विश्वास न्यूज की पड़ताल में रतन टाटा के नाम से वायरल बयान फर्जी साबित हुआ। उन्होंने कभी भी ऐसा कोई बयान नहीं दिया।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर एक बार फिर से रतन टाटा का फर्जी बयान वायरल हो रहा है। इसमें रतन टाटा की तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए लिखा गया कि उन्होंने आधार कार्ड के जरिए शराब बेचने की बात कही है। विश्वास न्यूज एक बार पहले भी ऐसी ही एक पोस्ट की जांच कर चुका है। पता चला कि रतन टाटा के नाम से वायरल बयान फर्जी है।
फेसबुक यूजर आरएल गर्ग ने 29 नवंबर को एक पोस्ट किया। इसमें रतन टाटा के नाम से लिखा गया कि आधार कार्ड के द्वारा बेची जानी चाहिए शराब। शराब खरीदने वाले की बंद होनी चाहिए। सभी सब्सिडी और सुविधाएं। हम भोजन दें और वे शराब पिएं। ऐसा नहीं चलेगा।
पोस्ट के आकाईव्ड वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज सोशल मीडिया में उद्योगपति रतन टाटा के नाम वायरल पोस्ट की जांच करने के लिए सबसे पहले गूगल सर्च का सहारा लिया। गूगल ओपन सर्च में हमें एक भी प्रतिष्ठित वेबसाइट पर ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जो वायरल पोस्ट पर मुहर लगाए। उन्होंने ऐसा कोई भी बयान दिया होता तो वह खबरों में ज़रूर मौजूद होता।
जांच के अगले चरण में विश्वास न्यूज ने रतन टाटा के ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम के सोशल मीडिया एकाउंट्स की स्कैनिंग की, लेकिन वहां भी हमें ऐसा कोई बयान नहीं दिखा।
विश्वास न्यूज ने इस बयान को लेकर टाटा समूह के कॉरपोरेट कम्युनिकेशन पर्सनल से भी संपर्क किया। उन्होंने भी इसे फर्जी बताया।
इस वायरल पोस्ट को विस्तार से यहां पढ़ा जा सकता है।
जांच के दौरान हमने फेसबुक यूजर आर एल गर्ग की सोशल स्कैनिंग की। हमें पता चला कि यूजर एक खास विचारधारा से प्रभावित है। उसके चार हजार से ज्यादा फ्रेंड हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में रतन टाटा के नाम से वायरल बयान फर्जी साबित हुआ। उन्होंने कभी भी ऐसा कोई बयान नहीं दिया।
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