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Fact Check: राजीव गाँधी के हाथ में डिजिटल कैमरा नहीं,बल्कि VH-S कैमकॉर्डर है

  • By: Rama Solanki
  • Published: May 16, 2019 at 02:32 PM
  • Updated: Sep 3, 2020 at 06:19 PM

विश्वास टीम ( नई दिल्ली ) सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें राजीव गाँधी के हाथ में एक कैमरा हैं, जिसको लेकर ये यह दावा किया जा रहा है कि हाथ में जो कैमरा है वह डिजिटल कैमरा है, जबकि वह VH-S कैमकॉर्डर है। विश्वास न्यूज़ ने अपनी जाँच-पड़ताल में इस खबर को फ़र्ज़ी साबित किया |

क्या है वायरल पोस्ट में ,

तारीख 14 मई, फेसबुक के एक पेज “पण्डित जॉनी लीवर” पर एक तस्वीर अपलोड होती है, उस तस्वीर में राजीव गाँधी है और उनके हाथ में एक कैमरा है जिसपर JVC ( कंपनी का नाम ) लिखा है। तस्वीर पर एक डिक्रिप्शन लिखा है ” और फिर चमचे पूछते हैं मोदी के पास 1988 में कैमरा आया कैसे 🤔😠।” यह पोस्ट सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्म पर वायरल हो चुकी है।

पड़ताल : सबसे पहले इस तस्वीर का स्क्रीनशॉट हमने लिया और उसके बाद गूगल रिवर्स इमेज टूल में हमने इसको सर्च किया। हमारे आगे इस तस्वीर की बहुत सारी जानकारियां सिलसिलेवार खुलती चली गयी, जिसमें यह तस्वीर कुछ लेखों और सूचनाओं के साथ सोशल मीडिया के मंच पर शेयर और वायरल की गयी थी। कुछ ट्वीट्स भी हाथ लगे जहाँ पर इस तरह के दावे थे, Chowkidar Tajinder Pal Singh BaggaVerified account @TajinderBagga

मगर साथ ही कांग्रेस का 2017 का एक ट्वीट हाथ लग गया जहाँ पर इस तस्वीर को ट्वीट किया गया था और लिखा गया ” राजीव गाँधी को फोटोग्राफी से प्यार था |

ट्वीट तस्वीर और शेखर गुप्ता का एक आर्टिकल भी जिसमे इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था, यह आर्टिकल 21,दिसंबर 2015 को पब्लिश हुआ |

यह तथ्य साफ़ हो गया कि इस तस्वीर के साथ छेड़छाड़ नहीं की गयी है यह तस्वीर सही है और राजीव गांधी की यह तस्वीर साल 1983 की है।उनके साथ जो कैमरा तस्वीर में नज़र आ रहा है वो JVC कैमरा है जो वर्ष 1983 में ही लॉन्च किया गया था। अगर उनकी इस फोटो को ध्यान से देखेंगे तो नज़र आएगा कि कैमरे पर JVC भी लिखा हुआ है।

यह तस्वीर उस मौके और समय की है जब वह साल 1983 में हिंडन एयरफ़ोर्स स्टेशन पर भारतीय वायु सेना का शो अपने VH-S कैमकॉर्डर में कैद कर रहे थे। अब बारी थी उस दावे की जिसको लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी हुई थी कि यह राजीव गाँधी के हाथ में डिजिटल कैमरा है या फिर अन्य कोई और कैमरा। हमने तस्वीर को ध्यान से देखा और invid टूल के zoom से देखा तो उस पर लिखा था ” JVC ” |

InVid, video verification tool, zoomed into the photograph and marked ‘JVC’ written on the video camera.

अब ये बात आई कैसे ज़रूरत थी इस खबर के तह में जाने की, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान Email और डिजिटल कैमरा को लेकर कुछ बातें बोली थी, जिस पर सोशल मीडिया पर ये बहस का मुद्दा बन गया। मोदी ने इंटरव्यू में यह कहा था, उन्होंने 1988 में डिजिटल कैमरे से फोटो खींची थी और उसे ईमेल भी किया था, जबकि भारत में डिजिटल कैमरा 1990 और ईमेल 1995 में आया। उसी बात को आधार बनाते हुए राजीव गांधी की कैमरे के साथ सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर होने लगी, जिसमें यह दावा किया जाने लगा कि राजीव गांधी ने मोदी से पहले डिजिटल कैमरे का इस्तेमाल किया था।

