पूरा सच : विधानसभा चुनाव खत्‍म होते ही राहुल गांधी के दरगाह जाने का दावा गलत है

नई दिल्‍ली (विश्‍वास टीम)। सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया जा रहा है कि चुनाव खत्‍म होते ही कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी इस्‍लाम की चरण में पहुंच गए हैं। वीडियो में राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता गुलाम नबी आजाद भी दिख रहे हैं। विश्‍वास टीम की पड़ताल में पता चला कि वीडियो दो साल पुराना है। इसे गलत मैसेज के साथ अब वायरल किया जा रहा है।

क्‍या है पोस्‍ट में?

The India Eye नाम के फेसबुक पेज पर इस वीडियो को 17 दिसंबर को अपलोड किया गया है। इसे अब तक 1300 से ज्‍यादा लोग शेयर कर चुके हैं, जबकि 48 हजार से ज्‍यादा लोग देख चुके हैं।

InVid की मदद से जब हमने ट्विटर पर इस वीडियो को सर्च किया तो वहां भी हमें ये वीडियो अलग-अलग कैप्‍शन से मिला। मिलिंद नाम के एक यूजर ने भी आपत्तिजनक भाषा लिखते हुए इस वीडियो को शेयर किया।

पड़ताल

वीडियो के ऊपर Argumentative Indian का लोगो और उसके सोशल मीडिया प्रोफाइल का यूआरएल दिया हुआ था। हमने फेसबुक पर Argumentative Indian के पेज पर जाकर उस वीडियो को सर्च किया, जो बाकी जगह वायरल हो रहा है। यहां हमें ये वीडियो मिल गया। इस वीडियो पर कई कमेंट थे। एक कमेंट हमें राजेश यादव का मिला। इन्‍होंने यूटयूब का एक लिंक शेयर किया हुआ था। इस पर क्लिक करने से हमें पता चला कि जिस वीडियो को चुनाव के बाद का बताया जा रहा है, वो दो साल पुराना है।

समय लाइव के यूट्यूब चैनल पर इस वीडियो को 10 सितंबर 2016 में अपलोड किया गया था। वीडियो यूपी के अंबेडकर नंबर के किछौछा शरीफ दरगाह का है। दो साल पहले राहुल गांधी यहां मखदूम साहब की मजार पर चादर चढ़ाने पहुंचे थे।

अब हमें उस पेज की सोशल स्‍कैनिंग करनी थी, जिसने फेसबुक पर इसे अपलोड किया था। Stalkscan की मदद से हमें पता चला कि ArgumentativeIndiann पेज को 10 हजार से ज्‍यादा लोग लाइक करते हैं। पेज पर अधिकांश पोस्‍ट भाजपा और उनके नेताओं के पक्ष में मौजूद हैं, जबकि पेज के निशाने पर अक्‍सर राहुल गांधी और कांग्रेस के नेता रहते हैं।

जब हम ArgumentativeIndiann पेज के ट्विटर हैंडल @Public_RTI पर गए तो वहां हमें अधिकांश ऐसे लोग इसे फॉलो करते हुए दिखे, जो एक खास विचारधारा से प्रभावित हैं। foller.me की मदद से हमें पता चला कि Public_RTI हैंडल से भाजपा के शीर्ष नेता के अलावा विपक्ष के भी कई नेताओं को फॉलो किया जाता है। इसमें राहुल गांधी, अखिलेश यादव और मनीष सिसोदिया प्रमुख हैं।

इस तरह विश्‍वास टीम की पड़ताल में ‘चुनाव खत्‍म होते ही राहुल गांधी का दरगाह में जाने’ का दावा गलत साबित हुआ।

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Symbols that define nature of fake news
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