पड़ताल में हमने पाया था कि पोस्ट में शेयर की गयी पहली तस्वीर गलत है। इस तस्वीर का बिजनौर मदरसा रेड से कोई लेना-देना नहीं है। दूसरी तस्वीर सही है और बिजनौर में मदरसे में पड़ी रेड की ही हैं। असल में इस रेड में एक पिस्तौल, दो मैग्जीन, चार तमंचे और 24 कारतूस बरामद हुए थे, न कि AK 47, AK 56।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक बार फिर से एक तस्वीर पोस्ट हो रही है जिसमें 5 तस्वीरें हैं। पहली तस्वीर में बहुत-सी बंदूकें देखी जा सकती हैं। ये बंदूकें दिखने में AK 47, AK 56, स्टेनगन नज़र आ रहीं हैं। दूसरी तस्वीर में पुलिस के साथ कुछ लोगों को खड़ा देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज़ इस दावे की पड़ताल पहले भी कर चुका है। पड़ताल में हमने पाया था कि पोस्ट में शेयर की गयी पहली तस्वीर गलत है। इस तस्वीर का बिजनौर मदरसा रेड से कोई लेना-देना नहीं है। दूसरी तस्वीर सही है और बिजनौर में मदरसे में पड़ी रेड की ही हैं। असल में इस रेड में एक पिस्तौल, दो मैग्जीन, चार तमंचे और 24 कारतूस बरामद हुए थे, न कि AK 47, AK 56।
क्या हो रहा है वायरल
फेसबुक यूजर ‘Er Nishi Kant Rai’ ने 1 फरवरी 2020 को एक पोस्ट शेयर किया। पोस्ट में 5 तस्वीरें हैं। पहली तस्वीर में बहुत-सी बंदूकें देखी जा सकती हैं। ये बंदूकें दिखने में AK 47, AK 56, स्टेनगन नज़र आ रहीं हैं। दूसरी तस्वीर में पुलिस के साथ कुछ लोगों को खड़ा देखा जा सकता है।पोस्ट के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा है, “दिल्ली से सटे बिजनौर में मदरसा और उसके अंदर बनी मस्जिद से बरामद हथियारों का जखीरा। मदरसे और उनके अंदर की मस्जिदें आतंक का अड्डा बन गयी हैं।” Er Nishi Kant Rai पुणे का रहने वाला है।
इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहाँ देखा जा सकता है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज़ इस दावे की पड़ताल पहले भी कर चुका है। पड़ताल में हमने पाया था कि पोस्ट में शेयर की गयी पहली तस्वीर गलत है। इस तस्वीर का बिजनौर मदरसा रेड से कोई लेना-देना नहीं है। यांडेक्स रिवर्स इमेज सर्च में हमारे हाथ @mehrzadalavinia नाम के एक इंस्टाग्राम यूजर द्वारा शेयर की गयी ये तस्वीर लगी थी। यह तस्वीर 17 April 2019 को अपलोड की गयी थी। आपको बता दें कि पुलिस द्वारा बिजनौर मदरसे में 11 जुलाई 2019 को रेड डाली गई थी।
ज़्यादा पुष्टि के लिए हमने बिजनौर के SP संजीव त्यागी से भी बात की थी। उन्होंने हमें बताया था, “शेरकोट में पुलिस ने बुधवार (जुलाई 11) दोपहर कंदला रोड पर एक मदरसे में छापामारी की थी। छापेमारी में पुलिस को मदरसे की तलाशी के दौरान एक पिस्तौल, दो मैग्जीन, चार तमंचे और 24 कारतूस मिले। पुलिस ने मदरसे से छह लोगों को हिरासत में लिया। मदरसे में एक सेफ में दवाइयों के डिब्बे रखे थे, इन्हीं में से हथियार मिले हैं।”
दूसरी तस्वीर सही है और बिजनौर में मदरसे में पड़ी रेड की ही हैं। असल में इस रेड में एक पिस्तौल, दो मैग्जीन, चार तमंचे और 24 कारतूस बरामद हुए थे, न कि AK 47, AK 56।
विश्वास न्यूज की पूरी पड़ताल आप यहां पढ़ सकते हैं।
निष्कर्ष: पड़ताल में हमने पाया था कि पोस्ट में शेयर की गयी पहली तस्वीर गलत है। इस तस्वीर का बिजनौर मदरसा रेड से कोई लेना-देना नहीं है। दूसरी तस्वीर सही है और बिजनौर में मदरसे में पड़ी रेड की ही हैं। असल में इस रेड में एक पिस्तौल, दो मैग्जीन, चार तमंचे और 24 कारतूस बरामद हुए थे, न कि AK 47, AK 56।
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