विश्वास न्यूज की पड़ताल में ‘राहुल-प्रियंका ने तोड़ा लॉकडाउन’ वाली पोस्ट फर्जी साबित हुई। दिसंबर 2019 में सीएए को लेकर हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिवार से मिलने के लिए जब राहुल और प्रियंका मेरठ जा रहे थे तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया था। अब उसी घटना के वीडियो को कुछ लोग लॉकडाउन से जोड़कर वायरल कर रहे हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। एक तरफ देश कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने का प्रयास कर रहा है तो दूसरी ओर कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो फर्जी खबरों को फैला रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के एक पुराने वीडियो को कुछ लोग इस दावे के साथ वायरल कर रहे हैं कि अपने दोस्तों से मिलने के लिए दोनों ने लॉकडाउन को तोड़ डाला।
विश्वास न्यूज की जांच में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। दिसंबर 2019 के वीडियो को कुछ लोग झूठे दावों के साथ अब वायरल कर रहे हैं।
फेसबुक यूजर विश्वास शाह ने 4 अप्रैल 2020 को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया : ”This is Rahul Gandhi & Priyanka Vadra breaking Lock-down Regulations saying they need to visit friends”
इसी तरह राजेश सिंघल नाम के फेसबुक यूजर ने राहुल-प्रियंका के पुराने वीडियो को फर्जी दावे के साथ अपलोड करते हुए लिखा कि दोनों को लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए पकड़ा गया।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को InVID टूल में अपलोड करके कई ग्रैब निकाले। इसके बाद इन ग्रैब को गूगल रिवर्स इमेज में सर्च करना शुरू किया। हमें ओरिजनल वीडियो कई वेबसाइट और यटयूब चैनलों पर मिला। सर्च के अनुसार, ये वीडियो करीब तीन महीने पहले दिसंबर 2019 का है। उस वक्त राहुल गांधी अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिवार से मिलने मेरठ जा रहे थे। उसी वक्त पुलिस ने उन्हें वापस दिल्ली भेज दिया।
एनडीटीवी के यूटयूब चैनल पर अपलोड वीडियो के अनुसार, मेरठ जाते वक्त राहुल और प्रियंका को पुलिस ने रोक दिया और उन्हें दिल्ली की ओर रवाना किया। यह वीडियो 24 दिसंबर 2019 को अपलोड किया गया था। पूरा वीडियो आप नीचे देख सकते हैं।
पड़ताल के दौरान हमें jagran.com की वेबसाइट पर एक पुरानी खबर मिली। 24 दिसंबर 2019 को पब्लिश इस खबर में बताया गया, ”नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में हुई हिंसा में मारे गए छह लोगों के परिवारीजन से मिलने आ रहे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को मेरठ पुलिस ने मंगलवार को परतापुर थाने के पास रोक दिया। पुलिस के आग्रह पर वे दिल्ली लौट गए।”
खबर से साफ हो चुका था कि वायरल वीडियो कोरोना के कारण देशभर में लागू लॉकडाउन के दौरान का नहीं, बल्कि दिसंबर में सीएए के विरोध के दौरान का है। उस वक्त देश के कई हिस्सों में हिंसा हुई थी। पूरी खबर आप यहां पढ़ सकते हैं।
पड़ताल के अगले चरण में हमने कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के महीनों पुराने वीडियो को कुछ लोग लॉकडाउन का बताकर अफवाह फैला रहे हैं।
वायरल वीडियो को लेकर अखिलेश प्रताप सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल के जरिए शिकायत भी दर्ज करवाई है। इसे आप यहां देख सकते हैं।
अंत में हमने राजेश सिंघल के फेसबुक अकाउंट की सोशल स्कैनिंग की। हमें पता चला कि यूजर नोएडा में रहते हैं। हमारी जांच में पता चला कि यूजर्स दूसरों की पोस्ट को ज्यादा शेयर करते हैं।
Disclaimer: कोरोनावायरसफैक्ट डाटाबेस रिकॉर्ड फैक्ट-चेक कोरोना वायरस संक्रमण (COVID-19) की शुरुआत से ही प्रकाशित हो रही है। कोरोना महामारी और इसके परिणाम लगातार सामने आ रहे हैं और जो डाटा शुरू में एक्यूरेट लग रहे थे, उसमें भी काफी बदलाव देखने को मिले हैं। आने वाले समय में इसमें और भी बदलाव होने का चांस है। आप उस तारीख को याद करें जब आपने फैक्ट को शेयर करने से पहले पढ़ा था।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में ‘राहुल-प्रियंका ने तोड़ा लॉकडाउन’ वाली पोस्ट फर्जी साबित हुई। दिसंबर 2019 में सीएए को लेकर हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिवार से मिलने के लिए जब राहुल और प्रियंका मेरठ जा रहे थे तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया था। अब उसी घटना के वीडियो को कुछ लोग लॉकडाउन से जोड़कर वायरल कर रहे हैं।
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