विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। पता चला कि राजस्थान में हुई घटना के वीडियो को झूठे सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक शख्स को कुछ लोग बेरहमी से पीटते हुए दिख रहे हैं। इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि एक दलित युवक की कुछ मुसलमानों ने मिलकर पिटाई की। वीडियो के अंतिम हिस्से में जेसीबी मशीन से घरों को तोड़ते हुए भी दिखाया गया है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। पता चला कि राजस्थान में हुई घटना के वीडियो को झूठे सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। यह घटना राजस्थान के झुंझुनूं जिले की है। वहां कुछ दिन पहले एक दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इसमें मुख्य आरोपी दलित हैं। मुसलमानों वाली बात झूठ है।
फेसबुक यूजर सनातनी हिंदू राकेश ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए दावा किया, “चुस्लिमो ने खुलेआम पीटा और नरसंहार किया एक दलित युवक का।”
वायरल पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो के कई कीफ्रेम्स निकाले। फिर इन्हें गूगल लेंस से सर्च किया। हमें न्यूज 18 राजस्थान के यूट्यूब चैनल पर एक खबर मिली। 21 मई 2024 को अपलोड इस खबर में बताया गया कि झुंझुनूं के बलौदा गांव में शराब माफिया ने एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। सबसे पहले युवक रामेश्वर का अपहरण किया गया। फिर एक हवेली में ले जाकर लाठियों से पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी गई। इस युवक ने किसी दूसरी जगह से शराब खरीदी थी। जिससे शराब माफिया नाराज थे। इस खबर में झुंझुनूं के पुलिस अधीक्षक राजर्षि की ओर से बताया गया कि घटना में छ: लोगों को गिरफ्तार किया गया।
सर्च के दौरान हमें कई न्यूज वेबसाइट पर घटना से जुड़ी खबरें मिलीं। अमर उजाला डॉट कॉम ने भी विस्तार से घटना से जुड़ी खबर को प्रकाशित किया। 22 मई 2024 को पब्लिश खबर में बताया गया,
“झुंझुनू के सूरजगढ़ थाना इलाके में 14 मई को बलोदा गांव में शराब माफियाओं द्वारा गांव के युवक रामेश्वर वाल्मीकि का अपहरण कर बेहरमी से मारपीट कर हत्या कर दी गई। मामला दर्ज होने के बाद सूरजगढ़ थाने के हिस्ट्रीशीटर दीपेंद्र उर्फ चिंटू राजपूत निवासी बलौदा, प्रवीण उर्फ पीके मेघवाल निवासी बलौदा, प्रवीण उर्फ बाबा मेघवाल निवासी उरीका, सुभाष उर्फ चिंटू मेघवाल निवासी बलौदा तथा सतीश उर्फ सुखा मेघवाल निवासी बलौदा को गिरफ्तार कर लिया है।” पूरी खबर यहां क्लिक करके पढ़ें।
सर्च के दौरान हमें पता चला कि झुंझुनूं पुलिस ने अपने एक्स हैंडल पर भी इस घटना को लेकर जवाब दिया। पोस्ट में लिखा गया कि घटना के संबंध में मुख्य आरोपीगण सुभाष उर्फ चिन्टू जाति मेघवाल व सतीश उर्फ सीताराम उर्फ सुखा जाति मेघवाल निवासीगण बलौदा सहित अन्य सहयोगी आरोपीगण दीपेन्द्र उर्फ चिन्टू राजपूत, प्रवीण कुमार उर्फ पीके मेघवाल निवासीगण बलौदा व प्रवीण उर्फ बाबा मेघवाल निवासी उरीका को गिरफ्तार किया जा चुका है व एक नाबालिग को भी निरूद्ध किया गया है। प्रकरण में सभी आरोपी गिरफ्तार किये जा चुके हैं। इस संबंध में सोशल मीडिया पर किसी भी तरीके की भ्रामक टिप्पणी या पोस्ट ना करें।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल के अगले चरण में झुंझुनूं पुलिस अधीक्षक राजर्षि राज वर्मा से संपर्क किया। उन्होंने विश्वास न्यूज को बताया कि आरोपी भी दलित समुदाय के ही थे। वायरल वीडियो भ्रामक है।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि झुंझुनूं के एक गांव में दलित युवक की कुछ लोगों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। सभी आरोपी दलित समुदाय के ही हैं। इसमें मुस्लिम कोई भी नहीं है। ऐसे में हमारी जांच में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित होती है।
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