Fact Check : राहुल गांधी ने नहीं कहा कि उन्हें किसी हिंदू धार्मिक ग्रंथ पर भरोसा नहीं, फर्जी है वायरल पोस्ट का दावा

वायरल वीडियो में राहुल गांधी ने कहीं भी यह नहीं कहा था कि उन्‍हें किसी हिंदू धार्मिक ग्रंथ पर भरोसा नहीं है।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। कांग्रेस नेता व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का एक मिनट का वीडियो वायरल हो रहा है। इसे सोशल मीडिया के अलग-अलग प्‍लेटफॉर्म पर शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि राहुल गांधी ने कहा है कि उन्‍हें हिंदुओं के किसी भी धार्मिक ग्रंथ- गीता भागवत, रामायण, शिव महापुराण पर कोई विश्वास नहीं है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल दावे की जांच की। पड़ताल में पता चला कि राहुल गांधी ने इस प्रकार का कोई बयान नहीं दिया है। वायरल वीडियो में भी उन्‍होंने ऐसा कुछ नहीं बोला, जैसा कि दावा किया जा रहा है। हमारी जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर Madhukar Sharma ने 4 जुलाई को एक वीडियो को पोस्‍ट करते हुए दावा किया, “कहां मर गए कांग्रेस के हिंदू नेता और वोटर। राहुल खुल्लम-खुल्ला बोल रहा है कि मुझे हिंदूओं के किसी भी धार्मिक ग्रंथ गीता भागवत रामायण शिव महापुराण पर कोई विश्वास नहीं है। कांग्रेस के ब्राह्मण नेता क्या अपना जनेउ तोड़ चुके हैं , या नदियों में बहाकर तर्पण कर दिया है?? क्या ऐसी स्थिति में कांग्रेसी हिंदुओं को भावी मुसलमान कहना गलत होगा??? यह सब सुनने के बाद सपा, TMC , AAP, कांग्रेस या कांग्रेस के समर्थन वाली किसी भी पार्टी को वोट करने वाले हिन्दुओं को चुल्लू भर पानी में डूबकर मर जाना चाहिए।”

वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच के लिए सबसे पहले वीडियो के असली वर्जन को सर्च किया। वीडियो के कीफ्रेम्‍स निकालने के बाद इन्‍हें गूगल लेंस टूल से सर्च किया। हमें जनचौक नाम के एक यूट्यूब चैनल पर पूरा वीडियो मिला। इसे 10 सितंबर 2023 को अपलोड किया गया। वीडियो के कैप्‍शन में बताया गया कि राहुल गांधी ने पेरिस के साइंसेज पीओ यूनिवर्सिटी के छात्रों और फैकल्टी से संवाद किया।

वीडियो के 18वें मिनट पर एक शख्‍स को राहुल गांधी से प्रश्‍न पूछते हुए सुना जा सकता है। इसके बाद राहुल गांधी कहते हैं, “मैंने गीता पढ़ी है। मैंने कई उपनिषद पढ़े हैं। मैंने कई हिंदू किताबें पढ़ी हैं। लेकिन भारतीय जनता पार्टी जो करती है उससे हिंदू का कोई लेना-देना नहीं है। मैंने कहीं भी यह नहीं पढ़ा, किसी हिंदू किताब में नहीं पढ़ा, किसी हिंदू बिदान से कि टेरेराइट और नुकसान पहुंचाने, जो आपसे कमजोर हैं। हिंदू नेशनलिस्‍ट गलत शब्‍द है। ये लोग हिंदू नेशनलिस्‍ट नहीं है। इनका हिंदुज्‍म से कोई संबंध नहीं है। उन्‍हें किसी भी कीमत पर पावर चाहिए। इसके लिए वे कुछ भी कर सकते हैं।’’

हमें सर्च के दौरान राहुल गांधी के एक्‍स हैंडल पर भी वायरल वीडियो मिला। 10 सितंबर 2023 को पोस्‍ट किए गए एक पोस्‍ट में लिख गया कि राहुल गांधी ने पेरिस में साइंसेज पीओ यूनिवर्सिटी यूनि र्विसट में छात्रों और फैकल्‍टी से बात की।

असली वीडियो हमें राहुल गांधी के यूट्यूब चैनल पर भी मिला। इसमें राहुल गांधी को विस्‍तार से पेरिस के साइंसेज पीओ यूनिवर्सिटी के छात्रों और फैकल्‍टी से बात करते हुए देखा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम के सदस्‍य गिरीश कुमार से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्‍ट को शेयर किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा पूरी तरह बेबुनियाद है। वीडियो में राहुल गांधी ने ऐसा कुछ नहीं बोला है, जैसा कि फर्जी पोस्‍ट में दावा किया जा रहा है।

जांच के अंत में फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की गई। पता चला कि यूजर मधुकर शर्मा को 711 लोग फेसबुक पर फॉलो करते हैं। यूजर रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी है।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि वायरल वीडियो में राहुल गांधी ने कहीं भी यह नहीं कहा था कि उन्‍हें किसी हिंदू धार्मिक ग्रंथ पर भरोसा नहीं है। हमारी जांच में वायरल पोस्‍ट फेक साबित हुई।

False
Symbols that define nature of fake news
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