Quick Fact Check : रोहिंग्या शरणार्थी की तीन साल पुरानी तस्वीर एक बार फिर से फर्जी दावे के साथ वायरल
विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। 2018 में दिल्ली के एक रोहिंग्या कैंप की फोटो को कुछ लोग गलत दावे के साथ वायरल कर रहे हैं।
- By: Ashish Maharishi
- Published: Jun 15, 2021 at 05:11 PM
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया में एक बार फिर से रोहिंग्या को लेकर एक फर्जी पोस्ट वायरल हो रही है। इस तस्वीर में एक शख्स चारपाई पर कई बच्चों के साथ देखा जा सकता है। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि इस शख्स के पास 21 हजार रुपए का मोबाइल है। दावा यह भी किया जा रहा है कि शख्स के 8 बच्चे और तीन पत्नियां हैं। विश्वास न्यूज एक बार पहले भी इस वायरल पोस्ट की जांच कर चुका है।
हमारी पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। तस्वीर अप्रैल 2018 की है। इसे पत्रकार देबायन रॉय ने दिल्ली के मदनपुर खादर के रोहिंग्या कैंप में आग लगने के बाद क्लिक की थी। पुरानी पड़ताल आप यहां पढ़ सकते हैं।
क्या हो रहा है वायरल
फेसबुक यूजर मोहन अग्रवाल ने 11 जून को एक तस्वीर को पोस्ट करते हुए दावा किया : ‘दिल्ली में रोड के किनारे रहने वाला एक लाचार असहाय रोहिंग्या जिसके पास खाने तक को कुछ नही है, बस तीन बीवियां जिसमे 2 गर्भवती हैं, 8 बच्चे हैं और एक सस्ता घटिया वाला सैमसंग 7 c9 pro मोबाइल है जिसकी कीमत मात्रा 21000 रुपये है. हमे इनका जीवन सुधारना है इसलिए समय पर टैक्स दीजिये.’
फेसबुक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां पढ़ें। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए गूगल रिवर्स इमेज टूल की मदद ली थी। इससे हमें न्यूज 18 डॉट कॉम पर एक खबर मिली। खबर में बताया गया कि दिल्ली के मदनपुर खादर में रोहिंग्या शरणार्थी कैंप में अचानक से 15 अप्रैल 2018 को आग लगने से कई लोगों की झुग्गियां जल गई थीं। यहां हमें ओरिजनल तस्वीर भी मिली। इसे देबायन रॉय ने क्लिक की थी।
जांच के दौरान हमें देबायन रॉय के ट्विटर हैंडल @DebayanDictum पर हमें एक ट्वीट मिला। इस ट्वीट में देबायन रॉय ने वायरल हो रही पोस्ट को फेक बताया था।
विश्वास न्यूज से बातचीत में देबायन ने बताया कि वायरल पोस्ट पूरी तरह फेक है। कैंप में आग लगने के बाद वहां कुछ वॉलन्टियर्स काम कर रहे थे। मोबाइल उन्हीं में से किसी का था। किसी वॉलन्टियर्स ने फोटो वाले शख्स को मोबाइल पकड़ने को दिया था। आठ बच्चे और तीन पत्नियों वाली बात बेबुनियाद है।
पड़ताल को विस्तार से यहां पढ़ें।
पड़ताल के अंत में हमने फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की। सोशल स्कैनिंग में हमें पता चला कि फेसबुक यूजर मोहन अग्रवाल के 4848 फ्रेंड हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। 2018 में दिल्ली के एक रोहिंग्या कैंप की फोटो को कुछ लोग गलत दावे के साथ वायरल कर रहे हैं।
- Claim Review : दिल्ली में रोड के किनारे रहने वाला एक लाचार असहाय रोहिंग्या जिसके पास खाने तक को कुछ नही है, बस तीन बीवियां जिसमे 2 गर्भवती हैं, 8 बच्चे हैं और एक सस्ता घटिया वाला सैमसंग 7 c9 pro मोबाइल है
- Claimed By : फेसबुक यूजर मोहन अग्रवाल
- Fact Check : झूठ
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