Fact Check : पीपल के पेड़ पर आम उगने की बात कोरी अफवाह निकली

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पीपल के पेड़ पर आम वाली पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। आंधी के कारण आम से लदी एक टहनी पीपल के पेड़ पर फंस गई थी। उसी के वीडियो को कुछ लोग अब फर्जी दावे के साथ वायरल कर रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें कथित रूप से पीपल के पेड़ पर आम को देखा जा सकता है। यूजर्स इसे सच मानकर धड़ल्ले से वायरल कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि यह घटना ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर स्थित एक पीपल के पेड़ पर हुई है। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। जांच में पता चला कि आंधी के कारण आम की पेड़ से एक टहनी टूटकर पीपल के पेड़ में फंस गई थी। उसी के वीडियो को अब फर्जी दावों के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज ऋषिकेश चहल पहल ने 1 जून को एक वीडियो अपलोड करते हुए दावा किया : ‘पीपल के पेड़ पर आम त्रिवेणी घाट ऋषिकेश’

फेसबुक पोस्‍ट का आकाईवड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को ध्‍यान से देखा। वीडियो में हमें त्रिवेणी घाट और ऋषिकेश लिखा हुआ नजर आया। इससे यह तो साफ हो गया कि वीडियो ऋषिकेश का ही है। अब हमें यह जानना था कि वीडियो के साथ किए गए दावे में कितनी सच्‍चाई है। इसके लिए हमने सीधे ऋषिकेश में संपर्क किया।

विश्‍वास न्‍यूज ने दैनिक जागरण के ऋषिकेश सेंटर प्रभारी हरीश तिवारी से संपर्क किया। उन्‍होंने हमें इस संबंध में त्रिवेणी घाट पुलिस चौकी प्रभारी उत्‍तम रमोला का बयान दिलवाया। उनके अनुसार, 23 मई की शाम को आंधी आने के बाद आम की टहनियां टूटकर पीपल के पेड़ पर अटक गई थीं, जिन पर आम भी लगे हुए थे। जिसे वहां से गुजर रहे लोगों ने इसका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया था। इस टहनी को पुलिसकर्मी ने हटा दिया। पीपल पर आम लगे होने की बात बिल्कुल निराधार है।

जांच के अंतिम चरण में हमने फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। हमें पता चला कि फेसबुक पेज ऋषिकेश चहल पहल को 133 लोग फॉलो करते हैं। इस पेज को 16 मई 2021को बनाया गया।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पीपल के पेड़ पर आम वाली पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। आंधी के कारण आम से लदी एक टहनी पीपल के पेड़ पर फंस गई थी। उसी के वीडियो को कुछ लोग अब फर्जी दावे के साथ वायरल कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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