Quick Fact Check : यह तस्‍वीर इंदिरा गांधी के अंतिम संस्‍कार की नहीं है

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि गांधी परिवार के खिलाफ वायरल दावा फर्जी है। वायरल हो रही तस्‍वीर अब्दुल गफ्फार खान के जनाजे की है।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया में एक बार फिर से देश के भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी की एक तस्‍वीर फर्जी दावों के साथ वायरल हो रही है। यूजर्स इस तस्‍वीर को वायरल करते हुए यह झूठ फैला रहे हैं कि इसमें राजीव व राहुल को इंदिरा गांधी के शव के सामने कलमा पढ़ते हुए देखा जा सकता है। हमारी जांच में वायरल पोस्‍ट पहले भी फर्जी साबित हो चुकी है। दरअसल वायरल तस्‍वीर अब्दुल गफ्फार खान के जनाजे की है। इस्‍लाम में जनाजे में मगफिरत की दुआ की जाती है। इस दौरान वहां मौजूद लोग भी दुआ करते हैं।

पूरी पड़ताल को आप यहां पढ़ सकते हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर आशीष सैनी ने 6 जून को एक पोस्‍ट अपलोड किया। पोस्‍ट में एक तस्‍वीर में राहुल गांधी को अपने पिता राजीव गांधी के साथ देखा जा रहा है। इसी तस्‍वीर को लेकर दावा किया गया : ‘बड़ी मुश्किल से यह फोटो मिली। इन्दिरा की लाश के सामने राहुल और राजीव गांधी कनमा पढ रहे हैं फिर भी हमारे देश के लोगों को लगता है कि ये लोग हिंदु हैं।’

फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

यह तस्‍वीर पिछले कई सालों से झूठ के साथ वायरल है। विश्‍वास न्‍यूज पहले भी इस तस्‍वीर की सच्‍चाई दुनिया के सामने ला चुका है। हमें वीडियो से पता चला कि फोटो अब्दुल गफ्फार खान के जनाजे की है। पड़ताल को विस्‍तार से यहां पढ़ा जा सकता है।

पड़ताल के अंत में हमने फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। हमें पता चला कि आशीष सैनी के 1.8 हजार दोस्‍त हैं। यूपी के सहारनपुर में रहने वाला यह यूजर एक राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि गांधी परिवार के खिलाफ वायरल दावा फर्जी है। वायरल हो रही तस्‍वीर अब्दुल गफ्फार खान के जनाजे की है।

False
Symbols that define nature of fake news
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