ट को सर्च मानकर कई लोग इसे शेयर कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल हो रही तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च करना शुरू किया। सर्च के दौरान हमें यह तस्वीर प्रयागराज रेलवे स्टेशन के नाम से मिली। टाइम लाइन टूल की मदद से हमें सबसे पुरानी तस्वीर एक ब्लॉग पर मिली। 23 मई 2013 को पब्लिश एक ब्लॉग पोस्ट में बताया गया कि यह धार्मिक स्थल प्रयागराज रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर है।
तहकीकात को बढ़ाते हुए हमने यूट्यूब का रूख किया। संबंधित कीवर्ड की मदद से हमें एक वीडियो मिला। 2 जुलाई 2018 को अपलोड एक वीडियो में बताया गया कि यह स्थल इलाहाबाद जंक्शन पर है। वीडियो में हमें मौजूद धार्मिक स्थल का गुंबद ठीक उसी शैली का दिखा, जो दिल्ली के नाम पर वायरल तस्वीर में दिख रहा है। इसके अलावा वीडियो में हमें इलाहाबाद जं. भी लिखा हुआ नजर आया। मतलब साफ था कि वीडियो प्रयागराज का है।
पड़ताल के अगले चरण में हमने गूगल मैप की मदद ली। हमें पता चला कि प्रयागराज जंक्शन पर मौजूद धार्मिक स्थल लाइन शाहबाबा मजार नाम से ख्यात है।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने प्रयागराज में संपर्क किया। लाइन शाहबाबा मजार के सचिव वसीम उद्दीन ने बताया, “यह इलाहाबाद जंक्शन पर स्थित मजार है। चूंकि, बाबा का नाम किसी को नही पता था इसलिए इसे लाइनशाह बाबा कहा जाने लगा, तबसे यहां पर सभी धर्म के लोग आते हैं और मन्नत मांगते हैं।”
अंत में हमने फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की। हमें पता चला कि यूजर नागेंद्र पटेल एक खास विचारधारा से प्रभावित है। इसके अकाउंट पर हमें कई फर्जी पोस्ट मिली।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि वायरल पोस्ट फर्जी है। जिस मस्जिद को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के नाम से वायरल किया जा रहा है, दरअसल वह प्रयागराज स्टेशन पर मौजूद है। इसका दिल्ली से कोई संबंध नहीं है।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।