Fact Check : पीएम मोदी की अजमेर यात्रा के नाम पर वायरल तस्‍वीरों का राजस्‍थान से नहीं है कोई संबंध

Fact Check : पीएम मोदी की अजमेर यात्रा के नाम पर वायरल तस्‍वीरों का राजस्‍थान से नहीं है कोई संबंध

Fact Check : पीएम मोदी की अजमेर यात्रा के नाम पर वायरल तस्‍वीरों का राजस्‍थान से नहीं है कोई संबंध

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते 31 मई को अजमेर में थे। पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद उन्‍होंने अजमेर में एक जनसभा को संबोधित किया। अब उनके इस दौरे को लेकर सोशल मीडिया में दो तस्‍वीरें वायरल की जा रही हैं। इन तस्‍वीरों में पीएम मोदी का विरोध दिखाया गया है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स दावा कर रहे हैं कि दोनों तस्‍वीर राजस्‍थान की हैं। इसे पीएम मोदी के दौरे के वक्‍त देखा गया। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। दावा फर्जी साबित हुआ। पहली तस्‍वीर आंध्र प्रदेश की है। 2019 में पीएम मोदी के दौरे के दौरान यह बिलबोर्ड लगाया गया था। इसी तरह दूसरी तस्‍वीर कोलकाता की है। यह 2020 की है। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में दोनों तस्‍वीरों के साथ किया जा रहा दावा बेबुनियाद और फर्जी साबित हुआ।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर श्‍यामसुंदर सोमानी ने 1 जून को दो तस्‍वीरों को पोस्‍ट करते हुए लिखा, “ये राजस्थान है, गुजरात समझें थे क्या.? PM की अजमेर जनसभा के साथ आज दिनभर मोदी गो बैक हैशटैग ट्विटर ट्रेंड करता रहा..BJP को सोचना चाहिए कि जब गांव-देहात तक उनकी पहुंच नहीं थी, तब लोकसभा में 2-4 सीट आती रही..किसान आंदोलन व पहलवान प्रकरण जैसी घटनाओं से उत्तर भारत खिसकते ही केंद्रीय सत्ता तो दूर, स्टेट तक नहीं मिलेगा.!”

वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। सच मानकर दूसरे यूजर्स भी इसे फेसबुक, ट्विटर और इंस्‍टाग्राम पर वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

राजस्‍थान के नाम पर वायरल पीएम मोदी की तस्‍वीर की सच्‍चाई जानने के लिए गूगल लेंस टूल की मदद ली गई। असली तस्‍वीर द न्‍यूज मिनट नाम की एक वेबसाइट पर मिली। 2 फरवरी 2019 को पब्लिश इस खबर में बताया गया कि गुंटूर में पीएम मोदी की यात्रा से पहले उनके खिलाफ बिलबोर्ड लगे दिखे।

यह तस्‍वीर द इकोनॉमिक्स टाइम्‍स की वेबसाइट पर भी मिली। इसे 10 फरवरी 2019 को एक खबर में इस्‍तेमाल किया गया। इस खबर में बताया गया कि आंध प्रदेश के गूंटुर के अलावा कई जिलों में पीएम मोदी के खिलाफ बिलबोर्ड और पोस्‍टर दिखे।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच के अगले चरण में दूसरी तस्‍वीर की पड़ताल की। गूगल रिवर्स सर्च इमेज टूल से सर्च करने पर यह तस्‍वीर कोलकाता के वरिष्‍ठ पत्रकार मयूख रंजन घोष के ट्विटर हैंडल पर मिली। इसे 11 जनवरी 2020 को पोस्‍ट करते हुए कोलकाता की बताया गया।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए अजमेर के फोटोजर्नलिस्‍ट शौकत से संपर्क किया। उनके साथ वायरल तस्‍वीरों को शेयर किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि ऐसी कोई तस्‍वीर या पोस्‍टर अजमेर में नहीं लगा था।

पड़ताल के अंत में फेसबुक यूजर श्‍यामसुंदर सोमानी के अकाउंट की जांच की गई। पता चला कि यूजर राजस्‍थान के भीलवाड़ा जिले का रहने वाला है। इस अकाउंट से चार हजार से ज्‍यादा लोग जुड़े हुए हैं।

निष्‍कर्ष : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अजमेर यात्रा को लेकर सोशल मीडिया में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। आंध्र प्रदेश और कोलकाता की पुरानी तस्‍वीरों को पीएम मोदी की राजस्‍थान यात्रा से जोड़ते हुए वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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