तस्वीर में दिख रहे कैमरा की सच्चाई

राजीव गांधी की शेयर की जा रही तस्वीर में जो कैमरा दिखाई दे रहा है असल में वो डिजिटल कैमरा नहीं है। जो कैमरा इस फोटो में उनके हाथ में दिखाई दे रहा है वह एक VHS कैमरा है, जिसे कैमकॉर्डर भी कहते हैं। साल 1983 में ही सोनी कंपनी ने पहली बार बाज़ार में कंज़्यूमर कैमकॉर्डर लॉन्च किया था। इसी साल JVC नाम की कंपनी ने दुनिया का पहला VH-S कैमकॉर्डर भी लॉन्च किया था।

अब बारी थी कैमरा एक्सपर्ट्स की राय की, हमने इस सिलसिले में वीडियो-जर्नलिस्ट सिद्धार्थ सफाया से बात की उन्होंने JVC के बारे में जानकारी दी। “1983 में ही सोनी कंपनी ने पहली बार बाज़ार में कंज़्यूमर कैमकॉर्डर लॉन्च किया और फिर इसी वर्ष JVC नाम की कंपनी ने दुनिया का पहला VH-S कैमकॉर्डर भी लॉन्च किया था। जेपीसी एक जापानी कंपनी है, जो प्रोफेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स और कन्ज्यूमर गुड्स का प्रोडक्शन करती है। द जापान विक्टर कंपनी (जेपीसी) ने जापान में पहली बार टेलीविजन और वीडियो होम सिस्टम इंट्रोड्यूस किया था। बाद में, जेपीसी ने प्रोफेशनल कैमकॉर्डर और डिजिटल कैमरा का प्रोडक्शन शुरू कर दिया।”

फिर हमने दूसरे वीडियो जर्नलिस्ट एक्सपर्ट देव चौबे से बात की और VH-S कैमकॉर्डर के बारे में जाना। कैमकॉर्डर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जिसमें वीडियो कैमरा और वीडियो कैसेट्स संलग्न होता है। कैमकॉर्डर का उपयोग वीडियो कैसेट्स के लिए एनालॉग सिग्नल को रिकॉर्ड करने में किया जाता था। आज के समय में कैमकॉर्डर चिप आधारित हो चुका है। अब इसका इस्तेमाल फ्लैश मेमोरी या मेमोरी कार्ड के इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल्स को रिकॉर्ड करने में किया जाने लगा है। हम कह सकते हैं कि हर वो कैमरा जो वीडियो के मेमोरी चिप या एसडी कार्ड को रिकॉर्ड करता है डिजिटल कैमरा के अंतर्गत आता है।

असल में डिजिटल कैमरा और कैमकॉर्डर में अंतर होता है वो इस प्रकार है।

पहला – डिजिटल कैमरा के अंतर्गत जो ऑडियो और वीडियो डाटा होता है वो अंकों के रूप में रिकॉर्ड होता है।

दूसरा – ऑडियो के मामले में स्टोर हुआ अंक उस पर्टिकुलर मौके पर माइक द्वारा रिसीव किए एयर के प्रेशर को रिकॉर्ड करता है।

तीसरा- वीडियो के मामले में ब्राइटनेस को अंकों में बदला जाता है और ये काम सेंसर करता है, जबकि अगर कैमकॉर्डर की बात की जाए तो कैमकॉर्डर में कैसेट लगाकर रिकॉर्ड किया जाता था। ये डिजिटल रिकॉर्डिंग का हिस्सा नहीं था।

इस तरह से ये दावा कि राजीव गांधी ने 1983 में डिजिटल कैमरा इस्तेमाल किया था, यह गलत है।

सोशल मीडिया पर यह पोस्ट जिस पेज से वायरल हुयी थी अब बारी थी उसकी सोशल स्कैनिंग की , “पण्डित जॉनी लीवर” पेज के 27, 398 लाइक और 28, 147 फॉलोअर्स है |

निष्कर्ष : वायरल हो रही तस्वीर का दावा गलत है, राजीव गाँधी के हाथ में डिजिटल कैमरा नहीं, बल्कि VH-S कैमकॉर्डर है |

पूरा सच जानें…

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

  • Claim Review : 1983 Rajiv Gandhi used Digital Camera.
  • Claimed By : पण्डित जॉनी लीवर
  • Fact Check : झूठ
झूठ
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