Fact Check : सुप्रिया श्रीनेत की प्रेस कॉन्फ्रेंस के वीडियो के साथ छेड़छाड़ करके अधूरी वीडियो क्लिप की जा रही वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि गंगाजल पर जीएसटी के इश्‍यू को लेकर कांग्रेस की सुप्रिया श्रीनेत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उसी प्रेस कॉन्फ्रेंस के वीडियो को एडिट करके वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। कांग्रेस की वरिष्‍ठ नेता सुप्रिया श्रीनेत की प्रेस कॉन्फ्रेंस की एक क्लिप को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस को ये तकलीफ है कि हिंदुओं की पूजा सामग्री पर GST नहीं है। इस वीडियो क्लिप के दावे को सच मानकर कई सोशल मीडिया यूजर्स इसे वायरल कर रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। दावा फर्जी निकला। दरअसल पिछले दिनों सुप्रिया श्रीनेत ने गंगाजल पर जीएसटी को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उसमें उन्‍होंने कहा था कि जब अन्‍य पूजा साम्रगी पर जीएसटी नहीं लगता है, तो गंगाजल पर क्‍यों लगाया जा रहा है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के अधूरे वीडियो को गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर ललित मोहन सिंह ने 9 नवंबर को एक वीडियो क्लिप को पोस्‍ट करते हुए दावा किया, “कांग्रेस को ये तकलीफ है कि हिंदुओं की पूजा सामग्री पर GST नहीं है…………………अपनी कब्र खुद ही खोद लेते हैं ये लोग जिसे अंग्रेजी में self goal कहते हैं। फिर सूट पर जनेऊ पहनना पड़ता है। वोट देते समय ध्यान रखना।”

वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल की शुरुआत वायरल क्लिप को स्‍कैन करने से की। सबसे पहले वायरल क्लिप को ध्‍यान से सुना। इसमें सुप्रिया श्रीनेत को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “…रुद्राक्ष की माला पर जीएसटी नहीं है। रुद्राक्ष और तुलसी पर जीएसटी नहीं है। पूजा सामग्री में नंबर वन यह है। इसके बाद यज्ञोपवित पर जीएसटी नहीं है। बिना ब्रांड के शहद पर जीएसटी नहीं है। आपकी तरफ इसको क्‍या कहा जाता है। हमारे तरफ इसे कलावा कहते हैं। रक्षा सूत्र कहते हैं। इस पर भी जीएसटी नहीं है। विभूति ज्‍यादातर साउथ इंडिया में लगाई जाती है, इस पर भी जीएसटी नहीं है। रोली पर जीएसटी नहीं है। चंदन के टीके पर जीएसटी नहीं है। दीए की बाती पर जीएसटी नहीं है। खड़ाऊ लकड़ी का जो सिर्फ प्रतीकात्‍मक है। साधु-संत पहनते हैं। वह लोग पहनते हैं, जो अनुष्‍ठान करते हैं। इस पर जीएसटी नहीं है। चरणामृत पर जीएसटी नहीं है…।”

इस क्लिप को सुनकर यह अंदाजा हो गया है कि यह बात सुप्रिया श्रीनेत किसी संदर्भ में बोल रही होंगी, क्‍योंकि इस क्लिप को देखकर यह समझ में नहीं आया कि ऐसा उन्‍होंने क्‍यों बोला। जांच को आगे बढ़ाते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस के असली वीडियो की तलाश शुरू की । असली वीडियो कांग्रेस के यूट्यूब चैनल पर मिला। इसे 17 अक्‍टूबर को अपलोड किया गया।

इस वीडियो में सुप्रिया श्रीनेता केंद्र सरकार पर हमलावर थीं। इसमें उन्‍होंने गंगाजल पर जीएसटी को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें उन्‍होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था, “सरकार गंगाजल पर जीएसटी लगाकर बेच रही थी। सरकार ने आननफानन में विरोध के बाद निर्णय बदला। कहा गया था कि यह पूजा की साम्रगी है। पूजा की साम्रगी पर जीएसटी नहीं लगता है। यह भी कोरा झूठ है। यह सीबीआईसी, जो इनडायरेक्‍ट टैक्स की वेबसाइट है। जीएसटी इसके अंतगत आता है। इसमें 10 चीजें हैं, जिस पर पूजा की सामग्री पर टैक्‍स नहीं लगता है।……रुद्राक्ष की माला पर जीएसटी नहीं है। रुद्राक्ष और तुलसी पर जीएसटी नहीं है। पूजा सामग्री में नंबर वन यह है। इसके बाद यज्ञोपवित पर जीएसटी नहीं है। बिना ब्रांड के शहद पर जीएसटी नहीं है। आपकी तरफ इसको क्‍या कहा जाता है। हमारे तरफ इसे कलावा कहते हैं। रक्षा सूत्र कहते हैं। इस पर भी जीएसटी नहीं है। विभूति ज्‍यादातर साउथ इंडिया में लगाई जाती है, इस पर भी जीएसटी नहीं है। रोली पर जीएसटी नहीं है। चंदन के टीके पर जीएसटी नहीं है। दीए की बाती पर जीएसटी नहीं है। खड़ाऊ लकड़ी का, जो सिर्फ प्रतीकात्‍मक है। साधु-संत पहनते हैं। वह लोग पहनते हैं, जो अनुष्‍ठान करते हैं। इस पर जीएसटी नहीं है। चरणामृत पर जीएसटी नहीं है…। अभी तक इसमें गंगाजल का कोई जिक्र नहीं है।”

वीडियो में सुप्रिया श्रीनेत आगे कहती हैं, “इनसे जरूर पूछना चाहिए कि जब हमने आपकी पोल खोली तो आपने कहा कि गंगाजल पर जीएसटी नहीं लगेगा। नहीं तो आप इसे गंगाजल पर भी 18 फीसदी टैक्‍स लगा रहे थे। अब आप सोचिए कि जो धर्म के स्‍वयंभू ठेकेदार हैं, वह सबसे ज्‍यादा धर्म के अनुयायियों को ठगते हैं।”

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने कांग्रेस के सोशल मीडिया सेल के गिरीश कुमार से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्‍ट को साझा करने पर उन्‍होंने बताया कि गंगाजल पर जीएसटी को लेकर सुप्रिया श्रीनेत ने पिछले महीने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, उसी के वीडियो को एडिट करके अब वायरल किया जा रहा है।

जांच के अंत में एडिटेड वीडियो को गलत दावे के साथ वायरल करने वाले यूजर की जांच की गई। पता चला कि ललित मोहन सिंह नाम के इस पेज को करीब दस हजार लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि गंगाजल पर जीएसटी के इश्‍यू को लेकर कांग्रेस की सुप्रिया श्रीनेत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उसी प्रेस कॉन्फ्रेंस के वीडियो को एडिट करके वायरल किया जा रहा है।

Misleading
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