Quick Fact Check : 2017 में मनमोहन सिंह नहीं थे PM, वायरल पोस्‍ट फेक है

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि वायरल पोस्‍ट फर्जी है। 2017 में मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री नहीं थे।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी के वीडियो का एक स्‍कीनशॉट वायरल हो रहा है। इसके साथ यह लिखकर दावा किया जा रहा है कि जिनको वहम था कि मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, वह यह वीडियो देख लें।
तस्‍वीर में श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के बगल में सोनिया गांधी बैठी हुई हैं। वायरल पोस्‍ट के जरिए यह बताने की कोशिश की गई है कि यूपीए सरकार के दौरान प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह की कोई इज्‍जत नहीं थी।

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि जिस तस्‍वीर को वायरल की जा रही है, वह 2017 के एक वीडियो का स्‍कीनशॉट है। उस वक्‍त मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री नहीं थे।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर कुंवर सवाईसिंह ने 23 जून को एक पोस्‍ट अपलोड किया। इसमें श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रम सिंघे, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी को देखा जा सकता है। तस्‍वीर के ऊपर लिखा गया : ‘जिनको वहम था कि मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, वह यह वीडियो दो-चार बार आंखें खोलकर देख लें, सारा वहम दूर हो जाएगा।’

वायरल पोस्‍ट का ओरिजनल और आकाईव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने पहले भी एक बार वायरल पोस्‍ट की पड़ताल की थी। इसके लिए हमने गूगल रिवर्स इमेज टूल की मदद ली थी। इससे हमें 2017 का एक वीडियो मिला। NNIS न्‍यूज नाम यूट्यूब चैनल ने इसे अपलोड किया था। वीडियो के साथ लिखा गया कि अपनी चार दिवसीय भारत यात्रा के दौरान श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे अपोजिशन पार्टी की लीडर सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से मिले।

वायरल पोस्‍ट को लेकर विश्‍वास न्‍यूज ने कांग्रेस प्रवक्‍ता अखिलेश प्रताप सिंह से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि यह पहले भी कई बार वायरल हो चुका है। दक्षिणपंथी लोग मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी को बदनाम करने के लिए ऐसी हरकतें करते रहते हैं।

पूरी पड़ताल आप यहां पढ़ें।

अंत में हमने फर्जी पोस्‍ट करने वाले फेसबुक यूजर कुंवर सवाई सिंह की जांच की। हमें पता चला कि यह यूजर राजस्‍थान के बीकानेर का रहने वाला है। इसे 710 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि वायरल पोस्‍ट फर्जी है। 2017 में मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री नहीं थे।

False
Symbols that define nature of fake news
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