विश्वास न्यूज की पड़ताल में राष्ट्रपति की तस्वीरों के कोलाज वाली पोस्ट फर्जी साबित हुई। दरअसल राष्ट्रपति की गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए अलग-अलग कार्यक्रमों की तस्वीरों को गलत मंतव्य के साथ वायरल किया गया है।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया में एक बार फिर से देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की तीन तस्वीरों का एक कोलाज दुष्प्रचार के इरादे से वायरल किया जा रहा है। कोलाज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देखा जा सकता है। विश्वास न्यूज ने एक बार पहले भी वायरल पोस्ट की जांच की थी। तब हमें पता चला कि राष्ट्रपति की तस्वीरों को गलत और आपत्तिजनक संदर्भ के साथ वायरल करके झूठ फैलाया जा रहा है। हमारी जांच में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई।
फेसबुक यूजर सज्जाद अंसारी ने 9 अगस्त को I M WITH RAVISH KUMAR नाम के एक फेसबुक ग्रुप पर कोलाज को पोस्ट करते हुए लिखा : ‘हमारे राष्ट्रपति! महामहिम!’
इस पोस्ट में लिखी गई बातों को ज्यों का त्यों पेश किया गया है। इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि दिल्ली के राजघाट पर जनवरी 2018 को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। उस दौरान श्रद्धांजलि के बाद राष्ट्रपति ने सभी नेताओं का हाथ जोड़कर अभिवादन किया था। उसी कार्यक्रम की अलग एंगल की तस्वीर को बार-बार गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जाता है।
इसी तरह राष्ट्रपति और होम मिनिस्टर की तस्वीर उस वक्त है, जब 20 जुलाई 2017 को रामनाथ कोविंद को देश के अगले राष्ट्रपति तौर पर चुना गया था। उस वक्त की तस्वीर में अमित शाह भाजपा अध्यक्ष के तौर पर नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बधाई देते हुए देखा जा सकता है। तस्वीर को अब फिर से गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है।
इसी तरह तीसरी तस्वीर में राष्ट्रपति और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देखा जा सकता है। दरअसल यह तस्वीर जून 2017 की है, जब एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर रामनाथ कोविंद का अभिवादन योगी आदित्यनाथ कर रहे थे।
पुरानी पड़ताल को विस्तार से यहां क्लिक करके पढ़ा जा सकता है।
पड़ताल के अंत में हमने फेक पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की। हमें सोशल स्कैनिंग में पता चला कि फेसबुक यूजर सज्जाद अंसारी लखनऊ में रहते हैं। इस अकाउंट में हमें वायरल कंटेंट ज्यादा मिला।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में राष्ट्रपति की तस्वीरों के कोलाज वाली पोस्ट फर्जी साबित हुई। दरअसल राष्ट्रपति की गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए अलग-अलग कार्यक्रमों की तस्वीरों को गलत मंतव्य के साथ वायरल किया गया है।
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