विश्वास न्यूज की पड़ताल में असम कांग्रेस के कथित नेता अमजत अली के नाम से वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। वायरल पोस्ट में बांगलादेश और कश्मीर की पुरानी तस्वीरों के जरिए झूठ फैलाने की कोशिश की गई है।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया में दो तस्वीरों के साथ एक सांप्रदायिक दावे वाली पोस्ट फिर से वायरल हो रही है। इसमें कहा जा रहा है कि असम में कांग्रेसी नेता अमजत अली को सेब की पेटी में हथियारों के साथ पकड़ा गया है। विश्वास न्यूज ने एक बार पहले भी ऐसी ही पोस्ट की जांच की थी। हमें पता चला कि वायरल पोस्ट पूरी तरह झूठी है। बांग्लादेश और कश्मीर की पुरानी तस्वीरों के जरिए झूठ फैलाने की कोशिश की गई है।
फेसबुक यूजर अमरदीप कुशवाहा ने 7 सितंबर को दो तस्वीरों को पोस्ट करते हुए दावा किया : “कोंग्रेसआतंकियोंके_साथ☹️ असम का कोंग्रेसी नेता #अमजतअली सेब की पेटी में हथियार और गोलियों के साथ हिरासत में लिया गया। हिंदुओ से भाईचारा निभाने का प्लान था बस #हेमंताविश्वाशर्मा की पुलिस ने सब गुड़ गोबर कर दिया”
फेसबुक पोस्ट का कंटेंट यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। इसके आकाईव्ड वर्जन को यहां क्लिक करके देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच करने के लिए सबसे पहले वायरल तस्वीरों की पड़ताल की। गूगल रिवर्स इमेज टूल की मदद से हमें पता चला कि वायरल तस्वीर बांग्लादेश के एक अपराधी की पुरानी तस्वीर है। एक ब्लॉग में हमें यह तस्वीर मिली। 17 मई 2018 को एक ब्लॉग में इस तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए लिखा गया कि बांग्लादेश में मुबारक हुसैन नाम के एक शिक्षक को यौन उत्पीड़न के आरोप में पकड़ा गया। पूरी खबर यहां क्लिक करके पढ़ी जा सकती है।
जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने दूसरी तस्वीर को इंटरनेट पर खोजना शुरू किया। हमें यह तस्वीर द कश्मीरी इमेजेज नाम की एक वेबसाइट पर मिली। 29 अक्टूबर 2018 की एक खबर में इस तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए लिखा गया कि श्रीनगर के बाहरी इलाके में नूरा अस्पताल के बाहर शूटआउट में तीन संदिग्ध आतंकियों को पकड़ा गया। पूरी खबर यहां देखें।
अब हमें यह जानना था कि क्या असम में किसी अमजत अली नाम के कांग्रेस नेता को अरेस्ट किया गया है? गूगल सर्च में हमें एक भी ऐसी खबर नहीं मिली, जो वायरल पोस्ट के दावे की पुष्टि करती हो।
पड़ताल के अगले चरण में विश्वास न्यूज ने असम के कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद रिपून बोरा से भी संपर्क किया। उन्होंने बताया, “यह पोस्ट बेबुनियाद है। अमजत अली नाम का कोई नेता असम कांग्रेस में नहीं है।”
पिछली पड़ताल को विस्तार से आप यहां पढ़ सकते हैं।
जांच के अंत में हमने फेक पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की। सोशल स्कैनिंग में पता चला कि यूजर अमरदीप कुशवाहा एक खास राजनीतिक विचारधारा से प्रभावित है। उनके चार हजार से ज्यादा फेसबुक फ्रेंड हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में असम कांग्रेस के कथित नेता अमजत अली के नाम से वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। वायरल पोस्ट में बांगलादेश और कश्मीर की पुरानी तस्वीरों के जरिए झूठ फैलाने की कोशिश की गई है।
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