Quick Fact Check : फेक है मोदी-शाह की यह तस्‍वीर, ओरिजनल तस्‍वीर से की गई छेड़छाड़

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में मोदी-शाह की वायरल तस्‍वीर मॉर्फ्ड साबित हुई। 2019 की असली तस्‍वीर से छेड़छाड़ करके अलग से टोपी जोड़ी गई है।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की एक तस्‍वीर से छेड़छाड़ करके इसे आपत्तिजनक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। इस तस्‍वीर में मोदी और शाह को मुस्लिम समुदाय की टोपी पहने हुए दिखाया गया है। विश्‍वास न्‍यूज ने एक बार पहले भी इस तस्‍वीर की जांच की थी। हमें पता चला कि दोनों नेताओं की पुरानी तस्‍वीर को मॉर्फ्ड करके अलग से टोपी जोड़ी गई है। ओरिजनल तस्‍वीर उस वक्‍त की है, जब अरुण जेटली के निधन के बाद मोदी और शाह उनके घर गए थे। यह बात अगस्‍त 2019 की है। हमारी पड़ताल में वायरल पोस्‍ट पूरी तरह फर्जी साबित होती है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर अशोक कुशवाहा ने 15 सितंबर को एक तस्‍वीर को अपलोड करते हुए लिखा : मिल गया किससे हिंदुओ को खतरा है यही दो मुल्ले है जिससे हिंदुओ को खतरा है।

फेसबुक पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इस सच मानकर दूसरे यूजर्स भी खूब शेयर कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज एक बार पहले भी इसी तस्‍वीर की जांच कर चुका है। उस वक्‍त यह तस्‍वीर पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के माहौल में वायरल की जा रही थी। तस्‍वीर की सच्‍चाई जानने के लिए हमने गूगल रिवर्स इमेज टूल की मदद ली थी। इसके जरिए ओरिजनल तस्‍वीर हमें न्‍यूज 18 की वेबसाइट पर मिली। 28 अगस्‍त 2019 की इस तस्‍वीर को लेकर कैप्‍शन में लिखा गया कि यह तस्‍वीर पीटीआई की ओर से जारी की गई थी। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी और होम मिनिस्‍टर अमित शाह को पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन के बाद उनके घर से श्रद्धांजलि देने के बाद निकलते हुए देखा जा सकता है। ओरिजनल तस्‍वीर में दोनों नेताओं ने कोई टोपी नहीं पहनी थी।

विश्‍वास न्‍यूज की इस पड़ताल को विस्‍तार से यहां पढ़ा जा सकता है।

अब हमें यह जानना था कि फर्जी पोस्‍ट करने वाला यूजर कौन है। हमें इसकी सोशल स्‍कैनिंग में पता चला कि फेसबुक यूजर अशोक कुशवाहा बिहार के मोतिहारी के रहने वाले हैं। इनके अकाउंट को तीन सौ से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। ये भाकपा माले से जुड़े हुए हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में मोदी-शाह की वायरल तस्‍वीर मॉर्फ्ड साबित हुई। 2019 की असली तस्‍वीर से छेड़छाड़ करके अलग से टोपी जोड़ी गई है।

False
Symbols that define nature of fake news
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