Quick Fact Check : राष्ट्रपति की तस्वीरों को फिर से गलत संदर्भ के साथ किया गया वायरल
विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की तस्वीरों को गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है। इसलिए वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई।
- By: Ashish Maharishi
- Published: Jul 11, 2020 at 02:22 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया में एक बार फिर से राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद पर प्रश्न खड़ा करती हुए एक पोस्ट वायरल हो रही है। यह पोस्ट पहले भी कई बार वायरल हो चुकी है। इस पोस्ट में राम नाथ कोविंद की तीन तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है। तस्वीर में इनके साथ नरेंद्र मोदी, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ को देखा जा सकता है। तस्वीर के माध्यम से यह मैसेज देने की कोशिश की जा रही है कि राष्ट्रपति इन नेताओं के आगे कितना झुक गए हैं।
विश्वास टीम ने पहले भी इस पोस्ट की पड़ताल की थी। हमें पता चला कि किसी ने जानबूझ कर राष्ट्रपति की गरिमा पर सवाल खड़ा करने के लिए ऐसा कोलाज बनाया था।
क्या हो रहा है वायरल
फेसबुक यूजर कंवल चड्डा ने 7 जुलाई को एक कोलाज को पोस्ट करते हुए लिखा : The President of India.
इसी तरह भारत पोस्ट नाम के पेज पर भी कोलाज को अपलोड करते हुए लिखा गया : ‘जिस देश का राष्ट्रपति इतना मजबूर हो उस देश का चुनाव आयोग और सीबीआई कितनी मजबूत होगी’
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने कोलाज की तीनों तस्वीरों की विस्तार से जांच की। पीएम मोदी के साथ वाली तस्वीर जनवरी 2018 की है। उस पर राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने पीएम मोदी और राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद दोनों पहुंचे थे।
वहां राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को एक-दूसरे को हाथ जोड़कर अभिवादन किया था। लेकिन किसी ने एक अलग एंगल की तस्वीर को गलत संदर्भ के साथ वायरल कर दिया।
इसी तरह दूसरी तस्वीर उस वक्त की है, जब राम नाथ कोविंद का राष्ट्रपति के तौर पर चुना गया था। इस तस्वीर में अमित शाह को राम नाथ कोविंद को बधाई देते हुए देखा जा सकता है। यह तस्वीर 20 जुलाई 2017 की है।
अब हमने तीसरी तस्वीर की जांच की। इसमें योगी आदित्यनाथ को देखा जा सकता है। जांच में पता चला कि यह तस्वीर 24 जून 2017 की है। इसमें राम नाथ कोविंद के लिए राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार शब्द का इस्तेमाल किया गया था।
राम नाथ कोविंद भले ही 20 जुलाई को नए राष्ट्रपति पद के लिए चुन लिए गए थे, लेकिन उन्होंने पद की शपथ 25 जुलाई 2017 को ली थी। इसलिए अमित शाह और योगी आदित्यनाथ वाली तस्वीर के वक्त राम नाथ कोविंद राष्ट्रपति नहीं थे।
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अंत कंवल चड्डा के अकाउंट की जांच की। इस अकाउंट से राष्ट्रपति से जुड़ी पोस्ट की गई थी। पड़ताल में पता चला कि यूजर मोहाली में रहते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की तस्वीरों को गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है। इसलिए वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई।
- Claim Review : राष्ट्रपति की तस्वीरें
- Claimed By : कंवल चड्डा
- Fact Check : झूठ
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