विश्वास न्यूज की पड़ताल में किसान आंदोलन के नाम पर वायरल हो रही पोस्ट भ्रामक है। दरअसल दिल्ली में कुछ साल पहले एक सिख ऑटो चालक की पिटाई हो गई थी। उसी की तस्वीर को अब कुछ लोग फिर से किसान आंदोलन से जोड़कर वायरल कर रहे हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। देश में किसान आंदोलन भले ही स्थगित हो गया हो, लेकिन अभी भी कुछ फर्जी पोस्ट वायरल हो रही है। अब एक घायल सिख युवक की तस्वीर को कुछ लोग वायरल करते हुए दावा कर रहे हैं कि यह तस्वीर किसान आंदोलन से जुड़ी हुई है। विश्वास न्यूज ने एक बार पहले भी इस तस्वीर की जांच की थी। हमें पता चला कि वायरल तस्वीर में जिस युवक की पीठ पर लाल निशान दिखाई दे रहा है, उसका किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है। यह तस्वीर कई साल पहले दिल्ली के मुखर्जी नगर में एक सिख ऑटो ड्राइवर की पिटाई की है। इसे कुछ लोग किसान आंदोलन से जोड़कर वायरल करते रहे हैं। हमारी जांच में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई।
फेसबुक यूजर चौ खिलेन्द्र सिंह ने 13 दिसंबर को एक तस्वीर को वायरल करते हुए लिखा : ‘किसान आंदोलन के कभी ना भूलाने वाले पल, 2022 एवं 2024 में सब याद रखा जाएगा।’
फेसबुक पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। इसके आकाईव्ड वर्जन को यहां देखें। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज एक बार पहले भी वायरल तस्वीर की पड़ताल कर चुका है। सच जानने के लिए विश्वास न्यूज ने गूगल रिवर्स इमेज टूल का इस्तेमाल करते हुए इंटरनेट पर असली तस्वीर को सर्च करना शुरू किया तो यह फोटो हरियाणा टाइम्स नाम के एक फेसबुक पेज पर मिली। 17 जून 2019 को अपलोड इस तस्वीर को लेकर बताया गया कि सरदार जी के शरीर पर यह निशान दिल्ली पुलिस की मार के कारण पड़ा। इसी तरह जांच के दौरान 17 जून 2019 का एक ट्वीट मिला। इसमें लिखा गया कि मुखर्जी नगर पुलिस स्टेशन के बाहर एक सिख ऑटो ड्राइवर और उसके बेटे की बेरहमी से पिटाई की गई। इसे नीचे देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल के दौरान दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त जनसंपर्क अधिकारी से भी संपर्क किया था। उन्होंने वायरल तस्वीर को दुष्प्रचार बताते हुए किसान आंदोलन की नहीं बताया।
विश्वास न्यूज की पुरानी पड़ताल को विस्तार से यहां पढ़ा जा सकता है।
पड़ताल के अंत में विश्वास न्यूज ने फेसबुक यूजर चौ खिलेन्द्र सिंह की सोशल स्कैनिंग की। पता चला कि यूजर यूपी के मेरठ के रहने वाले हैं। इनके तीन हजार से ज्यादा फेसबुक फ्रेंड हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में किसान आंदोलन के नाम पर वायरल हो रही पोस्ट भ्रामक है। दरअसल दिल्ली में कुछ साल पहले एक सिख ऑटो चालक की पिटाई हो गई थी। उसी की तस्वीर को अब कुछ लोग फिर से किसान आंदोलन से जोड़कर वायरल कर रहे हैं।
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